- सिंगल प्वाइंट बल्क लोड वाली मल्टीस्टोरी से ज्यादा लिया बिल अभी तक एडजस्ट नहीं किया केस्को ने

- यूपीईआरसी के 2 महीने पहले टैरिफ घोषित करने के बाद भी केस्को ने मल्टीस्टोरी वालों नहीं दे सका महंगे पॉवर टैरिफ से छुटकारा

KANPUR: सिंगल प्वाइंट बल्क लोड कनेक्शन वाली मल्टीस्टोरी से वसूला गया ज्यादा बिल एडजस्ट करना तो दूर की बात है, अभी तक केस्को उन्हें महंगे पॉवर से छुटकारा नहीं दे सका है। रेवेन्यू बढ़ाने के लिए आंख-मूंदकर एक झटके में मल्टीस्टोरी पर महंगा पॉवर टैरिफ लगाने वाले केस्को के सैकड़ों इम्प्लाई मिलकर भी इन 42 बिल्डिंग की रिपोर्ट तैयार कर पा रहे हैं। जबकि यूपीईआरसी के नया पॉवर टैरिफ घोषित किए 2 महीने से अधिक समय बीत चुका है।

दोगुना से ज्यादा हो गया बिल

दरअसल अक्टूबर, 2014 में नया पॉवर टैरिफ लागू हुआ था। जिसमें 75 किलोवॉट व इससे अधिक कनेक्शन लोड वाली सिंगल प्वाइंट मल्टीस्टोरी को एलएमवी-1बी कैटागिरी से हटाकर उद्योग रहित सिंगल प्वाइंट बल्क लोड कैटागिरी (एचवी-1 ) में कर दिया गया था। इसका असर ये हुआ कि फिक्स्ड चार्ज 70 रुपए प्रति किलोवॉट से बढ़कर 250 रुपए प्रति किलोवॉट हो गया था। इसी तरह एनर्जी चार्ज (बिजली के रेट) 4.50 रुपए प्रति यूनिट की जगह 6.60 रुपए पर केवीएएच हो गया था। इससे मल्टीस्टोरी में रहने वालों को प्रति यूनिट बिजली 13 रूपए से भी अधिक पड़ने लगी। दोगुना से अधिक बिजली का बिल हो जाने से मल्टीस्टोरी में रहने वाले लोगों में अफरातफरी मच गई है। वे इस समस्या के हल के लिए केस्को ऑफिसर्स के चक्कर काटने लगे। भारी भरकम बिल के कारण अभी तक लोग केस्को के चक्कर काट रहे हैं।

जारी है लापरवाही

आईनेक्स्ट ने मल्टीस्टोरी में रहने वालों की ये समस्या प्रमुखता से पब्लिश की। पॉवर टैरिफ डिसाइड करने वाले उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग तक भी ये मामला पहुंचाया। जिसके बाद यूपीईआरसी ने 28 जून को जारी किए गए नए पॉवर टैरिफ में सिंगल प्वाइंट मल्टीस्टोरी वालों को राहत दी। रेजीडेशियल मल्टीस्टोरी की कैटागिरी पहले की तरह एचवी-1 से एलएमवी-1बी में किए जाने को कहा। केस्को एमडी सेल्वा कुमारी जे। ने मल्टीस्टोरी का पॉवर टैरिफ बदलने और ज्यादा लिया गया बिल एडजस्ट करने का भरोसा भी दिलाया था। पर केस्को के सैकड़ों इम्प्लाई मिलकर भी अभी तक इन 42 मल्टीस्टोरी की रिपोर्ट तैयार नहीं कर सके। केस्को के एक्सईएन आरके सिंह ने बताया कि 30 परसेंट से अधिक कामार्शियल होने पर सिंगल प्वाइंट बल्क लोड वाली मल्टीस्टोरी की कैटागिरी एलएमवी-1बी में नहीं की जाएगी। इसको लेकर रिपोर्ट मांगी गई। 42 में से 24 मल्टीस्टोरी की रिपोर्ट आ गई है। इनको एचवी-1 से एलएमवी-1बी में कर दिया गया। अन्य मल्टीस्टोरी की रिपोर्ट आते ही नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही अक्टूबर 2014 से अब तक के डिफरेंस(ज्यादा लिए गए बिल) को अगले बिलों में एडजस्ट किया जाएगा।

Posted By: Inextlive