पानी के नाम पर 'जहर' पी रहे हैं कानपुराइट्स!
- कानपुर में होने वाली वाटर सप्लाई के सोर्स और ट्रीटेड वाटर की दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने कराई इंडीपेंडेंट लैब से जांच
- कई मानकों पर खरा नहीं उतरा पानी, पंपिंग स्टेशन के पास कीड़े मिलने के बाद पीने वाले पानी को लेकर उठे कई सवाल KANPUR: भैरोंघाट में वाटर पंपिंग स्टेशन के पास गंगा में कीड़े मिलने के बाद शहर में सप्लाई होने वाले पानी की क्वालिटी को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। जिसके बाद कानपुर कॉलिंग में कानपुराइट्स ने दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट से इसकी सच्चाई पता लगाने की रिक्वेस्ट की। जिसके बाद फ्राइडे को दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने एक गवर्नमेंट टेक्निकल इंस्टीट्यूट में पानी की जांच कराई। जिसके बाद मालूम चला कि मानक पर खरा नहीं है जलकल की ओर से लाखों घरों में सप्लाई किया जा रहा पानी।दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने आपको बताया था कि कैसे नगर निगम ने पानी के सैंपलों की जांच रिपोर्ट तीन महीने से स्वास्थ्य विभाग को भेजी ही नहीं है। जिसके बाद हड़कंप मच गया। आज हम आपको बताएंगे कि आपको जो पानी सप्लाई किया जा रहा है और जो पानी अपने नलों में आ रहा है उसकी गुणवत्ता क्या है? कानपुराइट्स कीहेल्थ से जुड़े इस मसले पर हमने खुद शहर के तीन इलाकों से पानी के सैंपल लिए और उसे एक प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान की लैब में चेक कराया। लैब का नाम इसलिए पब्लिश नहीं कर रहे हैं क्योंकि वो भी उत्तर प्रदेश सरकार के तहत आती है।
पानी की गुणवत्ता के ये पैरामीटर्स - ऑर्गेनोल्पटिक व फिजिकल पैरामीटर्स इसमें पानी का कलर, टेस्ट, डिजाल्व सॉलिड, पीएस वैल्यू और टोटल हॉर्डनेस को देखा जाता है। बड़ी बात ये है कि पानी में इसकी मात्रा स्टैंडर्ड से कम से ज्यादा दोनों ही स्थिति में हानिकारक साबित होती है। इसलिए स्टैंडर्ड को मेंटेन रखना सबसे अहम होता है। - जनरल पैरामीटर्स रिलेटेड टू अनडिजॉयरेबल एक्सेसिव अमाउंट्स इसमें पानी में आयरन, एल्युमिनियम, कॉपर, मैगनीज, जिंक, मैग्नीशियम, बेरियम, कैल्शियम, सिल्वर, सिलेनियम,मोलेबेडिनम, बोरोन, नाइट्रेट, सल्फेट, फ्लोराइड, क्लोराइड, अमोनिया, एनियोनिक डिटर्जेट, मिनरल ऑयल, रिसाइडल फ्री क्लोरीन के स्तर को चेक किया जाता है। - टॉक्सिक सब्सटॉसेस पैरामीटर्स इसमें पानी में क्रोमियम, आर्सेनिक, मरकरी, कैडमियम, लेड, निकल, साइनाइड, पॉलीन्यूक्लियर एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन, ब्रोमोफोर्म, क्लोरोफार्म समेत कई चीजों की मात्रा चेक होती है। - रेडियोएक्टिव सब्सटॉसिव पैरामीटर्स इसमें पानी में रेडियोएक्टिव मैटेरियल जैसे अल्फा इमीटर्स व बीटा इमीटर्स के स्तर की जांच हाेती है। -पेस्टीसाइड रिसाइड्स लिमिट-इसमें पानी में डीडीटी, गामा, एट्राजिन, इसोप्रोटुरोन आदि के स्तर की जांच होती है।
-------------------- ये रहा स्तर - सैंपल- टीडीएस- टीएच भैरोंघाट-205-175 मोतीझील-162-150 जवाहर नगर-232-225 नोट-ये स्तर मानक से ज्यादा है। - टोटल डिजॉल्व सॉलिड यानी टीडीएस - एक्सेप्टेबल लिमिट- 500 मिलीग्राम प्रति लीटर मैक्सिमम। इसके ज्यादा होने से नुकसान- इसकी वैल्यू पानी में ज्यादा होने से पेट से संबंधित रोग होते हैं। - टोटल हार्डनेस यानी टीएच-एक्सेप्टेबल लिमिट- 200 मिलीग्राम प्रति लीटर मैक्सिमम - इसके पानी में ज्यादा होने से घरेलू प्रयोग में कई तरह के नुकसान होते हैं। ---------------- यहां से लिए गए सैंपल- - भैरोघाट पंपिंग स्टेशन - मोतीझील कारगिल पार्क - जवाहर नगर में डोमेस्टिक वॉटर सप्लाई ----------------