- बालरोग अस्पताल की इमरजेंसी में बढ़ी सीवियर डायरिया और कॉलरा से पीडि़त बच्चों की संख्या

KANPUR: मौसम का बिगड़ा हाल बच्चों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। बच्चों में डायरिया और कॉलरा की तेजी से फैल रहा है। इसकी बड़ी वजह खराब पानी और खान पान है। मेडिकल कॉलेज के बालरोग अस्पताल की इमरजेंसी में इस समय सीवियर डायरिया और कॉलरा से पीडि़त बच्चे भर्ती हो रहे हैं। पीडियाट्रिक विभाग की ओपीडी में आने वाले 30 फीसदी बच्चे भी डायरिया के शिकार ही हैं। इसके अलावा वायरल फीवर भी मौजूदा समय में बच्चों को बीमार कर रहा है।

इमरजेंसी और एनआइर्सीयू भरे

बालरोग विभाग में मौजूदा समय में बड़ी संख्या में डायरिया और कॉलरा से पीडि़त बच्चे आ रहे हैं। मंगलवार को ही 20 बच्चे भर्ती हुए। इनमें से कई सीवियर डायरिया से पीडि़त थे। डॉक्टर्स के मुताबिक इमरजेंसी अपनी पूरी क्षमता से काम कर रही है। यहां कानपुर के अलावा आसपास के जिलों के बच्चे भी भर्ती हो रहे हैं।

ओआरएस के गलत घोल का भी खतरा

बालरोग विभाग के प्रोफेसर डॉ। एके आर्या बताते हैं कि डायरिया से पीडि़त बच्चों को हम ओआरएस का घोल पिलाने को कहते हैं, लेकिन कई बार पेरेंट्स गलत अनुपात में पानी में ओआरएस का घोल मिला कर देते हैं। जिसके अपने नुकसान हैं। एक पैकेट ओआरएस को एक लीटर पानी में मिला कर देना चाहिए। न उससे कम न उससे ज्यादा। कम पानी में ओआरएस का पैकेट मिला कर पिलाने के भी अपने नुकसान होते हैं।

कॉलरा और डायरिया में ऐसे करें फर्क

कॉलरा और डायरिया दोनों में ही पीडि़त को काफी स्टूल होता है। जोकि शरीर को निचोड़ देता है, लेकिन दोनों के बीच एक फर्क है। कालरा कई बार डायरिया से ज्यादा घातक साबित होता है। इसमें पीडि़त को पानी की तरह का सफेद रंग का स्टूल होता है। साथ ही उल्टी भी आती है।

वर्जन-

गंदे पानी और बासी खाने की वजह से डायरिया की प्रॉब्लम हो रही है। अस्पताल में बच्चे काफी देर से आते हैं, ऐसे में उनकी हालत पहले ही काफी खराब होती है। फिर भी उन्हें बेहतर तरीके से मैनेज किया जा रहा है।

- प्रो। एके आर्या, सीएमएस, बालरोग अस्पताल, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive