- लाखों खर्च के बाद भी लाइसेंस के चक्कर लगाने को मजबूर आवेदक

- सारथी भवन में सिर्फ लाइसेंस बनाए जाने की प्रक्रिया होनी थी शुरू

LUCKNOW:

ना सारथी भवन खुलेगा और ना यहां लाइसेंस बनने का काम शुरू होगा। सरकार के लाखों खर्च करने के बाद भी आरटीओ ऑफिस में लाइसेंस बनवाने आने वालों को धक्के खाने पड़ रहे हैं। आरटीओ ऑफिस के अधिकारी भी नहीं चाहते हैं कि सारथी भवन की शुरुआत हो। क्योंकि इसके शुरू होने पर यहां तैनात अधिकारियों और बाबू की होने वाली कमाई पर ग्रहण लग जाएगा। इस भवन को कंप्लीट करने के लिए अब और 43 लाख की डिमांड की गई है।

एक साल पहले काम होना था पूरा

ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ ऑफिस में लाइसेंस बनवाने के लिए अलग भवन का निर्माण कराया गया। भवन निर्माण कार्य 2015 में शुरू हुआ। तीन मंजिला भवन बनाने के लिए 74 लाख का बजट भी आवंटित हुआ। इस भवन में अप्रैल 2016 में कार्य शुरू किए जाने की योजना थी। लेकिन कार्य तो छोडि़ए एक साल गुजर गया लेकिन भवन का निर्माण तक पूरा नहीं हुआ।

बंद हो जाएगी कमाई

आरटीओ ऑफिस के कर्मचारी भी सारथी भवन की शुरुआत नहीं चाहते हैं। इस भवन के शुरू होते ही यहां तैनात कर्मचारियों की कमाई खतरे में पड़ जाएगी। सारथी भवन में सैम्यूलेटर मशीन लगाई जानी है। इस मशीन के लगने से जहां टेस्ट आसानी से हो सकेंगे। यह मशीन ही आवेदक को नम्बर देकर फेल या पास का सर्टिफिकेट देगी। ऐसे में आरटीओ ऑफिस में तैनात कर्मचारियों के हाथ से फेल और पास करने का अधिकार भी खत्म हो जाएगा।

43 लाख की डिमांड

फिलहाल इस भवन की शुरुआत के लिए निर्माण इकाई ने 43 लाख रुपए और बजट की डिमांड की है। जिससे यहां फिनिशिंग का काम पूरा हो सके। भवन में नए फर्नीचर के साथ ऑनलाइन टेस्ट के लिए कम्प्यूटर, लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों के लिए वेटिंग एरिया में बैठने के लिए कुर्सियां, एसी सुविधा के लिए बजट की डिमांड की गई है। अभी तक इस बजट को दिया नहीं गया है। परिवहन विभाग ने इस बजट को शासन को भेज दिया है।

सारथी भवन का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। इसके पूरा होते ही यहां पर काम शुरू हो जाएगा। फिनिशिंग के लिए शासन से बजट की डिमांड की गई है।

पी गुरु प्रसाद, परिवहन आयुक्त

उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग

Posted By: Inextlive