बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई में 17 सितंबर को मांस की ब्रिकी पर लगे प्रतिबंध के आदेश पर रोक लगा दी है। हालांकि कोर्ट ने नगर निगम के जानवरों के मारने के आदेश में कोई दखल नहीं दिया है। यानी अब 17 सितंबर को मांस तो बेचा जा सकेगा लेकिन बूचड़खानों में जानवरों का वध नहीं किया जा सकेगा। बता दें कि मुंबई नगर निगम ने जैन धर्म के पर्यूषण पर्व के दौरान मांस बिक्री पर रोक लगाई थी। पहले चार दिन की रोक लगाई थी लेकिन विरोध के बाद इसको 10 व 17 सितंबर कर दिया गया था। कोर्ट ने बॉम्बे मटन डीलर्स एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया है।


कोर्ट ने इस आधार पर दी अनुमतिबॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि इससे पहले भी इस तरह के आदेश दिए जा चुके हैं। लेकिन, यह कभी भी पूरी तरह से लागू नहीं हो पाया। कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या नगर निगम व पुलिस के अधिकारी घर में घुसकर इसको रोकेगी? कोर्ट ने कहा कि मुंबई जैसे आधुनिक शहर में इस तरह के फार्मूले लागू नहीं हो सकते हैं। ऐसे में इस तरह की पाबंदी का कोई अर्थ नहीं है। जमकर हुई थी सियासतबता दें कि मुंबई में मीट पर पाबंदी का आदेश का जमकर विरोध हुआ है। इस मामले में सिर्फ मीट शॉप ओनर्स ही नहीं बल्कि शिवसेना सहित कई राजनीतिक पार्टियों ने भी बयानबाजी की थी। जबरदस्त सियासतबाजी के बाद नगर निगम ने इस पाबंदी को घटाकर दो दिन किया था।

Posted By: Inextlive