परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक आईटी यजुवेंद्र कुमार का कहना है कि जिस फर्म के साथ परिवहन निगम का ऑनलाइन सेवाओं का अनुबंध हुआ है उसका डाटा किसी ने हैक कर लिया है। इस वजह से ऑनलाइन एप्लीकेशन ओपन नहीं हो पा रही है। इससे ऑनलाइन सेवाएं प्रभावित हैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीनों की ऑनलाइन सर्विस को साइबर क्रिमिनल्स ने हैक कर लिया। जिससे ऑनलाइन टिकट की सभी सर्विस ठप हो गईं। इसके चलते सारा ऑनलाइन काम प्रभावित हो गया है। साइबर क्रिमिनल्स ने 25 अप्रैल रात 2 बजे टिकटिंग सर्वर के डाटा को इनक्रिप्ट कर दिया। इस मामले में साइबर थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है। सभी आरएम व एआरएम को मैनुअल काम कराने के निर्देश देने के साथ ही साइबर एक्सपर्ट की मदद से साइट को रिकवर कराने का भी प्रयास शुरू किया गया, जिसमें सात से 10 दिन का समय लग सकता है।मुंबई की कंपनी को मिला था ठेका


मुंबई की ओरियन प्रो कंपनी को परिवहन निगम ने ऑनलाइन सिस्टम का पूरा ठेका दिया है। चार दिन पहले ही टेस्टिंग के बाद परिवहन निगम ने पांच साल के लिए अनुबंध पर मुहर लगाई, लेकिन सिर्फ चार दिन ही बीते और कंपनी का जो डाटा क्लाउड पर सेव था उसे किसी हैकर ने हैक कर लिया और इंक्रिप्टेड कर दिया। इसके बाद अब ऑनलाइन एप्लीकेशन ओपन ही नहीं हो रही है। जब तक हैकर इस एप्लीकेशन को डिस्क्रिप्ट नहीं करेगा तब तक ऑनलाइन सेवाएं शुरू नहीं हो पाएंगी। पैसेंजर्स को ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा फिलहाल नहीं मिलेगी। चालक परिचालक के लिए अब इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन शोपीस हो गई हैं, क्योंकि अब इससे टिकट जारी नहीं हो पाएंगे।नहीं ओपन हो रही एप्लीकेशनपरिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (आईटी) यजुवेंद्र कुमार का कहना है कि जिस फर्म के साथ परिवहन निगम का ऑनलाइन सेवाओं का अनुबंध हुआ है, उसका डाटा किसी ने हैक कर लिया है। इस वजह से ऑनलाइन एप्लीकेशन ओपन नहीं हो पा रही है। इससे ऑनलाइन सेवाएं प्रभावित हैं। कंपनी पूरी कोशिश कर रही है कि जल्द से जल्द ऑनलाइन सेवाएं पहले की तरह शुरू की जा सके। अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि फिर से ऑनलाइन सेवाओं को शुरू होने में कितना समय लगेगा।अभी लग सकते हैं कई दिन

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की ऑनलाइन सेवाओं में हैकर्स ने सेंध लगाते हुए डाटा हैक कर लिया है। इससे 25 अप्रैल से परिवहन निगम की ऑनलाइन सेवाएं ध्वस्त हो गई हैं। बसों की ऑनलाइन बुकिंग नहीं हो रही है तो इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन से टिकट नहीं बन रहे हैं। इससे परिवहन निगम को काफी नुकसान हो रहा है। मैनुअल टिकट के सहारे बसों का संचालन कराने का प्रयास किया जा रहा हैं, लेकिन परिचालक ईटीएम के बिना ड्यूटी करने से मना कर रहे हैं। अधिकारी बताते हैं कि ऑनलाइन सेवाओं के बाधित होने से चौपट हुई व्यवस्था को दुरुस्त करने में कम से कम एक सप्ताह का समय लगेगा।रोडवेज का भी डाटा हैक

यूपीएसआरटीसी के प्रधान प्रबंधक (आईटी) यजुवेंद्र कुमार का कहना है कि मैसर्स ओरियन प्रो को ऑनलाइन सेवाओं की जिम्मेदारी दी गई है। ओरियन प्रो की तरफ से मुंबई में वेब वर्क नाम की जो कंपनी है उसे डाटा सिक्योर रखने का काम सौंपा गया है, लेकिन वेब वर्क कंपनी पर साइबर अटैक होने से कई कंपनियों के डाटा के साथ ही रोडवेज का डाटा भी हैक कर लिया गया है। ऐसे में सभी ऑनलाइन सेवाएं प्रभावित हो गई हैं। कंपनी की तरफ से मुंबई में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। 4000 रूट पर बसों का संचालन नई व्यवस्था के तहत शुरू करा दिया जाएगा। सभी रूट फीड किए जा रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन का भी डाटा फीडिंग का काम चल रहा है। जो डाटा हमारे पास है उसे प्लान बी के तहत नए एप्लीकेशन पर फीड कराने का काम तेजी से किया जा रहा है। जीएम यजुवेंद्र कुमार का कहना है कि कंपनी को ऑनलाइन सेवाओं के लिए जो टेंडर दिया गया है उसमें सारी शर्तेें जो भारत सरकार की तरफ से डाटा सिक्योरिटी के लिए निर्धारित हैं उसी के तहत किया गया है।सेवा प्रदाता कंपनी से होगी भरपाईपरिवहन निगम के सीनियर अफसरों का कहना है कि ऑनलाइन सेवाओं की जिम्मेदारी जिस सेवा प्रदाता कंपनी को सौंपी गई है, अब घाटे की भरपाई भी वही कंपनी करेगी। ऑनलाइन सेवाओं के दौरान एक दिन की आय और मैनुअल टिकट से प्रतिदिन जो आय प्राप्त होगी, उसमें जितना अंतर आएगा उस धनराशि की वसूली संबंधित सेवा प्रदाता कंपनी से की जाएगी। अधिकारियों का अनुमान है कि सात दिन में करोड़ों का घाटा हो सकता है।नहीं चली बसें, कंडक्टर रहे गायब
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारी मैनुअल टिकट से बस संचालन के लिए लगातार चालक परिचालकों को समझाने में जुटे रहे, लेकिन परिचालक नहीं माने। प्रदेश भर के तमाम डिपो से मुख्यालय को यह रिपोर्ट मिलती रही कि परिचालकों के अभाव में बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। अनुबंधित बस स्वामी और भी ज्यादा परेशान रहे, क्योंकि जो परिचालक ड्यूटी कर भी रहे थे वे पहले परिवहन निगम की बसों पर भेजे जा रहे थे। ऐसे में प्राइवेट बस ऑपरेटर्स की बसें खड़ी रह गईं। बसों का संचालन बाधित होने से बस स्टेशन पर यात्री बसों का इंतजार करते रहे।

Posted By: Inextlive