टेक्नीशियन की कमी के चलते कैंसर पेशेंट की वेटिंग बढ़ी
10 सर्जरी हो रही हैं एक सप्ताह में
40 मरीजों को इलाज रेडियो थेरेपी से पूरा हुआ 100 मरीजों का अब तक पूरा हो चुका है ट्रीटमेंट 20 नए मरीज रोज आ रहे इलाज कराने कितने टेक्नीशियन कम 25 टेक्नीशियन की पोस्ट हैं 06 टेक्नीशियन ही हैं मौजूद 57 रेगुलर पोस्ट पर भी होनी है भर्ती - कैंसर इंस्टीट्यूट में स्टाफ की कमी के कारण मरीजों को मिल रही लंबी वेटिंग LUCKNOW: कैंसर मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए चक गजरिया में कैंसर इंस्टीट्यूट खोला गया है। संस्थान खुलने के साथ ही यहां कैंसर मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है। हालांकि स्टाफ की कमी के कारण थेरेपी के लिए 7 से 10 दिन की वेटिंग भी शुरू हो गई है। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। टेक्नीशियन की कमीकैंसर इंस्टीट्यूट में सप्ताह में करीब 10 सर्जरी हो चुकी हैं और रोज करीब 15 से 20 नए मरीज भी आ रहे हैं। संस्थान खुलने के बाद से यहां अब तक करीब 100 लोगों को इलाज पूरा किया जा चुका है और करीब 40 मरीजों का रेडियो थेरेपी से इलाज किया जा चुका है। अब संस्थान में टेक्नीशियन की कमी होने से थेरेपी के लिए लंबी वेटिंग शुरू हो गई है।
37 मरीजों को ही मिल रहा इलाज
अधिकारियों की माने तो संस्थान में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। एक मशीन पर 100 मरीजों के इलाज का काम किया जा सकता है लेकिन टेक्नीशियन की कमी के चलते सिर्फ 37 मरीजों का ही इलाज हो पा रहा है। जिससे समस्या सामने आ रही है। रेगुलर भर्ती करनी है संस्थान के अधिकारियों का कहना है कि एनएचएम से टेक्नीशियन की मांग की गई थी लेकिन संस्थान को डीजीएमई टेक्नीशियन दे रहे हैं। जिससे काम पर असर पड़ रहा है। योग्यता ज्यादा मांगे जाने से आउटसोर्सिग से भी लोग नहीं मिल रहे हैं। वैसे भी करोड़ों की एडवांस मशीन चलाने के लिए सुपर स्पेशलिस्ट की जरूरत होती है। सिर्फ तीन टेक्नीशियन हैं जानकारी के अनुसार रेडियोलॉजी और रेडियो थेरेपी विभाग में तीन-तीन टेक्नीशियन ही काम कर रहे हैं। हमारे यहां टेक्नीशियन की 25 रेगुलर पोस्ट हैं। इन पोस्टों पर भर्ती करने के लिए पहले अनुबंध हुआ था लेकिन मामला खटाई में पड़ गया। संस्थान में टेक्नीशियन के अलावा 57 रेगुलर स्टाफ की भर्ती भी होनी है। कांट्रेक्ट बेस पर दो भर्ती हो भी चुकी हैं। सभी भर्तियां जल्द करने की तैयारी है, ताकि संस्थान पूरी क्षमता के साथ काम करे। नियुक्तियां करना बड़ा चैलेंजकैंसर संस्थान के निदेशक डॉ। सालिन कुमार ने बताया कि उम्मीद है कि तीन-चार माह में नियुक्तियों का काम पूरा हो जाएगा। कोशिश यही है कि यह काम जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए, ताकि मरीजों को कोई दिक्कत न हो।
पूरी क्षमता के अनुसार काम किया जा रहा है लेकिन अभी इसे और विस्तार देना है। जल्द ही रेगुलर भर्ती पूरी की जाएगी। डॉ। सालिन कुमार, निदेशक कैंसर संस्थान