एशिया और लातिनी अमरीका में इंटरनेट का प्रयोग तेज़ी से बढ़ रहा है. ये कहना है इंटरनेट मार्केटिंग शोध कंपनी कॉमस्कोर का.

कॉमस्कोर ने मार्च 2010 से लेकर मार्च 2011 के आंकड़ों के आधार पर एक रिपोर्ट जारी की है जिसके अनुसार उत्तरी अमरीका और यूरोप में इंटरनेट का इस्तेमाल पहले जैसा ही बना हुआ है जबकि विकासोन्मुख देशों में ये तेज़ी से बढ़ा है। रिपोर्ट कहती है कि सबसे अधिक वृद्धि चीन में देखी गई जो 20 प्रतिशत रही जिसका मतलब ये हुआ कि पिछले एक साल में इंटरनेट के साढ़े चार करोड़ उपभोक्ता और बढ़ गए हैं।
भारत में इंटरनेट के प्रयोग में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि ब्राज़ील में 19 प्रतिशत और रूस में 18 प्रतिशत। कॉमस्कोर का कहना है कि जैसे जैसे ब्रॉडबैंड सुविधाओं का विस्तार होगा इंटरनेट का प्रयोग और बढ़ेगा।

भारत के युवा उपभोक्ता
उल्लेखनीय है कि भारत में इंटरनेट के उपभोक्ता मुख्य रूप से युवा पीढ़ी के हैं। तीन चौथाई उपभोक्ता 35 वर्ष से कम उम्र के पाए गए। इसमें भी युवक इंटरनेट पर युवतियों से अधिक समय बिताते हैं। सबसे अधिक ट्रैफ़िक सर्च इंजनों और सोशल नेटवर्किंग वैबसाइटों पर रहा।

भारत में सोशल नेटवर्किंग वैबसाइटें इंटरनेट के कुल उपभोक्ताओं में से 84 प्रतिशत तक पहुंच रही हैं। ईमेल, मल्टीमीडिया, समाचार और डाउनलोड के प्रयोग में भी भारी वृद्धि हुई है। इंटरनेट कैफ़े के बढ़ते चलन ने लोगों को इंटरनेट उपलब्ध कराने में भारी योगदान किया है। इसके अलावा दफ़्तरों और घरों पर भी ये सुविधा बढ़ती जा रही है।
फ़ेसबुक की नज़र भारत पर
पश्चिमी देशों में सोशल नेटवर्किंग वैबसाइट फ़ेसबुक के उपभोक्ताओं में गिरावट आई है लेकिन भारत और ब्राज़ील जैसे देशों के उपभोक्ता इसकी कमी पूरी कर रहे हैं।
फ़ेसबुक के विकास की जानकारी और विश्लेषण करने वाली इन्साइड फ़ेसबुक के आंकड़े इस बात का संकेत हैं कि जिन देशों में फ़ेसबुक उपभोक्ताओं की तेज़ी से वृद्धि हुई थी वहां अब गिरावट आ रही है।
फ़ेसबुक का कहना है कि मई के महीने में अमरीका में लगभग 60 लाख उपभोक्ताओं ने फ़ेसबुक का प्रयोग छोड़ दिया। ब्रिटेन में फ़ेसबुक ने एक लाख उपभोक्ता खो दिए जबकि नॉर्वे और रूस में भी गिरावट देखी गई।
लेकिन फ़ेसबुक का दुनिया भर में प्रयोग बढ़ रहा है। मैक्सिको, ब्राज़ील, भारत और इंडोनेशिया में सबसे अधिक ट्रैफ़िक पाया गया है। विश्लेषकों का कहना है कि फ़ेसबुक चीन के विशाल बाज़ार में प्रवेश करने की योजना बना रही है हालांकि ईबे और गूगल जैसी वेबसाइटों को चीन में काम करने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा है।

Posted By: Inextlive