नेपाल की संविधान सभा ने जबरदस्‍त बहुमत के साथ संविधान पारित कर दिया है। नए संविधान के लिए नेपाल में आठ साल से कवायद चल रही थी। थर्सडे को इसको मंजूरी दी गई। नए संविधान के तहत देश को सात संघीय प्रांतों में बांटा गया है। संविधान सभा अध्यक्ष सुभाष नेमवांग ने 601 सीटों वाली सभा में 507-25 के अंतर से संविधान को पारित करने की घोषणा की। नया संविधान आगामी रविवार से लागू हो जाएगा। नए संविधान में धर्मनिर्पेक्षता को अपनाया


हिंसक प्रदर्शन में 40 की हुई थी मौतें नए संविधान की घोषणा के बाद सांसदों ने जश्न मनाया। मूल अल्पसंख्यक समूहों के विरोध के बावजूद सभा ने संविधान को पारित कर दिया। इसके बाद नेपाल सात संघीय प्रांतों में बांटा जाएगा। जातीय मूल के कुछ समूहों ने सीमाओं और प्रांतों के आकार पर विरोध जताया। बता दें कि प्रांतों की सीमाओं व हिंदु राष्ट सहित कई मुददों पर नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ। जिसमें करीब 40 लोगों की मौत हुई। 507 का मिला समर्थन नए संविधान में अनुच्छेद और अनुसूची के अनुमोदन के बाद मतविभाजन हुआ। जिसे संसद में मौजूद 532 सांसदों में से 507 का समर्थन मिला। नेपाली कांग्रेस, सीपीएन-यूएमएल और यूएसपीएन माओवादी के सांसदों ने मसौदा संविधान का समर्थन किया। वहीं कुछ छोटी पार्टियों ने वोटिंग का बहिष्कार किया।80 फीसदी आबादी हिंदू  
गौरतलब है कि नेपाल की जनसंख्या में 80 फीसदी हिन्दू, 10 फीसदी बौद्ध, 5 फीसदी मुस्लिम और 5 फीसदी किरांत-ईसाई व अन्य हैं। हाल के सालों तक नेपाल को दुनिया का एकमात्र हिन्दू राष्ट्र माना जाता रहा है। साल 2006 में राजशाही खत्म होने के बाद मई 2008 में प्रभाव में आए बिल के अनुसार नेपाल को धर्मनिरपेक्ष घोषित कर दिया गया।

Posted By: Inextlive