पिछले महीने मूलगंज से गिरफ्तार किए इंडियन बनकर रह रहे बांग्लादेशी डॉ. रिजवान अहमद के पाकिस्तान से गहरे संबंध हैं. सुरक्षा एजेंसियों और सर्विलांस टीम को गहन छानबीन के बाद चौकाने वाली जानकारियों के साथ बड़ी सफलता मिली है. जांच में सामने आया है कि रिजवान लगातार पाकिस्तान के टच में था. क्योंकि 6 महीने में पाकिस्तान के अलग-अलग नंबरों पर 208 बार कॉल की वहीं पाकिस्तान से आने वाली 468 कॉल्स रिसीव कीं. ये सभी कॉल्स पाकिस्तान के आतंकवाद प्रभावित इलाके कराची और क्वेटा की हैं. इन नंबरों पर किससे और किस सिलसिले में बात होती थी ये राज उगलवाने में एजेंसियां लगी हैं.

कानपुर (ब्यूरो) क्वेटा पाकिस्तान के बलूचिस्तान की राजधानी है और आतंक से जुड़े कई बड़े नाम क्वेटा से ही हैैं। पाकिस्तान से लगातार बातचीत की पुष्टि होने के बाद आईबी के सीनियर अधिकारियों ने डीसीपी के साथ जेल में रिजवान अहमद से बात की तो वह टूट गया। कोई रास्ता न देख उसने सारी हकीकत बता दी। अब पुलिस इमरान अहमद पर रासुका यानी एनएसए लगाने की तैयारी कर रही है। इससे जुड़े दस्तावेज पुलिस ने शासन को भेज दिए हैैं वहीं पुलिस और आईबी ने इसकी जानकारी गृह विभाग को दे दी है, जिसके बाद शासन ने रिजवान पर रासुका लगाने की तैयारी शुरू कर दी है।

हवाला से जुड़ चुके हैैं तार
11 दिसंबर को मूलगंज पुलिस ने कूटरचित भारतीय आधार कार्ड के साथ बांग्लादेशी नागरिक डॉ। रिजवान अहमद को गिरफ्तार किया है। 24 साल पहले रिजवान ने कानपुर के मूलगंज में रहने वाली भारतीय महिला से शादी की थी, जिससे उसे दो बेटे और एक बेटी भी है। पुलिस ने आरोपी, उसकी पत्नी, ससुर और बेटे व बेटी को गिरफ्तार किया था। आरोपी की पत्नी के पास से भारतीय और बांग्लादेशी दोनों देशों के पासपोर्ट बरामद हुए। जबकि परिवार के अन्य सदस्यों के पास बांग्लादेशी पासपोर्ट के साथ भारतीय आधार कार्ड बरामद हुआ था। रिजवान के फ्लैट से तमाम संदिग्ध चीजें मिली थीं, जिसमें भारत में प्रतिबंधित दवा (बांग्लादेशी नशे की गोली) भारी मात्रा में बरामद हुई थी।

26 जनवरी के बाद रिमांड
भारत और बांग्लादेश के साथ ही डॉ। रिजवान के पास से दो पासपोर्ट और मिले थे, जिनकी जांच करने पर कुछ बहुत गंभीर जानकारियां सामने आई हैं। दरअसल बरामद पासपोर्ट में से एक पासपोर्ट पाकिस्तान का है। ये पासपोर्ट कैसे बनाया गया? इस पर कितने बार यात्रा की गई? इसे बनवाने में कौन-कौन शामिल है? इसकी जानकारी 26 जनवरी के बाद सुरक्षा एजेंसियां करेंगी।

क्या होता है रासुका
नेशनल सिक्योरिटी एक्ट या राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका), एक ऐसा कानून है जिसके तहत किसी खास संभावित खतरे के चलते व्यक्ति को हिरासत में लिया जाता है.अगर प्रशासन को लगता है कि किसी शख्स की वजह से देश की सुरक्षा और सद्भाव को खतरा हो सकता है, तो उसे रासुका के तहत हिरासत में ले लिया जाता है। इस कानून को 1980 में बनाया गया था। इस कानून का इस्तेमाल पुलिस कमिश्नर, डीएम या राज्य सरकार कर सकती है। अगर सरकार को लगे कि कोई व्यक्ति बिना किसी मतलब के देश में रह रहा है और उसे गिरफ्तार किए जाने की जरूरत है तो उसे भी गिरफ्तार कर सकती है। कुल मिलाकर ये कानून किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में या गिरफ्तार करने का अधिकार देता है।
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बांग्लादेशी डॉ। रिजवान से जेल में पूछताछ की गई थी। कुछ राष्ट्रविरोधी गतिविधियां सर्विलांस के माध्यम से सामने आई हैैं। जो शर्तें रासुका के लिए चाहिए, वे सभी पूरी हो रही हैैं। फाइल तैयार कर शासन को अनुमति के लिए भेजी गई है, जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
बीपी जोगदण्ड पुलिस कमिश्नर

Posted By: Inextlive