एकेटीयू लखनऊ के 21वें दीक्षांत समारोह में 95 स्टूडेंट्स को मेडल दिए गए। वहीं 112 कैंडीडेट्स ने अपनी पीएचडी पूरी की। इस दौरान 49 हजार 452 स्टूडेंट्स को डिग्री दी गई। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल और प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा एम देवराज मौजूद रहे।


लखनऊ (ब्यूरो)। आज का दौर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का है। ऐसे में एआई में स्किल होने के साथ-साथ इमोशनल इंटेलिजेंस (ईआई) की भी बहुत जरूरत है, ताकि समाज में हाशिए पर बैठे लोगों को भी लाभ मिले। आज के समय में सफलता के लिए स्किल होना जरूरी नहीं है, बल्कि आपके हाथ में जो स्किल है उसको अपग्रेड करना और उसे रीस्किल करने का समय है। तभी आने वाले समय में जो चुनौती आपके सामने होगी उसे आसानी से हल कर सकेंगे और अपने करियर को और बेहतर मुकाम पर ले जा सकेंगे। यह बात उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल एजुकेशन (एकेटीयू) की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को एकेटीयू के अटल बिहारी वाजपेई बहुउद्देशीय सभागार में आयोजित संस्थान के 21वें दीक्षांत समारोह पर कहीं। वह कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही थीं।गरीब बच्चों के साथ मनाएं जन्मदिन


एकेटीयू के 21वें दीक्षांत समारोह में 95 स्टूडेंट्स को मेडल दिए गए। वहीं, 112 कैंडीडेट्स ने अपनी पीएचडी पूरी की। इस दौरान 49 हजार 452 स्टूडेंट्स को डिग्री दी गई। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल और प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा एम देवराज मौजूद रहे। कार्यक्रम में बोलते हुए राज्यपाल ने स्टूडेंट्स से कहा कि अपना जन्मदिन होटल में जाकर सेलिब्रेट करने की बजाय 20 से 25 हजार रुपये आंगनबाड़ी केंद्रों में सामान मुहैया कराने या फिर उन केंद्रों पर जाकर उससे फल मिठाई आदि लेकर उन गरीब बच्चों के साथ मनाएं। इससे आपको ज्यादा संतोष होगा।समाज की समस्याओं से मिलेगा आइडियाउन्होंने कहा कि आज इस समारोह में तीन छात्रों को स्टार्टअप अवार्ड मिला है। स्टार्टअप को खोजने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है। हमारे समाज में कई ऐसी जगहें हैं, जहां समस्या है। उसका समाधान खोजें, यही आपके लिए एक बेहतर स्टार्टअप का माध्यम हो सकता है। उन्होंने कहा कि आज से 9-10 साल पहले देश में 100 स्टार्टअप हुआ करते थे आज 1 लाख से ज्यादा स्टार्टअप हैं। प्रधानमंत्री कौशल विकास के तहत देश में डेढ़ करोड़ युवाओं को ट्रेनिंग मिल चुकी है।महिलाओं को ड्रोन की ट्रेनिंग दे रहा एकेटीयू

एकेटीयू के कुलपति जेपी पांडे ने कहा कि 50 हजार 196 छात्रों की उपाधि डिजिलॉकर में अपलोड कर दी गई हैं। वर्किंग प्रोफेशनल के लिए बीटेक की शुरुआत इसी सत्र से हो रही है। फरवरी 2024 में मेगा जॉब फेयर ऑर्गेनाइज करने जा रहे हैं, जिसमें 2000 जॉब के अवसर मुहैया कराए जाएंगे। इसके अलावा कार्यक्रम के अंत में दो दिवसीय हर कॉन्क्लेव का भी आयोजन होगा। विदेशी यूनिवर्सिटी से करार करके ट्यूनिंग प्रोग्राम की शुरुआत की है। एकेटीयू के 19 संस्थानों को नैक के अच्छे ग्रेड मिले हैं वहीं 38 संस्थानों को एनबीए एक्रिडेशन भी हासिल किया है। एकेटीयू ग्रामीण अंचल की महिलाओं के लिए ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग भी देगा, जिससे वह ड्रोन का इस्तेमाल रोजगार व अपने खेतों की उत्पादकता बढ़ाने में कर सकें।किया टॉप, मिला चांसलर मेडल

