UP Board 12th results: Dipika tops city
आईआईटी बना आईएएस तक पहुंचने का रास्ताइस 12वीं में टॉप करने वाले अधिकांश स्टूडेंट्स ने आईआईटी को अपना इमीडिएट गोल बताया। जबकि उनका अल्टीमेट गोल आईएएस बनना है। यानि आईआईटी इन स्टूडेंट्स के लिए आईएएस की कुर्सी तक पहुंचने के लिए एक सीढ़ी का काम करेगा।सेफ जोन ऑर श्योर शॉटदरअसल आईआईटी क्लीयर करने के बाद स्टूडेंट्स एक सेफ जोन में आ जाते हैं। अगर आईएएस नहीं बन पाए तो आईआईटी का टैग उनको ल्यूक्रेटिव जॉब तो दिलवा ही सकता है। जबकि आईआईटियंस का सिविल सर्विसेज में सक्सेस रेट काफी हाई है। इसे देखते हुए ज्यादातर ब्रिलिएंट स्टूडेंट्स आईआईटी को सिविल सर्विसेज के लिए सीढ़ी की तरह मानते हैं।सब ऐसा ही करते हैं
हाल ही में आईआईटी में संपन्न हुए कॉन्वोकेशन सेरेमनी में चीफ गेस्ट ई। श्रीधरन ने कहा था कि टेक्नोक्रेट्स का ब्यूरोक्रेसी में चला जाना एक अच्छा ट्रेंड नहीं है। आईआईटी से एक इंजीनियर को तैयार करने में गवर्नमेंट काफी पैसा खर्च करती है। और वो अगर अपना करियर स्विच करके आईएएस की दिशा में चला जाता है तो इसमें काफी नुकसान है। जब आई नेक्स्ट ने इस बारे में टॉपर्स से पूछा तो उनका जवाब था कि सभी ऐसा करते हैं, अगर वे ऐसा करेंगे तो इसमें गलत क्या है।Toppers speak
मेरा आईआईटी की जगह एचबीटीआई में एडमिशन लेने का प्लान है। क्योंकि इसी बार मेरी 553वीं रैंक आई है। मैं सीएस या मेकेनिकल लेने की कोशिश करूंगा। बीटेक के बाद मैं सिविल सर्विसेज की तैयारी करूंगा। -नीरज कुशवाह, 91.6 परसेंट, पं। दीनदयाल उपाध्याय इंटर कॉलेजअब आगे आईआईटी को लक्ष्य किया हुआ है। उसके बाद एमबीए करूंगा। अगर सिविल सर्विसेज के लिए समय मिला तो तैयारी जरूर करूंगा।-प्रियम सिंह, 91.6 परसेंट, पं। दीनदयाल उपाध्याय इंटर कॉलेजनंबर अच्छे आए हैं। इस बार आईआईटी में मनपसंद रैंक नहीं आई है। फिर से आईआईटी के तैयारी करूंगा और फिर आईएएस बनने का इरादा है। मुझे उम्मीद है कि यूपी गवर्नमेंट स्टूडेंट्स को लैपटॉप देगी। मुझे लैपटॉप की जरूरत है।-ज्ञानेंद्र अवस्थी, 91.2 परसेंट, पं। दीनदयाल उपाध्याय इंटर कॉलेजपहले मेरा आईआईटी क्रैक करने का प्लान है। फिर वहां से आईएएस के लिए प्रिपेयर करूंगा। लैपटॉप मिलता है तो काफी फायदा मिलेगा।-अमोघ मिश्रा, 90.6 परसेंट, पारितोष इंटर कॉलेजआईआईटी सलेक्टेडमैं फरुखाबाद से हूं। यहां हॉस्टल में रहकर पढ़ाई की। मेरा आईआईटी में सलेक्शन हो गया है। लेकिन मेरा अल्टीमेट गोल आईएएस बनना ही है।-शिवम दूबे, 83 परसेंट, पं। दीनदयाल उपाध्याय इंटर कॉलेज
मेरी आईआईटी में ओबीसी रैंक 3502 रही। लेकिन मैं काउंसलिंग में नहीं बैठा। मैं आईआईटी में बेहतर रैंक के लिए फिर से तैयारी करूंगा। बाद में मैं आईएएस बनना चाहता हूं।-अभि साहू, 83.6 परसेंट, पं। दीनदयाल उपाध्याय इंटर कॉलेज