लखनऊ में रहने वाले बहुत खुशकिस्मत हैं कि डॉलीगंज ब्रिज 9 महीने में ही बनकर तैयार हो गया. लेकिन इस मामले में कानपुराइट्स बदकिस्मत हैं. यहां पर 9 महीने में ब्रिज बन पाना तो दूर काम तक शुरू नहीं हो पा रहा है. वो भी तब जब गोविन्दपुरी ब्रिज बनाए जाने की खुद चीफ मिनिस्टर ने घोषणा की थी. उनकी घोषणा के अगले ही दिन तत्कालीन डीएम ने भूमिपूजन भी कर दिया. लेकिन ब्रिज की राह में आ रहे रोड़े अभी तक कम नहीं हुए हैं. अभी तक प्रॉब्लम्स को लेकर मीटिंग्स का दौर ही चल रहा है. मंडे को कमिश्नर की अध्यक्षता में एडमिनिस्ट्रेशन स्टेट ब्रिज कार्पोरेशन केडीए ऑफिसर्स की मीटिंग हुई.


जनवरी में हुई थी घोषणातीन जनवरी को सिटी आए चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव ने गोविन्दपुरी पुल के पैरलल ब्रिज बनाने को हरी झंडी दे दी। अगले ही दिन तत्कालीन डीएम ने स्टेट ब्रिज कॉर्पोरेशन के ऑफिसर्स के साथ जाकर इस ब्रिज के लिए भूमि पूजन कर दिया। ब्रिज के लिए लगभग 11 करोड़ रुपए भी रिलीज किए गए। दिखावे के नाम पर अभी तक केवल स्वाइल टेस्टिंग की है। जबकि ब्रिज के रास्ते में गोविन्द नगर साइड 80 से अधिक मकान आ रहे हैैं। इन्हें अब तक नहीं हटाया गया है। केडीए ने दो दिन पहले मकानों का सर्वे जरूर शुरू किया। इससे पहले शासन के रिलीज किए गए 11 करोड़ रूपए लैप्स हो गए।

कौन हटाएगा ?
ब्रिज के रास्ते में गोविन्द नगर साइड 80 से अधिक मकान आ रहे हैं। इनमें से 21 मकान रेलवे की जमीन पर बताए जा रहे है। इसके अलावा बचे 59 मकानों में से अधिक के ओनर केडीए से रजिस्ट्री होने का दावा कर रहे हैं। ब्रिज की राह में आ रहे मकानों के मामले को लेकर मंडे को कमिश्नर महेश कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में मीटिंग हुई। इसमें जमीन अधिग्र्रहण, मुआवजे और काशीराम योजना में इन्हें बसाने को लेकर डिस्कशन हुआ। ब्रिज कार्पोरेशन के ऑफिसर्स ने बताया कि पुल के इस्टीमेट में मुआवजे का प्राविधान भी किया गया है.  ये जरूर है कि इस मामले को लेकर सभी विभागों के ऑफिसर्स की कमेटी बनाने का डिसीजन जरूर हुआ। 5 साल बाद भी नहीं बन गया ये ब्रिजगोलाघाट के करीब गंगा पर बन रहे ब्रिज को 5 साल से अधिक समय हो चुके हैैं। लेकिन अभी तक कम्प्लीट नहीं हो सका है। पहले डिफेंस मिनिस्ट्री से एनओसी न मिल पाने के कारण ब्रिज का काम कंस्ट्रक्शन वर्क 2 साल तक अटका रहा। बाद में रिवाइज इस्टीमेट पास न होने की वजह से ब्रिज लटक गया।ब्रिज बनना शुरू- अप्रैल, 2008कम्प्लीशन टारगेट- जून,2011करंट पोजीशन- अधूरा पड़ा हैनई हिस्ट्री बना रहासीओडी क्रॉसिंग ब्रिज करीब 6 साल बनना शुरू हुआ था, लेकिन अभी तक 32 परसेंट ही बन सका है। जबकि ये ब्रिज 1990 के दशक में पास हुआ था। करीब एक साल से काम बन्द है। 2 बार से टेंडर कैंसल हो चुके है, ज्यादातर पीडब्लूडी एनएच के इस्टीमेट 34.5 करोड़ से काफी अधिक के पड़े थे। एक बार टेंडर किए गए हैैं। पीडब्लूडी एनएच के ऑफिसर पी कुमार ने बताया कि अभी फाइनेंशियल बिड नहीं खोली गई, टेक्निकल बिड का वेरीफिकेशन हो चुका है।


काम शुरू हुआ- जनवरी, 08

कम्प्लीशन टारगेट-  2010प्रोग्र्रेस रिपोर्ट-काम ठप(32 परसेंट बना)6 साल में बना जाजमऊ गंगा ब्रिजशुरू हुआ काम- 2005 दिसंबर कंप्लीशन टार्गेट- 2008बन पाया- 2011 में कब बन पाएंगे?-42 गंगा घाट स्पेशल-जयपुरिया क्रॉसिंग-खपरा मोहाल क्रॉसिंग(सभी रेलवे से पास है )

Posted By: Inextlive