-राणाप्रताप नगर में निवासी है, पिता पीडब्ल्यूडी में इंजीनियर है

-काकादेव के भदौरिया चौराहे पर हुआ हादसा, पब्लिक ने दौड़ाकर पकड़ा

-भागने के चक्कर में राहगीर को भी टक्कर मारी, दो साथी फरार हुए

KANPUR : काकादेव में शनिवार को पीडब्ल्यूडी इंजीनियर के बिगड़ैल बेटे ने तेज रफ्तार कार से स्टूडेंट को उड़ा दिया। कार की स्पीड इतनी ज्यादा थी कि वो पांच फिट दूर जाकर गिरा, वो गंभीर रूप से घायल हो गया। एक राहगीर ने कार को रोकने की कोशिश की तो इंजीनियर के बेटे ने उसको भी टक्कर मार दी। वो किसी फिल्मी सीन की तरह करीब सौ मीटर तक बोनट पर लटके रहने के बाद रोड पर गिरकर गंभीर रूप से चुटहिल हो गया। राहगीरों ने सबक सिखाने के लिए कार का पीछा किया तो भागने के चक्कर में कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। राहगीरों ने कार सवार एक युवक को तो पकड़ लिया, जबकि उसके साथी भाग निकले। पब्लिक ने उसे पीटने के बाद पुलिस के सुपुर्द कर दिया।

100 की स्पीड में थी गाड़ी

कल्याणपुर के राणा प्रताप नगर में रहने वाले आनन्द श्रीवास्तव पीडब्ल्यूडी में इंजीनियर हैं। उनके बेटा प्रणव ने इसी साल वुडवाइन स्कूल से इंटर पास किया है। वो शनिवार को कल्याणपुर निवासी दोस्त रजत के साथ कार से घूमने के लिए निकला था। रास्ते में उनसे दोस्त यश को पिक किया, इसके बाद वे काकादेव होते हुए स्वरूपनगर में घूमने जा रहे थे। वहां पर उनके और दोस्तों को मिलना था। प्रणव काफी तेज स्पीड में कार चला रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कार की स्पीड 80 से 100 के बीच में थी, जबकि उसी रोड पर औसतन कार की स्पीड 40 रहती है।

भागने में स्पीड बढ़ा दी

कार सवार भदौरिया चौराहे पर पहुंचे ही थे कि कार अनियंत्रित हो गई। प्रणव कार को संभाल नहीं पाया और उसकी चपेट में जिला पंचायत कर्मी रमेश का बेटा अनुराग (17) आ गया। कार की स्पीड इतनी ज्यादा थी कि उसकी टक्कर से अनुराग करीब पांच फिट दूर जाकर गिरा। उसके गंभीर रूप से चुटहिल हो गया। हादसे से रोड पर अफरा-तफरी मच गई। राहगीरों ने कार को रोकने की कोशिश की तो प्रणव ने भागने के चक्कर में कार की स्पीड और बढ़ा दी।

पेड़ से टकरा गई कार

इलाकाई निवासी शगीर कार को रोकने के लिए उसके सामने आ गए। इसके बाद भी प्रणव ने कार को नहीं रोका, बल्कि उसने भगाने के चक्कर में शगीर को टक्कर मार दी। कार के वाइपर पकड़ने से शगीर बोनट पर लटक गया। वो करीब सौ मीटर बोनट पर लटका रहा। शगीर के कार से गिरने से राहगीर और भड़क गए। उन्होंने सबक सिखाने के लिए कार का पीछा किया तो प्रवण ने आरटीओ की रोड पर कार मोड़ दी। वहां पर आगे जाकर कार मोड़ पर पेड़ से टकराकर रुक गई। उसी वक्त राहगीर वहां पहुंच गए। उन्होंने प्रणव को पकड़ लिया, जबकि उसके साथी कार से उतरकर भाग गए।

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बिना लाइसेंस गाड़ी चला रहा था

पुलिस ने प्रणव को हिरासत में लेते ही उससे लाइसेंस मांगा तो वो गोलमोल जवाब देने लगा। उसने पहले कहा कि मैंने अभी तक लाइसेंस नहीं बनवाया है। फिर उसने कहा कि मेरा लाइसेंस बन गया है, लेकिन वो घर पर है। उसने साथियों के बारे में बताया कि रजत उसका खास दोस्त है। यश तो उसे रास्ते में मिल गया था। इसलिए उसने उसको कार में बैठा लिया था।

Posted By: Inextlive