-सप्लाई विभाग ने अभियान चलाकर डिजिटल राशन कार्ड के लिए भरवाए थे फॉ‌र्म्स

-फॉर्म भरवाने वाली कम्पनी ने सर्वे में की घोर लापरवाही, क्रॉस चेकिंग में उजागर हुई खामियां

-सवा छह लाख से ज्यादा कार्ड शासन ने कर दिए रिजेक्ट, 11 लाख में सिर्फ 21 हजार बने

abhishek.mishra@inext.co.in

KANPUR : अगर आप भी नए फॉर्मेट वाले डिजिटल राशन कार्ड के लिए एप्लाई कर चुके हैं और उसके इंतजार में बैठे हैं तो आपके लिए बुरी खबर है। सप्लाई विभाग ने जिस कम्पनी को ठेके पर फॉर्म भरवाने का सौंपा था, उसकी लापरवाही की वजह से शासन स्तर पर म् लाख फॉ‌र्म्स रिजेक्ट कर दिए गए हैं। जिन लोगों के फॉर्म रिजेक्ट हुए, उनका क्या होगा? बकाया दो लाख लोगों को कार्ड कब मिलेंगे? जिनके घर सर्वे टीम पहुंची ही नहीं, वो कैसे एप्लाई कर सकते हैं? इन तमाम सवालों के जवाब खुद सप्लाई विभाग के अफसरों को भी मालूम नहीं हैं।

क्क्.भ्0 लाख का कोटा

शहर में एपीएल, बीपीएल और अंत्योदय कैटेगरी मिलाकर कुल क्क्.भ्0 लाख राशन कार्ड होल्डर हैं। आपको जानकर शायद हैरानी होगी, लेकिन यह सभी राशन कार्ड सन-ख्009 में एक्सपायर हो चुके हैं। मगर, शासन के अप्रूवल पर इन का‌र्ड्स की डेडलाइन म्-म् महीने के रिन्यू की जाती रही। करीब छह महीने पहले शासन ने पुराने का‌र्ड्स को नए फॉर्मेट के 'डिजिटल राशन कार्ड' में कन्वर्ट करने की योजना शुरू की। सप्लाई विभाग ने डोर टू डोर सर्वे व फॉर्म भरवाने का काम एक प्राइवेट कम्पनी को सौंपा।

सर्वे में ही तीन लाख का लोचा

कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाली कम्पनी के रिप्रेजेंटेटिव्स ने पहले ही चरण में 'खेल' कर दिया। कुल क्क्.भ्0 लाख की तुलना में महज 8,फ्म्,000 घरों का ही सर्वे किया जा सका। बकाया फ् लाख से ज्यादा लोगों के घरों में कम्पनी के रिप्रेजेंटेटिव्स डिजिटल कार्ड का फॉर्म भरवाने पहुंचे ही नहीं। पब्लिक यह सोचकर इंतजार करती रही कि सप्लाई विभाग से कोई घर आकर फॉर्म भरवाएगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। हैरानी की बात यह कि इस बारे में पूछताछ करने की जहमत सप्लाई विभाग के अफसरों ने उठाई ही नहीं जाहिर है यह सारा काम बिना विभागीय अफसरों की मिलीभगत के संभव नहीं।

म्.ख्भ् लाख फॉर्म रिजेक्ट

चौंकाने वाला खुलासा यह है कि शासन स्तर पर कानपुर के करीब म्.ख्भ् लाख से ज्यादा लोगों के फॉर्म रिजेक्ट कर दिये गये हैं। ऐसा फॉर्म में तमाम त्रुटियों की वजह से हुआ है। कहीं फॉर्म आधा-अधूरा है तो कहीं पर एड्रेस-आईडी प्रूफ तक अटैच नहीं किये गए। एडीएम सप्लाई शारदा प्रसाद यादव के मुताबिक ज्यादातर फॉ‌र्म्स सिर्फ इसलिए रिजेक्ट हो गए, क्योंकि उनके साथ घर के मुखिया के वोटर आईडी कार्ड की फोटोकॉपी अटैच नहीं थी। हालांकि, फॉर्म फिलअप करवाते वक्त वोटर आईडी की फोटोकॉपी की अनिवार्यता के बारे में पब्लिक को बताया ही नहीं गया था। इस मुद्दे पर खुद एडीएम सप्लाई कोई जवाब नहीं दे सके।

अब तक ख्क् हजार

बीते दस महीनों की कवायद का नतीजा भी जरा जान लीजिए। शासन स्तर पर कुल क्,99,क्ब्7 लोगों के फॉर्म एक्सेप्ट किये गए हैं। इनमें से महज भ्8,09भ् फॉ‌र्म्स पर सिग्नेचर हुए हैं, जबकि ख्क्,भ्ख्9 लोगों के डिजिटल राशन कार्ड फाइनली बनकर तैयार हुए हैं। काम की स्लो स्पीड से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाकी के कार्ड बनने में काफी लंबा समय लगना तय है।

