हम कानपुर के कानपुर हमारा है. यहां के लोग हमारा निजी परिवार हैं. चौधरी हरमोहन सिंह जी के परिवार से मेरे रिश्ते बहुत पुराने और आत्मिक हैं. कानपुर से दिल्ली जाते समय कई बार मैैं उनके साथ हुआ करता था. वे अपने साथ घर से बना लड्डू पकवान और भोजन लाते थे. उनका कहना था कि जो यात्री हमारे साथ सफर कर रहे हैैं वे हम सफर हैैं. उनके दिल में सबके लिए भाईचारा था. निष्ठा और ईमानदारी थी. अगर यह भावना समाज में भी चरितार्थ हो जाए तो समाज तेजी से आगे बढ़ेगा. दो दिन के दौरे पर कानपुर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को मेहरबान सिंह के पुरवा में चौ. हरमोहन सिंह की जन्मशताब्दी वर्ष पर आयोजित समारोह के दौरान यह बात कही.

कानपुर (ब्यूरो) शिक्षा के क्षेत्र में बात करते हुए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि कानपुर में शिक्षा बहुत अच्छी है और अच्छे संस्थान भी हैं। यहां आईआईटी और एनएसआई हैैं, तीन मेडिकल कॉलेज और तीन यूनिवर्सिटीज हैैं। जिसकी वजह से कानपुर की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। क्योंकि शिक्षा हर समाज की प्रगति का आधार है। भारत के विकास में शिक्षकों और छात्रों की भूमिका अहम रही है।

मुश्किल समय में योगदान
देश की आजादी पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि चंद्रशेखर, भगत सिंह के साथ हमें आजादी दिलाने वालों में अजीजन बाई और मैनावती को भी याद रखना होगा। हम लोग आजादी का 75 वां वर्ष अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैैं। कानपुर का देश की आजादी में विशेष योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद का समय बहुत चुनौती भरा था। गांव गांव से उस वक्त हरमोहन सिंह जैसे लोग आगे आये और देश के विकास में योगदान किया।

अपनी मिट्टी से जुड़े रहें
राष्ट्रपति ने एक प्रकरण सुनाते हुए कहा कि कुछ दिन पहले ही हरियाणा के एक विकसित गांव में जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यहां की आबादी 6000 के आसपास है। लोगों से बात करने पर पता चला कि यहां के लोग गांव से निकलकर मुंबई पहुंचे और अपनी मेहनत की कमाई का रुपया गांव के विकास में लगाया। लोगों का कहना था कि गांव अपना है, अगर इसके विकास के लिए हम नहीं सोचेंगे तो कौन सोचेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि अगर सभी के अंदर ऐसी भावना आ जाए देश के विकास की रफ्तार कई गुना बढ़ जाए।

Posted By: Inextlive