दीक्षांत समारोह में एकेटीयू से संबद्ध संस्थान मेरठ इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी मेरठ के बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के छात्र मोहसिन अफरोज ने टॉप किया है। उन्हें बीटेक के सभी ब्रांचों में सबसे अधिक अंक मिले हैं। दीक्षांत समारोह में मोहसिन अफरोज को कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के हाथों चांसलर मेडल प्रदान किया गया। कमल रानी वरुण स्मृति मेडल पीएसआईटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी कानपुर के बीटेक इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी की छात्रा प्रज्ञा गौतम को दिया गया है। समारोह में कुल 95 गोल्ड सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल दिए गए। जिसमें 39 गोल्ड मेडल, 27 सिल्वर मेडल और 27 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। इस बार की डिग्री हासिल करने में लड़कियों का प्रतिशत 26 रहा और लड़कों का प्रतिशत 74 रहा। इस बार कुल 50 हजार 196 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। सबसे अधिक मेडल भी इस बार लड़कियों के खाते में ही गए हैं। 112 स्टूडेंट्स को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई है। जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार में मुख्य सचिव रहे पूर्व नौकरशाह आरके तिवारी को मैनेजमेंट के क्षेत्र में पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई है।वायरलेस टेक्नोलॉजी की फील्ड में करना है कामचांसलर मेडल पाने वाले मोहसिन अफरोज ने बताया कि बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उनका सपना हर किसी को बेहतर शिक्षा दिलाने का है। आज काफी कंटेंट ऑनलाइन मौजूद हैं। मैं छोटे-छोटे क्लस्टर बनाकर कम सुविधाओं वाले बच्चों को भी इसे उपलब्ध कराने का प्रयास करुंगा। अभी गेट की तैयारी में जुटा हुआ हूं। वायरलेस टेक्नोलॉजी के फील्ड में आगे काम करना चाहता हूं। मेरे पिता फिरोज अहमद गवर्नमेंट कॉलेज में प्रिंसिपल रहे हैं। मां शबनम फातिमा हाउसवाइफ हैं।आईटी सेक्टर में कर रही हूं काम
कमल रानी वरुण गोल्ड मेडल हासिल करने वाली बीटेक छात्रा प्रज्ञा गौतम ने बताया कि वह वर्तमान में नोएडा की कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम कर रही हैं। हाल ही में उनका चयन फ्लिपकार्ट में 32 लख रुपये सालाना के पैकेज पर हुआ। कोविड काल में मैंने लोगों की जरूरत के लिए मास्क सैनिटाइजर आदि कम दामों में उपलब्ध कराने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शुरू किया था। मेरा उद्देश्य लोगों को ज्यादा से ज्यादा घर बैठे सुविधा उपलब्ध कराना है। मेरे पिता हरिश्चंद्र रेलवे में सीनियर सेक्शन इंजीनियर हैं। माता हाउसवाइफ हैं। स्टेबल होने के बाद सिविल की तैयारी भी करना चाहती हूं।इस साल मिले तीन स्टार्टअप अवार्डदीक्षांत समारोह में पहली बार तीन श्रेणियों में स्टूडेंट स्टार्टअप अवार्ड भी दिया गया। इसमें एक अवार्ड बेस्ट वूमेन लेड स्टार्टअप अवार्ड विवि के घटक संस्थान आइईटी की छात्रा आराधना कन्नौजिया के स्टार्टअप वाइल नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया। जबकि दूसरा बेस्ट सोशल इम्पैक्ट स्टार्टअप अवार्ड डॉ। अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर दिव्यांगजन के आदित्य सिंह के स्टार्टअप एरेपनिक्स प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया। तीसरा बेस्ट टेक इनोवेशन स्टार्टअप अवार्ड मेरठ इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी मेरठ के छात्र प्रशांत वर्मा को उनके स्टार्टअप पीवीएचकेआर साइबर सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया।

Posted By: Inextlive