मार्च के महीने में ही गर्मी ने रिकॉर्ड तोडऩा शुरू कर दिया है. इससे मई और जून में क्या हाल होगा ये सोचकर कानपुराइट्स अभी से डरे हुए हैं. जबकि आमतौर पर मार्च में गर्मी दस्तक देती है. मार्च की रातें गर्म नहीं होती हैैं. बिना पंखे के भी काम चल जाता है. लेकिन इस बार दिन के साथ साथ मार्च की रातें भी गर्म हो रही हैैं.

कानपुर (ब्यूरो)। मार्च के महीने में ही गर्मी ने रिकॉर्ड तोडऩा शुरू कर दिया है। इससे मई और जून में क्या हाल होगा, ये सोचकर कानपुराइट्स अभी से डरे हुए हैं। जबकि आमतौर पर मार्च में गर्मी दस्तक देती है। मार्च की रातें गर्म नहीं होती हैैं। बिना पंखे के भी काम चल जाता है। लेकिन इस बार दिन के साथ साथ मार्च की रातें भी गर्म हो रही हैैं। यही वजह है कि मिनिमम टेंपरेटर ने मार्च महीने में बीते 12 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। 28 मार्च (थर्सडे) को मिनिमम टेंपरेचर 19.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। वेदर साइंटिस्ट का भी अनुमान है कि इस बार गर्मी कुछ ज्यादा ही सताएगी।

मैक्सिमम टेंपरेचर 36 डिग्री
गर्मी का सितम केवल रात ही नहीं बल्कि दिन में भी कहर ढाने लगा है। बीते चार दिनों की बात करें तो लगातार मैक्सिमम और मिनिमम टेंपरेचर बढ़ रहा है। मार्च महीने में मैक्सिमम टेंपरेचर की बात करें थर्सडे को 36 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मैक्सिमम टेंपरेचर 36 पहुंचने से दिन में गर्मी बढऩे लगी है। मिनिमम टेंपरेचर ज्यादा होने से रातें गर्म होने लगी हैैं। रात में भी पसीने छूट रहे हैैं। यह टूटता हुआ रिकार्ड इस बात का संकेत दे रहा है कि आने वाले दिनों में कई और रिकार्ड टूटने की संभावना है।

ढकने लगे मुंह और हाथ
टेेंपरेचर बढऩे से धूप मेें तेजी शुरू हो गई है। सुबह 11 बजे से शाम 04 बजे तक सडक़ों में निकलने वाले लोग मुंह और हाथ को कवर करके निकलने लगे हैैं। धूप की तेजी को देखते हुए सनस्क्रीन क्रीम की बिक्री तेज हो गई है। वहीं बढ़ती गर्मी से लोगों को राहत देने के लिए शिकंजी, कोल्ड ड्रिंक, आइस्क्रीम की दुकानें भी सज गई हैं। स्कीन टेनिंग से बचने के लिए लोग धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन क्रीम का यूज कर रहे हैैं।

यह है वजह
टेंपरेचर बढऩे का प्रमुख कारण मानवीय गतिविधियों के कारण वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा में वृद्धि होना है। सीएसए के कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ। एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि ग्रीनहाउस गैसों में मुख्य रूप से कार्बन डाई ऑक्साइड, मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड, ओजोन और क्लोरोफ्लोरो कार्बन आदि गैसें शामिल है। इसके अलावा अलनीनो के कारण समुद्र का बढ़ता टेंपरेचर भी एनवायरमेंटल टेंपरेचर को बढ़ाने में सहयोगी है।

नार्मल से ज्यादा रिकार्ड हो पारा
सीएसए की ओर से जारी टेंपरेचर के अनुसार थर्सडे को मैक्सिमम टेंपरेचर 36 डिग्री सेल्सियस था जो कि नार्मल से 3.1 डिग्री ज्यादा है। वहीं, मिनिमम टेंपरेचर की बात करें तो 19.4 डिग्री रिकार्ड किया गया जो कि नार्मल से 2.1 डिग्री ज्यादा है।

Posted By: Inextlive