.तो आप भी बनाइए इंजीनियरिंग में बेहतर करियर
-कैंपस प्लेसमेंट में बेहतर परफार्म करने के लिए सॉफ्टवेयर पर प्रेक्टिस
-अपोलो इंस्टीट्यूट के मैनेजमेंट ने स्टूडेंट्स के लिए 60 लाख रुपए की शानदार रोबोटिक लैब उपलब्ध कराईKANPUR: मिशन एडमिशन का दौर शुरू हो चुका है। जिन मेधावियों को इंजीनियरिंग की फील्ड में जाना है, वह कॉलेज खंगाल रहे हैं और जिन्हें यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना है, वह सिटी के डिग्री कॉलेजों के बारे में तहकीकात करने में जुटे हैं। ऐसे में अब हम आपको ऐसेसंस्थान के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जो एकेडमिक फील्ड मे स्टूडेंट्स को बेहतर परफार्म करने के लिए प्रेरित करता है। इस इंस्टीट्यूट का नाम अपोलो इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी है। यहां ई लर्निग के माध्यम से एक दिन पहले ही स्टूडेंट्स को उनकी पर्सनल ईमेल आईडी पर जानकारी दे दी जाती है कि अगले दिन क्लास रूम में कौन सा टॉपिक पढ़ाया जाएगा। यही नहीं संस्थान की शानदार रोबोटिक लैब भी स्टूडेंट्स के करियर को संवारने में अहम रोल निभाती है।
जानिए यहां के टॉप- कोर्सेज के बारे में ø इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी ø कम्प्यूटर साइंस ø मैकेनिकल इंजीनियरिंग ø इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ø इलेक्ट्रानिक्स एण्ड कम्युनिकेशन ø सिविल इंजीनियरिंग 15 परसेंट सीटों पर डायरेक्ट एडमिशनअपोलो इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सरसौल में मेरीटोरियस स्टूडेंट्स को 15 परसेंट सीटों पर डायरेक्ट एडमिशन मिलता है। स्टूडेंट्स को इंटर में पीसीएम के साथ 45 मार्क्स लाना अनिवार्य है। अन्य सीटों पर यूपीएसई का एंट्रेंस क्वालीफाई करने वाले स्टूडेंट्स को एडमिशन मिलेगा।
सिर्फ सरकारी फीस जमा करनी होगी यूपीटीयू की काउंसिलिंग 15 जून से प्रस्तावित है। हालांकि इससे पहले जब तक आईआईटी, एनआईटी व ट्रिपल आईआईटी में एडमिशन नहीं हो जाते तब तक यूपीटीयू काउंसिलिंग नहीं कराएगा। ऐसे में यहां भी एडमिशन प्रॉसेस नियमानुसार ही शुरू होगा। हालांकि एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को गवर्नमेंट से डिसाइड फीस 69 हजार रुपए संस्थान में एडमिशन के वक्त डिपाजिट करनी होगी। कॉलेज वेब एड्रेस - www.apollointech.com Phone : 0512-2159283, 284, 285 करियर की एडवांस ट्रेनिंग प्रत्येक सप्ताह में स्टूडेंट्स को सिमुलेशन सॉफ्टवेयर पर काम करना होता है। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से स्टूडेंट कंपनी बनाकर उसकी मार्केटिंग स्ट्रेटिजी व मैनुफैक्चरिंग प्रॉसेस से गुजरता है। यह सॉफ्टवेयर आईआईएम अहमदाबाद में भी यूज किया जा रहा है। इस प्रक्रिया से स्टूडेंट्स को कम समय में करीब दस साल का अनुभव मिल जाता है। सेल्फ डेवलपमेंट प्रोग्राम पर फोकसइंस्टीट्यूट मे डेली 55 मिनट की एक क्लास सेल्फ डेवलपमेंट प्रोग्राम की कराई जाती है। इस क्लास में स्टूडेंट्स 360 डिग्री पर अपने को डेवलप करता है। जिसका फोकस 11 दिशाओं पर होता है। यह प्रक्रिया आईआईटी दिल्ली में स्टूडेंट्स एडॉप्ट करते हैं। यह प्रोग्राम पूर्व आईआईटियंस व आईएएस से रिजाइन कर चुके प्रशांत त्रिपाठी ने डेवलप किया है।
नार्दन इंडिया की पहली लैब कैंपस में नार्दन इंडिया की पहली रोबोटिक लैब तैयार की गई है, जिसमें स्टूडेंट्स 400 तरह के रोबोट डेवलप करके प्रैक्टिकल करते हैं। इस लैब को स्थापित करने में संस्थान प्रशासन ने करीब 60 लाख रुपए इनवेस्ट किए हैं। इंस्टीट्यूट में स्टूडेंट्स की एकेडमिक परफार्मेस पर तो ध्यान दिया ही जाता है। इसके अलावा उनके ओवर ऑल डेवलपमेंट पर भी ज्यादा फोकस किया जाता है। स्टूडेंट्स को बेहतर लैब इन्फ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराया गया है ताकि जब किसी इंडस्ट्री में काम करने जाएं तो उन्हें किसी के आगे झुकना न पड़े। -अंशुमान बुधौलिया, सेक्रेटरी अपोलो इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सरसौल