डीजी साहब, थानों में नहीं होती फरियादियों की सुनवाई
- सिटी में पुलिस की कार्यशैली की समीक्षा करने आए थे नोडल अफसर
-जनप्रतिनिधियों ने आईना दिखाया तो शर्मसार हो गए पुलिस अफसर KANPUR : सिटी में पुलिस की कार्यशैली और क्राइम की समीक्षा करने आए नोडल अफसर डीजी सीबीसीआईडी वीरेंद्र कुमार को जनप्रतिनिधियों ने आईना दिखा दिया। जनप्रतिनिधियों ने नोडल अफसर से कहा कि थानों में फरियादियों की सुनवाई नहीं होती है। जिसे सुनकर डीजी सीबीसीआईडी शर्मसार हो गए। इस बाबत जब मीडिया ने सवाल किया तो डीजी ने सफाई दी कि अब सबकुछ तो ठीक नहीं रहता, सुधार की जरूरत है। कार्यशैली सुधारने के लिएमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस की कार्यशैली सुधारने के लिए हर जिले का एक नोडल अफसर बनाया है। डीजी सीबीसीआईडी वीरेंद्र कुमार को शहर का नोडल अफसर बनाया गया है। मंगलवार को नोडल अफसर शहर आ गए थे। उन्होंने जेल और महाराजपुर थाने का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने शाम को जनप्रतिनिधियों के साथ मीटिंग की। उन्होंने जैसे ही जनप्रतिनिधियों से बात की तो मेयर प्रमिला पांडेय ने कहा कि जहां पुलिस की जरूरत होती है, वहां पर पुलिस दिखाई नहीं देती है। वहीं विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने कहा कि डॉयल 100 और थानेदारों में तालमेल नहीं रहता है। सपा विधायक सतीश निगम ने पुलिस पर फरियादियों को ही थाने और पुलिस चौकी में बैठाए जाने का आरोप लगाया। पूर्व विधायक रघुनंदन भदौरिया ने तो खुद के बेटे का उदाहरण देते हुए बताया कि उनके बेटे की गाड़ी परमट से चोरी हो गई थी। जब बेटा थाने गया तो उसको कहकर वापस भेज दिया कि चोरी तो होती रहती है। उन्होंने पुलिस कार्यशैली सुधारने का वादा किया।
माफी चाहता हूं, ट्रैफिक में फंस गया था डीजी सीबीसीआईडी देर से पहुंचने पर जनप्रतिनिधियों से यह कहकर माफी मांगी कि वह ट्रैफिक में फंस गए थे। इस पर एक जनप्रतिनिधि ने होमगार्ड को हटाए जाने से ट्रैफिक प्रॉब्लम होने का आरोप लगाया।