टेक्नोलॉजी से भरपूर युग में हमले भी टेक्नोलॉजी का यूज करके किए जा रहे हैैं. संडे को ईरान की ओर से इजराइल पर किए गए हमले में भी ड्रोन का यूज किया गया है. ऐसे में इस खतरे को पहले ही भांपते हुए आईआईटी कानपुर ने एक ऐसा डिवाइस को तैयार किया है जो कि दुश्मन के ड्रोन को पहचानने के बाद उसको जाम करके खत्म करने का काम करेगा. इस डिवाइस को बार्डर के क्षेत्रों में यूज किया जा सकता है. आईआईटी के सी3आईहब ने चेन्नई एक स्टार्टअप कंपनी के साथ मिलकर इस डिवाइस को तैयार किया है.

कानपुर (ब्यूरो)। टेक्नोलॉजी से भरपूर युग में हमले भी टेक्नोलॉजी का यूज करके किए जा रहे हैैं। संडे को ईरान की ओर से इजराइल पर किए गए हमले में भी ड्रोन का यूज किया गया है। ऐसे में इस खतरे को पहले ही भांपते हुए आईआईटी कानपुर ने एक ऐसा डिवाइस को तैयार किया है जो कि दुश्मन के ड्रोन को पहचानने के बाद उसको जाम करके खत्म करने का काम करेगा। इस डिवाइस को बार्डर के क्षेत्रों में यूज किया जा सकता है। आईआईटी के सी3आईहब ने चेन्नई एक स्टार्टअप कंपनी के साथ मिलकर इस डिवाइस को तैयार किया है। इस काम के लिए टेक्निकल सपोर्ट के साथ डिवाइस डेवलपमेंट के लिए कंपनी को सी3आईहब की ओर से 10 लाख रुपए की ग्रांट दी गई है। फाउंडर डॉ। शिवराम का दावा है कि यह देश का पहला स्वदेशी एंटी ड्रोन डिफेंस सिस्टम है। इसको वज्र सैनिटनल सिस्टम नाम दिया गया है। बीते दिनों आईआईटी में लगे स्टार्टअप एग्जीबिशन में यह आकर्षण का केंद्र रहा है।

कुछ ऐसे करता है काम
वज्र का जिस एरिया में यूज किया जाएगा, वहां पर दुश्मन के ड्रोन का फटक पाना भी मुश्किल है। यह एआई बेस्ड इंजन के जरिए रेडियो फ्रिक्वेंसी (आरएफ) डिटेक्शन करके दुश्मन के ड्रोन को डिटेक्ट करता है। इसके बाद में ड्रोन को जाम करके खत्म कर दिया जाता है। इसके अलावा ड्रोन किस फ्रिक्वेंसी पर उड़ रहा था, टाइप आफ ड्रोन और डायरेक्शन आदि को भी बताता है। इन इंफार्मेशन के मिलने से आपको अपने दुश्मन या ड्रोन भेजने वाले का पता चल जाता है, जिससे आप आगे ड्रोन भेजने वाले से अलर्ट रह सकते हैैं। इसके अलावा हमलों से भी बचा जा सकता है।

मिनिस्ट्री आफ डिफेंस से मिला 200 करोड़ का आर्डर
आईआईटी के सी3आईहब का यह प्रोडक्ट मिनिस्ट्री आफ डिफेंस की ओर से आयोजित आईडेक्स कॉम्पटीशन का विनर रहा है। मिनिस्ट्री आफ डिफेंस की ओर से इस प्रोडक्ट को 200 करोड़ का आर्डर दिया गया है। फाउंडर ने बताया कि आर्डर के बाद दी जाने सप्लाई को सेना के यूज में लाए जाने की संभावना है।

इन जगहों पर करेगा काम
वज्र के केवल सेना के यूज में ही नहीं बल्कि कई जगहों पर किया जा सकता है। इसको आप हॉस्पिटल, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, एकेडमिक इंस्टीट्यूशंस, बंदरगाह आदि स्थानों पर लगाकर दुश्मन के हमलों को रोक सकते हैैं। इसका सबसे ज्यादा यूज देश के बार्डरों पर किया जा सकता है।

पांच किमी दूर से दिखेगा दुश्मन का ड्रोन
वज्र से अलावा आईआईटी के स्टार्टअप इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेल की ओर से एक अन्य डिवाइस को भी लांच किया गया है। इसका नाम एआई बेस्ड ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम है। इसका विजन 5.5 किमी और आरएफ कैपिसिटी 2 किमी है। यह ड्रोन को पहचानने के बाद उसकी एक्टिविटी को रोकता है। इसके अलावा सिस्टम से कनेक्ट कंट्रोल रुम में दुश्मन के ड्रोन के होने की इंफार्मेशन भी देता है।

Posted By: Inextlive