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बॉक्स

फीडिंग में हुआ गड़बड़झाला

आने वाले दिनों में राशन कार्ड के नाम पर आपको जो समस्याएं झेलनी पड़ेंगी, उसकी एक वजह गलत फीडिंग किया जाना भी है। एडीएम सप्लाई ने बताया कि सर्वे के बाद जितने भी फॉर्म फिलअप करवाये गए थे। उनकी फीडिंग तीन लेवल पर हुई। पहला सर्वे करने वाली कम्पनी, दूसरा एनआईसी लेवल पर और तीसरा शासन स्तर पर। मगर, यहां पहले ही फेज में गड़बड़ी हो गई। आधी-अधूरी जानकारी एनआईसी ने भी शासन को फॉरवर्ड कर दी। आखिर में शासन ने फॉर्म में कमियों का हवाला देते हुए इन फॉ‌र्म्स को रिजेक्ट कर दिया। एडीएम सप्लाई ने बताया कि फीडिंग का कॉन्ट्रैक्ट ओम प्रिंटिंग प्रेस को दिया गया था। सन-ख्009 में आखिरी बार इसी कम्पनी ने फीडिंग की थी, लेकिन तब भी कई गड़बडि़यां रह गई थीं। इसके बावजूद कम्पनी को दोबारा ठेका मिलना जांच का विषय है।

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अनसुलझे सवालों का जवाब अफसरों के पास भी नहीं -

- रिजेक्ट हुए फॉ‌र्म्स को दोबारा कब भरवाया जाएगा।

- जिनके कार्ड बन चुके हैं, उन्हें पब्लिक को कब हैंडओवर किया जाएगा और कौन करेगा।

- शासन ने जिन लोगों की एप्लीकेशन एक्सेप्ट की है, उन्हें कब तक नए कार्ड इश्यू होंगे।

- जिन लोगों ने नया घर लिया है या हाल ही में किराएदारी में कहीं दूसरी जगह शिफ्ट हुए हैं, वो कैसे नया राशन कार्ड के लिए एप्लाई कर सकते हैं?

- शिफ्टेड फैमिलीज को फॉर्म कहां से मिलेगा? सप्लाई ऑफिस या घर पर विभाग का कोई कर्मचारी पहुंचेगा?

- शिफ्टेड फैमिली का राशन कार्ड कैंसिल हो चुका है तो उन्हें किस कैटेगरी के तहत और किस कोटेदार से राशन लेना चाहिए।

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बहुत कुछ होगा खास :

डिजिटल राशन कार्ड कई मायनों में खास है। नए कार्ड की कुछ प्रमुख बातें

- डिजिटल राशन कार्ड में कुल 8 पेज हैं।

- इसके फ्रंट पोर्शन पर फैमिली हेड की फोटो।

- नए और पुराने राशन कार्ड का कम्प्यूटराइज्ड नंबर प्रिंट होगा।

- घर के मुखिया के वोटर आईडी कार्ड का सीरियल नंबर भी इस पर लिखा जाएगा।

- राशन कार्ड होल्डर को गैस कनेक्शन इश्यू है या नहीं अगर है तो कंज्यूमर नंबर और एजेंसी का नाम।

- कोटेदार का नाम और कार्ड जारी करने वाले अफसर के सिग्नेचर।

- फैमिली में बालिग-नाबालिगों की अलग-अलग संख्या।

- कार्ड इश्यू करने की डेट

- कार्ड के दूसरे पेज पर हर एक फैमिली मेम्बर का सेप्रेट नाम, डेट ऑफ बर्थ, पिता-पति का नाम, फैमिली हेड से रिलेशन, वोटर कार्ड का सीरियल नंबर, यूआईडी-आधार कार्ड या एनपीआर संख्या की जानकारी।

- हर साल के मंथवाइज गेंहू, चावल, चीनी, केरोसिन, अन्य वस्तुओं की खरीददारी की डिटेल।

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वर्जन -वर्जन

ø सवा छह लाख से ज्यादा फॉ‌र्म्स रिजेक्ट कर दिये गए हैं। अब इन्हें नए सिरे से फिलअप करके शासन को दोबारा भिजवाया जाएगा। फिलहाल, यह कार्ड कब तक छपकर पब्लिक को मिलेंगे इसकी जानकारी मुझे भी नहीं है।

- शारदा प्रसाद यादव, एडीएम सप्लाई

Posted By: Inextlive