जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के छात्र के साथ रैगिंग की शिकायत पर कमेटी ने जांच शुरू कर दी है. प्रिंसिपल डॉ. संजय काला की अध्यक्षता में बनाई गई जांच कमेटी ने सच्चाई जानने को एमबीबीएस सेकेंड ईयर के छात्रों के बयान दर्ज किए हैं. जांच में सामने आया कि इस तरह की कम्प्लेन पिछले साल भी की गई थी. रैगिंग को लेकर की गई शिकायत में जाति के नाम पर भेदभाव करने का आरोप भी लगाया गया है. लेटर में लिखा है कि जाति को लेकर भी सीनियर छात्र उसे परेशान करते हैं. जांच में पता चला है कि सेकेंड ईयर के किसी छात्र ने रैगिंग की कम्प्लेन नहीं की है.


कानपुर (ब्यूरो) मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने स्टूडेंट्स को खुला ऑफर दिया गया है कि वह रैगिंग पर अपनी कान्फिडेंशियल इंफॉर्मेशन लेटर बॉक्स में दे सकते हैं। जिसे किसी के साथ शेयर नही किया जाएगा। कमेटी ने पाया कि पिछले साल 30 नवम्बर को की गई कम्प्लेन और इस बार की कम्प्लेन एक जैसी है। कॉपी-पेस्ट जैसा मामला है लेकिन हकीकत जानने के लिए सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले गए हैं।

एनएमसी को भी रिपोर्टगुरुवार को मेडिकल स्टूडेंट्स से लिए गए बयानों में अभी तक किसी ने रैगिंग जैसी बात नहीं कही है। कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी की वीसी और पैथोलॉजी एचओडी प्रो। सुमनलता वर्मा ने बताया कि 3 दिनों में एंटी रैगिंग कमेटी अपने दूसरे चरण की रिपोर्ट रखेगी। पूरी रिपोर्ट आने के बाद जवाब को जवाब भेजा जाएगा।

Posted By: Inextlive