लखनऊ (ब्यूरो)। अकबर नगर प्रथम व द्वितीय में कुकरैल नदी व बंधे के विस्थापितों को प्रधानमंत्री आवास आवंटित करने के लिए दोबारा लगाये गये विशेष शिविर में शुक्रवार को 17 लोगों ने पंजीकरण कराया। एलडीए वीसी डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि लोगों की सहूलियत के लिए इस बार एक और नई व्यवस्था लागू की गयी है। जिसके तहत अकबर नगर के अध्यासी कैम्प के अतिरिक्त प्राधिकरण के पते पर रजिस्टर्ड डाक भेजकर अथवा ई-मेल के माध्यम से भी आवास के लिए आवेदन कर सकते हैं।

1700 लोगों ने कराया था रजिस्ट्रेशन

एलडीए अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि अकबर नगर के विस्थापितों को पीएम आवास आवंटित करने के लिए प्राधिकरण द्वारा पूर्व में क्षेत्र में विशेष कैम्प लगाया था, जिसमें 1700 से अधिक लोगों ने आवास के लिए पंजीकरण कराया था। इसी कड़ी में प्राधिकरण द्वारा एक बार फिर 29 अप्रैल तक स्थानीय पुलिस चौकी के पास विशेष कैम्प स्थापित किया गया है। कैंप में प्राधिकरण के संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी गयी है, जिनके द्वारा विस्थापितों को आवंटन की पूरी प्रक्रिया की जानकारी देते हुए पंजीकरण की कार्यवाही कराई जा रही है। शुक्रवार को कैंप में पहुंचे लोगों ने प्रधानमंत्री आवास के लिए फार्म भरे। जिनमें से अकबर नगर प्रथम के 15 एवं अकबर नगर द्वितीय के 02 विस्थापितों ने वांछित दस्तावेजों के साथ एक हजार रुपये शुल्क जमा कराकर आवास के लिए सफलतापूर्वक पंजीकरण कराया।

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रोड साइड ग्रीनरी पर फोकस, कॉम्पैक्टर से खत्म होंगे वेस्ट के ढेर

नगर निगम की ओर से अपने सभी जोन कार्यालयों में रोड साइड ग्रीनरी डेवलपमेंट और वेस्ट फ्री पॉलिसी पर काम शुरू कर दिया गया है। इसका सीधा फायदा राजधानी की जनता को मिलेगा साथ ही शहर भी स्वच्छ और ग्रीन नजर आएगा।

यह तैयार किया गया है प्लान

निगम प्रशासन की ओर से पहला फोकस रोड साइड ओपन वेस्ट के ढेर को समाप्त करने पर किया गया है। अभी 30 से अधिक प्वाइंट्स ऐसे चिन्हित किए गए हैैं, जहां रोड साइड वेस्ट देखा जा सकता है। इसकी वजह से स्वच्छता सर्वेक्षण की रैैंकिंग पर भी असर देखने को मिलता है। इसके चलते अब सभी जोन में कॉम्पैक्टर लगाने की तैयारी हो रही है, जिससे रोड साइड वेस्ट की समस्या को दूर किया जा सके।

ग्रीनरी भी होगी डेवलप

पहले तो रोड साइड ओपन वेस्ट के ढेर को समाप्त किया जाएगा और इसके बाद उक्त प्वाइंट्स पर ग्रीनरी भी डेवलप की जाएगी। इसके साथ ही कई प्रमुख मार्गों के किनारे भी पौधरोपण पर फोकस किया जा रहा है। जिससे एक्यूआई लेवल को कंट्रोल किया जा सके। निगम प्रशासन का प्रयास यही है कि जल्द से जल्द इस योजना को इंप्लीमेंट किया जा सके।