-इंडिया से छोटे देश श्रीलंका और थाईलैंड टूरिस्ट्स को कर रहे आकर्षित

-देश में टूरिज्म यूनिवर्सिटी खोलने की जरूरत, ताकि ट्रेंड स्किल मिले

-एक्सपर्ट और ब्यूरोक्रेट्स के आपसी कोऑर्डिनेशन के अभाव में टूरिज्म ठप

KANPUR : आपसी को-ऑर्डिनेशन के अभाव में देश का टूरिज्म डेवलप नहीं हो पा रहा है। इस दिशा में किए जा रहे डेवलपमेंट प्रोजेक्ट सिर्फ फाइलों तक ही सीमित हैं। ब्यूरोक्रेट्स अपने हिसाब से चला रहे हैं। वह टूरिज्म एक्सपर्ट की राय की पूरी तरह से अनदेखी कर रहे हैं। अगर किसी टूरिस्ट प्लेस पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जाएंगी तो ऐसे में कोई भी टूरिस्ट आपके दरवाजे पर दस्तक नहीं देगा। जबकि आज के डेट में टूरिस्ट सुविधाओं के लिए आराम से पैसा खर्च करने के लिए तैयार है, लेकिन हम उसे सुविधा ही नहीं दे पा रहे हैं। यहां पर विदेशी से ज्यादा देशी पर्यटकों की संख्या है। ऐसे में टूरिज्म सेक्टर पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। यह जानकारी टूरिज्म सार्क फोरम के प्रेसीडेंट व महाराजा अग्रसेन यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश के वाइस चांसलर प्रो। एस पी बंसल ने दी। वह सीएसजेएमयू में टूरिज्म पर ऑर्गनाइज की गई नेशनल सेमिनार में शिरकत करने पहुंचे थे।

अलग-अलग टूरिज्म डेवलप करने की जरूरत

प्रेसीडेंट प्रो। बंसल ने बताया कि इंडिया में टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। हेरीटेज, कल्चरल, मेडिकल जैसी फील्ड में टूरिज्म डेवलप करने की जरूरत है। हालांकि कर्नाटक में मेडिकल टूरिज्म पर काफी काम किया गया है। मेडिकल टूरिज्म ऐसे प्वाइंट पर डेवलप किया जाए, जहां पर बेस्ट हॉस्पिटल के साथ आसपास के एरिया में शानदार रिसॉर्ट हों ताकि यहां आने वाले विदेशी इलाज के साथ कुछ नेचुरल फील कर सकें।

छोटे देशों में जा रहे टूरिस्ट

पिछले साल वीजा नियमों में कुछ लिबर्टी दी गई है, जिसका फायदा दुनिया के करीब 113 देशों को मिला है। व‌र्ल्ड में 1150 मिलियन टूरिस्ट हैं। जिसमें से करीब 7.68 परसेंट विदेशी पर्यटकों ने साल 2014 में भारत का भ्रमण किया है। एशिया में श्रीलंका व थाईलैंड में हमारे देश से ज्यादा विदेशी पर्यटक जा रहे हैं। व‌र्ल्ड टूरिज्म में इंडिया का शेयर 1.58 परसेंट है, जो उम्मीद से बहुत कम है। हमें अपने यहां आधारभूत सुविधाएं मुहैया करानी होंगी।

स्मार्ट सिटीज को करें टूरिज्म से कनेक्ट

उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी को टूरिज्म से कनेक्ट करने की जरूरत है। यूपी की दस सिटीज को स्मार्ट सिटी के रूप में डेवलप किया जाएगा। इन स्मार्ट सिटीज को आपस में कनेक्ट कराकर अलग-अलग शहरों के अनुसार टूरिज्म डेवलप किया जाए। इसके साथ ही इन दस शहरों को आपस में एयरबस से कनेक्ट कर दिया जाए तो निश्चित तौर पर यूपी के पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा। बेसिक सुविधाएं लोकल कम्युनिटी को भी उपलब्ध करानी होंगी।

गेटवे के रूप में डेवलप करें

कानपुर को टूरिस्ट के लिए गेटवे के तौर पर डेवलप करना चाहिए। अच्छी बात ये है कि पौराणिक स्थल के रूप में बिठूर को डेवलप किया जा सकता है। सिर्फ बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने की जरूरत है। इसके अलावा 1857 की क्रांति से कनेक्ट करने वाले कई स्थानों को विकसित किया जा सकता है। भीतरगांव का ईंट का मंदिर जैसे स्थान भी टूरिज्म को प्रमोट करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इन स्थानों पर टूरिस्ट को ले जाने व बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराने की जरूरत है।

इंडिया मे विदेशी टूरिस्ट

तमिलनाडु 20.6 परसेंट

महाराष्ट्र 19.4 परसेंट

उत्तर प्रदेश 12.9 परसेंट

दिल्ली 10.3 परसेंट

राजस्थान 6.5 परसेंट

इंडिया में डोमेस्टिक टूरिस्ट

तमिलनाडु 25.6 परसेंट

उत्तर प्रदेश 14.3 परसेंट

कर्नाटक 9.2 परसेंट

महाराष्ट्र 7.3 परसेंट

आंध्र प्रदेश 7.2 परसेंट

Posted By: Inextlive