नई सड़क हिंसा मामले में सुरक्षा एजेंसियों का शिकंजा हयात जफर हाशमी और उसके मिलने वालों पर कसता जा रहा है. मामले में कानपुर कमिश्नरेट और एसआईटी के साथ कंधे से कंधा मिला कर जांच कर रही एटीएस ने जफर हयात हाशमी और उसकी पत्नी की वाट्सएप चैट रिकवर कर ली है. इस पूरी चैट में दो दर्जन से ज्यादा लोगों की मौैजूदगी मिली है. साथ ही धार्मिक टिप्पणियां कर लोगों के उकसाने और बड़ी संख्या में लोगों को जोडऩे के लिए कहा गया है. धर्म के नाम पर कुर्बान होने पर जन्नत मिलती है. इस तरह की बातें भी चैट में लिखी गई हैैं. इस भाषा को पढऩे के बाद सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि जफर हयात हाशमी के मंसूबे देश की साख को मिट्टïी में मिलाने की थी. हालांकि इस बात का खुलासा पहले ही हो चुका है कि जफर के मंसूबे नेक नहीं थे.

कानपुर (ब्यूरो) एटीएस सूत्रों की माने तो हयात जफर हाशमी के धर्म से जुड़े हुए दो दर्जन से ज्यादा गु्रप हैैं। 15 ग्रुपों की डिटेल को 2 जून की शाम को डिलीट किया गया था। सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर इन 15 ग्रुपों में ऐसा क्या था जो डिलीट कर दिया गया। डेटा रिकवर होने पर आधी से ज्यादा जानकारी एटीएस के हाथ लग गई है। अधिकारिक सूत्रों की माने तो 60 फीसद डेटा रिकवर हो गया है, इससे जोड़ कर क्वेश्चनायर तैयार किया गया है। रिमांड के दौरान इस डेटा को सामने रख कर इस क्वेश्चनायर में शामिल हर छोटी बड़ी जानकारी ली जाएगी।

देश के बाहर भी हयात के कनेक्शन
कॉल डिटेल, फॉरेंसिक और दूसरी जानकारियों के साथ इलेक्ट्रानिक इविडेंस भी एटीएस ने कलेक्ट कर लिए हैैं। इस पूरी जानकारी के मुताबिक हयात जफर हाशमी, उसके तीन साथी, परिवार और दो दर्जन लोगों पर देशद्रोह का मामला चल सकता है। अतिसंवेदनशील शहर में 1 जून से दो जून की रात तक हयात जफर और उसके साथ पकड़े गए तीनों साथियों के मोबाइल की लोकेशन लगातार शहर में रनिंग मिली है, जिससे साफ पता चल रहा है कि तीन जून के लिए भले ही हयात ने पुलिस कमिश्नर से वायदा तो कर दिया था लेकिन वह लगातार घूम-घूम कर लोगों को इकट्ठा कर रहा था। जिसके बाद तीन जून को उसने बवाल करा दिया।

Posted By: Inextlive