गोमती नगर विस्तार के 17 पार्कों को मिलेगी संजीवनी, होगा सौंदर्यीकरण
लखनऊ (ब्यूरो) । गोमती नगर विस्तार योजना में कई पार्क बदहाल हालत में हैैं। जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों की ओर से कई बार पार्कों के सौंदर्यीकरण को लेकर एलडीए से मांग की जा चुकी है।
अब जाकर मिलेगी राहतलंबे इंतजार के बाद ही सही लेकिन अब बदहाल पार्कों के सौंदर्यीकरण का रास्ता लगभग साफ हो गया है। पार्कों के सौंदर्यीकरण के लिए करीब 5 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। पहले एलडीए की ओर से सौंदर्यीकरण को लेकर पूरी कार्य योजना तैयार की जाएगी, इसके बाद इसे इंप्लीमेंट किया जाएगा। इन बिंदुओं पर पार्कों का सौंदर्यीकरण
1-हरियाली
2-साफ सफाई
3-वॉकिंग ट्रैक
4-चिल्ड्रेन प्ले स्पेस
5-सिटिंग अरेंजमेंट
6-पेयजल व्यवस्था
7-लाइटिंग व्यवस्था
पब्लिक से सुझाव
एलडीए की ओर से पार्कों का सौंदर्यीकरण कराने के लिए विस्तार में रहने वाले लोगों से सुझाव भी मांगे जा सकते हैैं। बेहतर सुझावों को भी इंप्लीमेंट किया जाएगा।
अन्य योजनाओं पर भी फोकस
एलडीए की ओर से विस्तार के साथ-साथ अन्य योजनाओं में मौजूद बदहाल पार्कों की लिस्ट भी तैयार कराई जा रही है। जिससे चरणबद्ध तरीके से हर योजना में बदहाल पार्कों का सौंदर्यीकरण कराया जा सके। खास बात यह है कि एलडीए की ओर से जल्द से जल्द उक्त पार्कों का सौंदर्यीकरण कराये जाने संबंधी तैयारी की जा रही है।
एलडीए की ओर से अपनी योजनाओं में बदहाल पड़ी संपत्तियों पर भी फोकस किया जा रहा है। एलडीए की ओर से ऐसी संपत्तियों को चिन्हित किया जा रहा है, जो बदहाली के कारण बिक नहीं पा रही हैैं। पहले तो एलडीए की ओर से उक्त संपत्तियों की स्थिति ठीक कराई जाएगी, इसके बाद उक्त संपत्तियों की बिक्री के लिए प्रयास किए जाएंगे। जिससे एक तो अनिस्तारित संपत्ति का निस्तारण हो सके साथ ही प्राधिकरण को राजस्व संबंधी लाभ हो सके।
खाली प्लॉट्स पर भी नजर
एलडीए की ओर से अपनी योजनाओं में ऐसे प्लॉट्स पर भी नजर रखी जा रही है, जो आवंटित तो हो चुके हैैं लेकिन लंबे समय से खाली पड़े हैैं। ऐसे आवंटियों को कॉल करके निर्माण संबंधी अपील की जा सकती है। हाल में ही एलडीए की ओर से टीपी नगर योजना में उक्त कदम को उठाया गया है। आवंटियों को लीज नवीनीकरण की सुविधा दिए जाने के साथ ही पांच साल के अंदर निर्माण कराया जाना अनिवार्य किया गया है। एलडीए की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर कोई आवंटी ऐसा नहीं करता है तो पांच साल के बाद उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।