-कई लड़कियों से शारीरिक संबंध थे पीयूष के

-ज्योति की हत्या के अगले दिन फैक्ट्री की महिला कर्मचारी को मिलने के लिए बुलाया था

-रेस्ट्ररां से वह मनीषा और महिला कर्मचारी से बराबर कर रहा था बातचीत, कई शादीशुदा महिलाओं से भी संबंधों की बात पता चली

kanpur@inext.co.in

KANPUR मेहनतकश परिवार के बिगड़ैल रईसजादे पीयूष को प्यार से कोई लेना देना नहीं था। हवस पूरी करने के लिए वह कुछ भी कर सकता था। कई लड़कियों और शादीशुदा महिलाओं को इमोशनल ब्लैकमेल करके उसने फिजिकल रिलेशन बनाए। हत्या से पहले ज्योति के साथ होते हुए भी मनीषा और अपनी इंम्पलॉई से लगातार फोन पर बात कर रहा था।

ज्योति की हत्या के बाद अगले दिन उसने अपनी महिला इंम्पलाई के साथ वक्त बिताने का प्लान भी बनाया था। इसकी पुष्टि महिला कर्मचारी ने पुलिस की पूछताछ में की है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पीयूष के कई महिलाओं से संबंधों की बात का पहले ही खुलासा कर दिया है।

साथ रह कर भी अलग थी

पीयूष ने भ् सिम मनीषा को दे रखे थे। जिसमें से दो फर्जी आईडी से खरीदे गए। दो सिम हत्या की साजिश करने के दौरान ही खरीदे गए थे। एक सिम पीयूष के पास था जिसे वह ब्लैकबेरी फोन से चलाता था वहीं दूसरा मनीषा के पास। दो महीनों में उस सिम से दोनों के बीच म्म्फ् कॉल्स की गई थी। वहीं दूसरे फर्जी सिम से फ्फ्0 कॉल्स एक दूसरे को की गई थी। जांच में यह भी पता चला है कि घटना से क्भ् दिन पहले से पीयूष रोज रात को क् बजे से ब् बजे तक घर के बाहर रहता था।

मोबाइल और सिम तोड़ कर फेंकने के लिए कहा था

ज्योति को रेस्टरां ले जाने से पहले पीयूष ने मनीषा से मुलाकात की थी। इस दौरान उसने फर्जी आईडी से खरीदे गए दोनों सिम और अपना ब्लैकबेरी मोबाइल काम होने के बाद तोड़ कर फेंक देने के लिए कहा था। मनीषा ने यही किया भी। ज्योति की हत्या के बाद उसने मोबाइल और सिम तोड़ कर फेंक दिए। पियूष मैसेजों के आदान-प्रदान के बाद उनको डिलीट कर देता था। कॉल रिकॉर्ड्स को भी पूरी तरह फोन से साफ कर डालता था।

ज्योति खोल सकती थी पीयूष्ा के राज

ज्योति को पीयूष के महिलाओं के साथ संबंधों के बारे में काफी समय से पता था। उसने पीयूष के पिता को भी इसके बारे में बताया लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। लेकिन जब पानी सर से ऊपर जाने लगा। तो ज्योति ने कुछ दिन पहले ही अहमदाबाद में रहने वाली अपनी बुआ को पीयूष के बारे में काफी कुछ बताया था। वह रक्षाबंधन में जबलपुर जाने वाली थी। पीयूष को शक हो गया था कि इस बार वह सारी बाते अपने मां-बाप को बता देगी। इसीलिए वह उसे जल्द से जल्द खत्म कर देना चाहता था।

पीयूष और अवधेश के बयान अलग

बुधवार को पुलिस ने जब पीयूष और अवधेश को गिरफ्तारी के बाद मीडिया के सामने पेश किया तो कत्ल के लिए इकट्ठा होने तक तो दोनों के बयान एक जैसे हैं पर किसने किया और कैसे हुआ इसको लेकर दोनों ने अलग अलग बयान दिए। साथ ही चाकूओं को लेकर भी दोनों ने पुलिस से अलग बाते कही है।

