मोतीझील स्थित तुलसी उपवन में बने रामायण थीम पार्क को तीन साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार सैटरडे को कानपुराइट्स के लिए चालू कर दिया गया. कानपुर के पहले इस थीम पार्क में पहली डिजीटल मूवी दिखाई गई. शाम 7 से 8 बजे चले पहले शो में डिजीटल रामायण मूवी दिखाई गई. इसे बनाने का मुख्य उद्देश्य कानपुर में टूरिस्ट को बढ़ावा देना है. पर्यटन विभाग ने इसे लगभग 5.50 करोड़ की लागत से बनवाया है. लंबे इंतजार के बाद सैटरडे को इसका पहला शो था.

कानपुर (ब्यूरो) थीम पार्क के आउटडोर एरिया में 75 मीटर की स्क्रीन पर श्रीराम के जीवन के साथ रामचरित मानस के रचयिता तुलसीदास के जीवन को भी दिखाया गया है, 17.57 मिनट की मूवी में दर्शाया गया कि कैसे तुलसी जी ने अपने बचपन के नाम 'रामबोलाÓ से लेकर तुलसीदास बनने तक कैसे सफर पूरा किया। इसके बाद तुलसी जी ने कब चित्रकूट में बैठकर रामचरित मानस लिखी। इसके अलावा कानपुर से लेकर चित्रकूट और सरयू के घाटों के अद्भुत नजारों को दिखाया गया। जिसमें कनक मंदिर, भारद्वाज ऋषि के आश्रम के अनछुए पहलुओं, बिठूर स्थित सीता रसोई और लव-कुश आश्रम के भी दर्शन मूवी के माध्यम से हुए। श्रीराम और सीता ने जहां-जहां अपना जीवन व्यतीत किया, उन सभी को डिजिटल मूवी के माध्यम से दिखाया गया।

नवरात्र तक फ्री शो
साल 2018 में डिजिटल रामायण थीम पार्क बनाने के लिए पर्यटन विभाग को जिम्मा सौंपा गया था। जिसे एनपीपीसी (नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन) के तहत बनाया गया है। कंपनी के अधिकारी निशांत अग्रवाल बतातें हैं कि लगभग 5.50 करोड़ की लागत से इसे बनाया गया है। कार्य 2018 से शुरू हुआ और सितंबर 2021 में खत्म हो गया। रामायण थीम का ट्रायल पहले ही हो चुका है, नवरात्र तक यह शो फ्री चलाया जा रहा है। इसके बाद निर्धारित किए गए रेट के हिसाब से टिकट लगेगा।

तीन साल से लटका था काम
सितंबर 2021 को थीम पार्क का ट्रायल किया गया था। इसके बाद से यह बंद पड़ा था। अधूरे कार्य के कारण नगर निगम ने पर्यटन विभाग को चिट्ठी लिखकर कहा था स्वदेश योजना के तहत बनाया गया डिजिटल रामायण थीम पार्क नगर निगम को सौंप दिया जाए। जिसे पूरा कर इसे नगर निगम को सौंप दिया गया है। अब इसकी देखरेख का जिम्मा नगर निगम के पास है।

डिजिटली तरीके से पढ़े सुंदरकांड
रामायण थीम में सुंदर कांड और हनुमान चालीसा को डिजिटली पढऩे का आप्शन है। डिजिटली एक किताब तैयार की गई है, इसमें लोग बिल्कुल किताब की तरह ही 12 पेज में सुंदरकांड और 3 पेज में हनुमान चालीसा पढऩे के लिए बनाया गया है। पन्ने पलटने के लिए सेंसर भी लगाए गए हैं।

Posted By: Inextlive