दिन पर दिन ग्राउंड वॉटर लेवल के गिरने के लिए हम कानपुराइट्स भी कुछ कम जिम्मेदार नहीं हैं. एक ओर जहां अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए हम अंडर ग्राउंड वॉटर का अंधाधुंध इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं अंडर ग्राउंड वॉटर रिचार्जिंग के इंतजाम न के बराबर हो रहे हैं.


हर साल मॉनसून सीजन में करोड़ों लीटर बारिश का पानी बर्बाद हो जाता है। अगर यही हाल रहा तो आने वाले समय में एक-एक बूंद पानी के लिए लोगों को परेशान होना पड़ेगा.  जलकल का वॉटर सप्लाई नेटवर्क पूरे नगर निगम एरिया में नहीं है। जहां हैं वहां भी खासतौर गर्मियों में लोगों को ड्रिंकिंग वॉटर क्राइसिस से जूझना पड़ता है। पॉल्यूटेड वॉटर सप्लाई के कारण भी लोग सबमर्सिबल लगवाना बेहतर समझते है। जलकल भी 169 ट्यूबवेल्स के जरिए डेली एक करोड़ लीटर से अधिक पानी वॉटर सप्लाई के लिए यूज करता है।
जलकल जीएम रतनलाल ने कहा कि सरफेस वॉटर के यूज को बढ़ावा देने के लिए जेएनएनयूआरएम के अन्तर्गत गंगा बैराज, गुजैनी में वॉटर वक्र्स बनाए जा रहे है। ग्राउंड वॉटर की रिचार्जिंग के लिए 300 स्क्वॉयर मीटर तक की बिल्डिंग्स में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग कंपलसरी की जा चुकी है। लेकिन यह कागजों तक सीमित बनी रहती है।

Posted By: Inextlive