पीयूष का कहना था कि

-मैने अवधेश और उसके साथियों को पहले ही बुला लिया था। कंपनीबाग से रावतपुर के बीच अवधेश और उसके साथी मिले तो मैं ज्योति को लेकर पीछे बैठ गया। इसके बाद अवधेश और सोनू ने ज्योति का वहीं कत्ल कर दिया। इसके बाद मैं गाड़ी से उतर गया और दोनों कार को पनकी ले गए।

अवधेश- मैं कंपनी बाग से रावतपुर के बीच रेनू कनौजिया और सोनू के साथ पीयूष को मिला। इसके बाद पीयूष गाड़ी से उतर गया। मैं ड्राइविंग सीट पर बैठ गया। ज्योति ने उस समय पीयूष से कहा था कि वह सही नहीं कर रहा है। जिसके बाद रेनू और सोनू ने उसे कार की पिछली सीट में खींच कर नीचे दबा लिया और पनकी कल्याणपुर रोड पर उसे चाकुओं से हमला कर कत्ल कर दिया। चाकू वहीं फेंका उसके बाद गाड़ी को पनकी में छोड़ कर सब भाग निकले। चाकू हम बिग बाजार से खरीद कर लाए थे। जिसके लिए पीयूष ने उसे रुपए दिए थे।

आई नेक्स्ट की तफ्तीश पर पुलिस की मुहर

ज्योति की हत्या से जुड़ी आईनेक्स्ट की तफ्तीश पर पुलिस ने अपनी मुहर लगा दी है। आईनेक्स्ट ने ही सबसे पहले घटना से जुड़े सबूतों , कत्ल के मोटिव, लोकेशन और टाइमिंग के बारे में इनवेस्टिगेटिव खबरे प्रकाशित की थी। चाहे एक शख्स के ज्योति पर चाकू से हमला करने की बात हो या पीयूष के टीशर्ट बदलने और उसके झूठों का खुलासा हो। आईनेक्स्ट ने जिस तह तक मामले में पीयूष पर सवाल उठाए बुधवार को उसकी गिरफ्तारी के बाद आला पुलिस अधिकारियों ने उन्हें सही ठहराया।

पीयूष और मनीषा का ड्राइवर से 'पुराना' कनेक्शन

बिस्कुट कारोबारी पीयूष ने ही पत्नी ज्योति के मर्डर की सुपारी ड्राइवर अवधेश को दी थी। वो पीयूष की प्रेमिका मनीषा का ड्राइवर रह चुका है। वो पीयूष और मनीषा के प्रेम संबंध के बारे में जानता था। मनीषा उसके साथ ही पीयूष से मिलने जाती थी। जिसके बाद वो गाड़ी के बाहर खड़ा हो जाता था। इसी दौरान उसने दोनों को अश्लील हरकत करते हुए देख लिया था। जिसके बाद वो दोनों को ब्लैकमेल करने लगा था। हालांकि वो दोनों से जरूरत के हिसाब से रुपया वसूलता था। हाल में ही अवधेश ने मनीषा को कॉल कर रुपए की डिमाण्ड की थी। उस समय वो सिंगापुर में थी। इसके बाद उसने अवधेश को एक लड़के के जरिए रुपए भेजे थे।

जिस घर में था सन्नाटा, वही निकला प्रेमिका का बंगला

पाण्डुनगर के बिस्कुट कारोबारी की बहु के मर्डर के बाद से उनके घर पर रिश्तेदार, नेताओं और मीडिया कर्मियों की जमावड़ा लगा है। पिछले तीन दिन से हर घर से कोई न कोई टोह लेने के लिए बाहर निकलता रहता था, लेकिन पीयूष के पड़ोस का बंगला ऐसा था। जहां पर हमेशा सन्नाटा पसरा रहता था। उस बंगले से न तो कोई बाहर आते हुए दिखा और न कोई बंगले के अन्दर जाते हुए दिखा। यहां तक बंगले में कोई हलचल भी नहीं दिखती थी, लेकिन जब ज्योति मर्डर की परते खुली तो पता चला कि यही बंगला पीयूष की प्रेमिका मनीषा माखीजा और मर्डर की सूत्रधार का है। जिसके बाद उसके घर पर मीडिया कर्मियों को जमावड़ा लग गया।

