आंचल की मौत की गुत्थी सुलझाने में लगी पुलिस को अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है. दोनों तरफ से ही खुद को पीडि़त साबित करने के लिए सबूत दिए जा रहे हैं. पुलिस पूरी कोशिश कर रही है कि किसी के साथ अन्याय न हो पाए. जांच के दौरान दो दर्जन लोगों के बयान दर्ज किए गए हैैं. जिसमें घर की नौकरानियां और सिक्योरिटी गाड्र्स भी शामिल हैं.

कानपुर(ब्यूरो)। आंचल की मौत की गुत्थी सुलझाने में लगी पुलिस को अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है। दोनों तरफ से ही खुद को पीडि़त साबित करने के लिए सबूत दिए जा रहे हैं। पुलिस पूरी कोशिश कर रही है कि किसी के साथ अन्याय न हो पाए। जांच के दौरान दो दर्जन लोगों के बयान दर्ज किए गए हैैं। जिसमें घर की नौकरानियां और सिक्योरिटी गाड्र्स भी शामिल हैं। मोहल्ले वालों के भी बयान दर्ज किए गए हैैं। लिखित बयानों के साथ इनकी रिकॉर्डिंग भी की गई है। नौकरानी और सिक्योरिटी गाड्र्स के बयानों की रिकॉर्डिंग भी वायरल हो रही है। हालांकि दैनिक जागरण आई नेक्स्ट इस रिकॉर्डिंग की पुष्टि नहीं करता है।

रोज होती थी मारपीट
सूर्यांश भइया ने घर पिंजरे की तरह बनवा रखा था, अंदर की आवाज किसी हालत में बाहर नहीं जा सकती थी। रोजाना भइया-भाभी में मारपीट होती थी। हम लोग भी लड़ाई के दौरान ग्राउंड फ्लोर पर रहते थे। केवल आंटी (निशा खरबंदा) ही ऊपर जाती थीं। झगड़े के बाद जब सूर्यांश नाराज होकर बाहर चला जाता था तो हम लोग सामान देने या अयांश को लेने के लिए बुलाए जाते थे, उस समय भाभी (आंचल )बहुत गुस्से में होती थी। पूरा सामान इधर उधर बिखरा पड़ा रहता था। भाभी हम लोगों से कहती थी कि सूर्यांश मेरे साथ बहुत गलत कर रहा है, इसका खामियाजा भुगतना होगा। ये बयान सूर्यांश के घर की नौकरानी ने पुलिस के सामने दर्ज कराए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक नौकरानी के बयान से किसी एक पक्ष की गलती सिद्ध नहीं हो रही है।

पहले लेनी होती थी परमीशन
सिक्योरिटी गाड््र्स ने पुलिस को अपने बयानों में कहा कि उनकी ड्यूटी नीचे रहती थी। कुत्ते कमरे के अंदर रहें और बिना उनकी इजाजत के किसी को अंदर न आने दिया जाए, ये कहा गया था। झगड़ा तो हर पति पत्नी के बीच होता है लेकिन इस तरह का झगड़ा किसी घर में नहीं होता। जहां सास बहू और बहू सास को वहीं पति पत्नी को और पत्नी पति को मर्दों की तरह गाली गलौज करें। कुछ दिन से माता जी (निशा खरबंदा) शांत हो गई थीं। घर में परिवार के मेंबर्स के अलावा बहन बहनोई और बुआ फूफा आते थे। कभी कभी बहू (आंचल) के परिवार वाले आते थे। किसी के भी आने पर पहले भइया और माता जी से पूछना होता था। उनकी हां के बाद ही गेट खोला जाता था।

आरोप सिद्ध होने के बाद
डीसीपी साउथ रवीना त्यागी ने बताया कि रीना और सूर्यांश को संडे को जेल भेज दिया गया है। इसके अलावा जो भी आरोपी हैैं, उन्हें शहर न छोडऩे के निर्देश दिए गए हैैं। जिन आरोपियों के खिलाफ इविडेंस मिलते जाएंगे, उनकी गिरफ्तारी कर जेल भेजा जाएगा।

Posted By: Inextlive