आखिर कानपुर की मेट्रो को पहली बार शहर की धरती पर चलाकर देखा गया. असेंबङ्क्षलग एरिया से निकाल कर मंडे को उसे डिपो के अंदर ही ट्रैक पर चलाया गया. इसके साथ ही सिग्नल के साथ रुकने चलने का परीक्षण करने के साथ ट्रेन के अंदर से ही इसके दरवाजे खोलने और बंद करने की चेङ्क्षकग की गई.

कानपुर (ब्यूरो) पिछले माह के अंत में मेट्रो की पहली ट्रेन के कोच कानपुर आए थे। इन तीनों कोच को उसी समय उतार कर असेंबङ्क्षलग एरिया के अंदर ले जाया गया था। इसके बाद से इसके तमाम पुर्जों को असेंबल करने का कार्य चल रहा था। साथ ही ट्रेन के विभिन्न उपकरणों की चेङ्क्षकग की गई। आखिरकार सारी चेङ्क्षकग पूरी करने के बाद मंडे को इसे चलाकर देखने के लिए असेंबङ्क्षलग एरिया से बाहर लाया गया। इसे डिपों के अंदर ही ट्रैक पर चलाया गया। शाम से रात तक मेट्रो को ट्रैक पर अलग-अलग स्पीड पर चलाकर देखा जाता रहा।

90 किमी की रफ्तार से चली मेट्रो
मेट्रो को यूं तो अधिकतम 80 किलोमीटर की रफ्तार पर चलाया जाता है, लेकिन डिपो में परीक्षण के दौरान इसे 90 किलोमीटर तक की रफ्तार में चलाया गया। अब जल्द ही मेट्रो को बाहर के मुख्य रूट पर ले आया जाएगा। शाम चार बजे करीब ही मेट्रो को बाहर ले आया गया था। इसके बाद रात पौने आठ बजे तक इसे चलाकर देखा गया।

Posted By: Inextlive