गुटखा किंग की बेटी है मनीषा

बिस्कुट कारोबारी पीयूष और उसकी प्रेमिका मनीषा ने ज्योति मर्डर की साजिश रची थी। मनीषा केसर पान मसाला कारोबारी हरीश माखीजा की बेटी है। वो दो बहन और एक भाई हैं। जिसमें मनीषा सबसे बड़ी है। वो परिवार की लाडली थी। पिता उसकी हर डिमाण्ड पूरी करते थे। जिसके चलते ही वो बिगड़ गई थी। वो क्लब में जाने की शौकीन थी।

पीयूष की शादी से पहले से है अफेयर

पीयूष और मनीषा का अफेयर कई साल पुराना है। इसके बारे में दोनों के परिवार वाले जानते थे। दोनों की शादी बात भी चली थी, लेकिन उनकी कुंडली नहीं मिलने से पीयूष के परिजन राजी नहीं हुए। जिसके बाद पीयूष के परिजनों ने उसकी शादी ज्योति से कर दी, लेकिन पीयूष और मनीषा ने प्रेम संबंध खत्म नहीं किए। उनमें फिजिकल रिलेशन भी था। मनीषा भी पीयूष दीवानगी की हद तक चाहती थी। इसलिए वो स्वरूपगनर के बंगले को छोड़कर पाण्डुनगर नगर में पीयूष के बंगले के पड़ोस में रहती थी, ताकि वो पीयूष की हर गतिविधि पर नजर रख सके।

आज पीयूष के घर वालों ने देखा तमाशा।

पाण्डुनगर में पिछले दो दिन से पीयूष के घर पर रिश्तेदार, नेताओं और मीडिया वालों का जमावड़ा लगा था। इलाकाई लोग पीयूष के घर पर ताक-झांक कर रहे थे, लेकिन पीयूष की गिरफ्तारी के बाद से वहां सन्नाटा पसरा रहा। इधर, पीयूष की प्रेमिका मनीषा का नाम उजागर होने पर उसके घर पर मीडिया वालों को जमावाड़ा लग गया। बुधवार को पुलिस मनीषा को हिरासत में लेने के लिए गई, तो पीयूष के घर वाले बालकनी से सारा तमाशा देखते रहे। जिसके बाद पीयूष के कुछ रिश्तेदार मनीषा के घर ढांढस बंधाने गए। जिससे साफ पता चलता है कि दोनों के घरवालों को सब पता था

आरोपी अवधेश और उसके साथियों की प्रोफाइल

पाण्डुनगर में ज्योति के घर के आसपास ही उसके सारे आरोपी रहते थे। पति पीयूष उसके साथ रहता था, जबकि उसकी हत्या की सूत्रधार पीयूष की प्रेमिका पड़ोस में रहती थी। उन्हीं के घर से कुछ दूरी पर स्थित रामचरन गड़रिया आरोपी ड्राइवर अवधेश, सोनू और रेनू रहते है। जिसमें अवधेश उर्फ पंडित (ख्भ्) पेशे से ड्राइवर है। वो इस समय एक कारोबारी की कार चला रहा है। उसके परिवार में पिता गौरी शंकर उर्फ पुत्ती लाल, भाई सीपू, बहन मालती और राधा है। वहीं, सोनू और रेनू मजदूरी करते है। इसके अलावा पुलिस ने वहीं से आशीष नाम के युवक को शाम को गिरफ्तार ि1कया है।

