- पिछले साल गेट में 36 स्टूडेंट्स सफल हुए थे

- इस साल 29 स्टूडेंट्स ने एग्जाम क्लियर किया

KANPUR: कोरोना ने एजुकेशनल व्यवस्था पर गहरा असर डाला है। कॉलेज में जहां ऑफलाइन पढ़ाई नहीं हो पा रही है। वहीं ऑनलाइन पढ़ाई के रिजल्ट भी बहुत बेहतर नहीं है। यह हम नहीं कह रहे ये इस बार गेट में सफल होने वाले स्टूडेंट्स के ग्राफ के नीचे जाने की रिपोर्ट कह रही है। स्टूडेंट्स का कहना है कि ऑनलाइन क्लासेस का पूरा लाभ न मिलने से वह अपना सौ परसेंट नहीं दे सके जिसके चलते सक्सेस रेशियो गिर गया। गेट का रिजल्ट ख्ख् मार्च को जारी किया गया था.पिछले साल फ्म् स्टूडेंट्स इस एग्जाम में सफल हुए थे जबकि इस साल ख्9 स्टूडेंट्स ने इस एग्जाम में सफलता प्राप्त की है।

सीएसजेएमयू ने जारी की रिपोर्ट

देश के टेक्निकल एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में एमटेक में एंट्री और पब्लिक सेक्टर में नौकरी के लिए होने वाली ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनिय¨रग 'गेट' में सफल होने वाले स्टूडेंट्स का ग्राफ घटा है। सीएसजेएम यूनिवर्सिटी ने अपनी फाइनेंशियल रिपोर्ट जारी करते हुए बताया है कि इस बार गेट में सफल होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या पिछले साल के मुकाबले घटी है।

क्या रहा कारण?

इसका सबसे बड़ा कारण यह रहा कि कोविड-क्9 में हुए लॉक डाउन के चलते ऑनलाइन क्लासेस चलाई गईं। यह स्टूडेंट्स के लिए नया अनुभव था इसलिए उन्हें इन क्लासेस का उतना लाभ नहीं मिल सका जितना मिलना चाहिए था। अपकंट्री एरिया में इंटरनेट की दिक्कत भी स्टडी में एक बड़ा कारण्ा रही।

क्ब् स्टूडेंट्स को मिला प्लेसमेंट

यूनिवर्सिटी से जनवरी से लेकर अब तक क्ब् स्टूडेंट्स को कैंपस प्लेसमेंट के जरिए नौकरी मिली। इसमें क्ख् छात्र सीएस के हैं। इनका एवरेज पैकेज क्0 लाख से क्ख् लाख रहा।

गेट में इस बार सफल होने वाले छात्रों की संख्या जरूर कम हुई है लेकिन कोरोनाकाल में जिस तरह स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन तैयारी करके यह एग्जाम पास किया वह उनके लिए आसान नहीं था। कई बार टू वे कम्युनिकेशन में दिक्कत आती थी। इस बार उनकी संख्या बढ़ना तय है क्योंकि वह ऑनलाइन पढ़ाई के लिए तैयार हो चुके हैं।

डॉ। रवींद्रनाथ कटियार, डायरेक्टर यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनिय¨रग एंड टेक्नोलॉजी

Posted By: Inextlive