-विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट में हुई बहस, पीडि़त परिवार के वकील ने लगाया आरोप

-क्लब के सीसीटीवी फुटेज खंगालने की मांग की, दोनों पक्षों से पेश हुए दर्जनों वकील

-कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को अन्तिम मौका देते हुए 26 अक्टूबर की तारीख लगा दी

KANPUR : बीएमडब्ल्यू कार से बाइक सवार को रौंदने वाले रईस डॉक्टर ने कानपुर क्लब में शराब पी थी। वो शराब के नशे में धुत थे। इसके बाद भी वो कार चला रहे थे। यह आरोप लगाते हुए शुक्रवार को पीडि़त पक्ष के वकील ने कोर्ट से कानपुर क्लब के सीसीटीवी फुटेज की जांच कराने की अपील की। साथ ही उन्होंने डॉक्टर की क्रिमिनल हिस्ट्री भी मंगवाने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है। जिसे संज्ञान में लेते हुए कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को अन्तिम मौका देते हुए सुनवाई के लिए 26 अक्टूबर की तारीख लगा दी।

जमानत अर्जी पर हुई बहस

रईस डॉक्टर अभिषेक गिरफ्तारी के बाद से जेल में है। उसकी लोअर कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद सेशन कोर्ट में सुनवाई चल रही है। शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट में जमानत अर्जी पर बहस हुई। बचाव और अभियोजन पक्ष से दर्जनों वकील कोर्ट में पेश हुए। गहमा-गहमी के बीच सुनवाई शुरू हुई तो डॉक्टर के वकीलों ने बेल दिए जाने की अपील की, जिसका अभियोजन पक्ष से बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एडवोकेट कैलाश शुक्ला ने विरोध किया। उन्होंने बहस करते हुए डॉक्टर पर शराब के नशे में कार चलाने का आरोप लगाया।

26 अक्टूबर के लिए सुनवाई टली

उन्होंने कहा कि डॉक्टर घटना के दिन कानपुर क्लब गए थे। डॉक्टर ने वहां पर शराब पी थी। वो शराब के नशे में धुत हो गए थे। इसके बाद भी वो कार चला रहे थे। डॉक्टर ने जानबूझकर गलती की है। उन्होंने डॉक्टर की बेल खारिज करने की अपील की, जिसका डॉक्टर के वकीलों ने कड़ा विरोध किया। इसी बीच एडवोकेट कैलाश ने डॉक्टर की क्रिमिनल हिस्ट्री मंगवाने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया तो डॉक्टर के वकील ने उन पर सुनवाई को टालने का आरोप लगा दिया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस को सुनने के बाद सुनवाई को 26 अक्टूबर के लिए टाल दिया। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को अन्तिम मौका देते हुए यह समय दिया है।

एक वकील को कस्टडी में लिया, मांफी मांगने पर छोड़ा

हिट एण्ड रन के मामले में दोनों पक्ष पूरी तैयारी से कोर्ट पहुंचे थे। एक पक्ष से हाईकोर्ट के वकील भी कोर्ट में बहस करने के लिए आए थे, लेकिन वो ड्रेस में नहीं थे। उन्होंने गहमा-गहमी के बीच बहस शुरू की तो उन्हें बाहरी समझकर कस्टडी में ले लिया गया। कोर्ट ने ड्रेस न होने पर नाराजगी जाहिर की। कोर्ट के कड़े रुख को देखकर आनन फानन में वकील ने मांफी मांग ली। जिस पर उनको छोड़ दिया गया।

धारा 304 (2) के तहत कार्रवाई की मांग की

पीडि़त परिवार ने रईस डॉक्टर के खिलाफ धारा 304 (2) के तहत कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि वीआईपी रोड में पिछले तीन हिट एण्ड रन केस में धारा 304 (2) के तहत कार्रवाई की गई है तो इस केस में 304 के तहत कार्रवाई क्यों की जा रही है। कारोबारी राकेश गुप्ता का कहना है कि डॉक्टर जानबूझकर शराब के नशे में कार चला रहे थे। उन्हें मालूम था कि शराब के नशे में कार चलाने से हादसा हो सकता है। इसके बाद भी वो कार चला रहे थे। इसलिए उन पर धारा 304 (2) के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।

Posted By: Inextlive