पीयूष की बेल खारिज, मुलाहिजा बैरक बना ठिकाना

शहर के खौफनाक और हाई प्रोफाइल ज्योति मर्डर केस में पुलिस ने बुधवार को पीयूष को गिरफ्तार कर सीएमएम कोर्ट में पेश किया। जहां पर उसकी ओर से एडवोकेट सौरभ जैन ने बेल अर्जी दाखिल की। लेकिन कोर्ट ने अर्जी को खारिज कर पीयूष को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। वहीं, पुलिस ने आला कत्ल समेत अन्य सामान बरामदगी के लिए कोर्ट से पीयूष का कस्टडी रिमाण्ड लिया है। इधर, जेल में पीयूष को मुलाहिजा बैरक में रखा गया है। वो अपनी करनी पर पछता रहा है। वो काफी तनाव में है। उसको जेल खाना भी अभी रास नहीं आया है। जिसके चलते उसने खाना नहीं खाया।

मनीषा को बचाने के लिए लगाया पूरा दम

मनीषा को हिरासत में लेने के बाद पुलिस लाइन में उससे पूछताछ चल रही थी। उस समय शहर की कई बड़ी हस्तियां उसे बचाने की जुगत में एड़ी चोटी का जोर लगाए थीें। विधायक अजय कपूर, विजय कपूर समेत शहर के कई नामी लोग पुलिस लाइन में मौजूद थे। अजय और विजय कपूर ने पूछताछ के दौरान अंदर जाने की कोशिश भी की थी लेकिन उन्हें रेाक दिया गया। वहीं देर रात तक विधायक और लैंडमार्क होटल के मालिक दीपक कोठारी पुलिस लाइन में मौजूद रहे ।

करोड़पति बहू की हत्या का मात्र खर्च भ्0 हजार रुपए

पीयूष और मनीषा ने ज्योति की हत्या के लिए अवधेश को इसलिए चुना था क्योंकि वह उसकी मांगों के बारे में जानता था। मनीषा उसे समय समय पर दो चार हजार रुपए दिया करती थी। ज्येाति के कत्ल की योजना बनी तो ख् जुलाई को पीयूष ने उसे फ्0 हजार रुपए दिए। ख्0 हजार रुपए काम होने के बाद देने थे। इसमें अवधेश और उसके साथियों को मात्र क्0 से क्भ् हजार रुपए ही मिलने थे।

------------

सरेंडर या गिरफ्तारी

शहर के हाईप्रोफाइल ज्योति मर्डर केस में पुलिस ने जिस आरोपी ड्राइवर अवधेश की तलाश कर रही थी उसने खुद बुधवार को काकादेव थाने में जाकर सरेंडर किया था ऐसा ड्राइवर के वकील का दावा है। वकील के मुताबिक ड्राइवर अवधेश बुधवार को शहर आया। जिसके बाद उसने अपने मोबाइल नम्बर 8क्ख्798म्फ्ब्ख् से एक वकील से बात की। वकील ने उसे थाने में सरेंडर करने की सलाह दी। जिसके बाद उसने थाने में सरेंडर कर दिया। वो करीब डेढ़ घंटे पुलिस की हिरासत में रहा। एक घंटे बाद मीडिया के सामने आकर उसने ज्योति के मर्डर की सुपारी का जुर्म कबूल लिया।

ज्योति के पिता ने एमपी के सीएम से गुहार लगाई

ज्योति के पिता शंकर लाल नागदेव केस का खुलासा होने पर बुधवार को जबलपुर चले गए, लेकिन वो बेटी को इन्साफ दिलाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे है। उन्होंने जबलपुर के स्थानीय विधायक अशोक रुहानी के जरिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इंसाफ की गुहार लगाई है। उन्होंने पीयूष के परिजनों के रसूख के बारे में वहां के मुख्यमंत्री को अवगत कराया। जिसे संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री ने यूपी के सीएम से बात की है। उन्होंने शंकर लाल नागदेव को निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है।

Posted By: Inextlive