पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और राजनेता इमरान ख़ान ने लाहौर कसूर और अन्य शहरों के बाद अब कराची में अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर दिया.

इमरान ख़ान ने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की समाधि के पास एक राजनीति जलसे को संबोधित किया, जिसमें उनकी पार्टी के हज़ारों समर्थकों ने भाग लिया।

उन्होंने एक बार फिर सत्ताधारी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और विपक्षी पार्टी मुस्लिम लीग नवाज़ को कड़ी आलोचना का निशाना बनाया और उनकी नीतियों का कड़ा विरोध किया।

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगले आम चुनावों में किसी उम्मीदवार को उस समय तक उनकी पार्टी का टिकट नहीं मिलेगा जब तक वह अपनी संपत्ति की घोषणा नहीं करता।

उन्होंने संकल्प लिया कि वह पाकिस्तान को कल्याणकारी इस्लामी राज्य बनाएँगे जिस के लिए वो एक ऐसी टीम का गठन करेंगे, जिनके सदस्यों को सिफ़ारिश पर भर्ती नहीं किया जाएगा। इमरान ने कहा कि उनकी सरकार की नीतियाँ 90 फ़ीसदी जनता के लिए होंगी जिनके तहत स्वास्थ्य, शिक्षा और न्याय मुफ़्त में मिलेगा।

अहम खिलाड़ी के रुप में सामने

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ से कहा कि वह उनके साथ मैच खेलना चाहते हैं तो जल्दी करें, ऐसा न हो कि उन्हें कोई टीम भी न मिले। उनके मुताबिक़ वे आसिफ़ ज़रदारी के साथ भी मैच खेलना चाहते थे लेकिन वे अब बूढ़े हो गए हैं।

इमरान ख़ान ने बलूचिस्तान का ख़ास तौर पर ज़िक्र किया और कहा कि वह बलूचिस्तान जाएँगे, वहाँ के लोगों को गले लगाएंगे और उनसे माफ़ी भी माँगेंगे। उन्होंने अपनी अगली राजनीतिक रैली क्वेटा में करने की घोषणा की।

लाहौर, पेशावर और अन्य शहरों में अपने राजनीतिक जलसे करने के बाद इमरान ख़ान पाकिस्तानी राजनीति में एक अहम खिलाड़ी के रुप में सामने आ गए हैं और दूसरे राजनीतिक दलों के कई नेता अब उनकी पार्टी में शामिल हो रहे हैं।

उन्होंने बताया कि पीपुल्स पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सरदार आसिफ़ अहमद ने उनसे संपर्क किया कि वह भी उनकी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं। इससे पहले पीपुल्स पार्टी के एक ओर वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी इमरान ख़ान का साथ दिया है।

शाह महमूद क़ुरैशी ने भी रैली को संबोधित किया और पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को सरकारी की ग़लत नीति से ख़तरा है और परमाणु कार्यक्रम सुरक्षित हाथों में होना बहुत ज़रुरी है।

Posted By: Inextlive