खुशियों के पर्व दीपावली को सभी धूमधाम से मनाते हैं और इस दिन बच्चे जमकर पटाखे भी जलाते हैं। आतिशबाजी के दौरान बच्चों पर विशेष नजर रखने की जरूरत है ताकि किसी तरह की अनहोनी न हो। ध्यान रखें कि आतिशबाजी से पहले हाथ सेनेटाइज न करें।


लखनऊ (ब्यूरो)। पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक विभाग के एचओडी डॉ। अजय सिंह के मुताबिक आतिशबाजी के दौरान अगर छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखा जाए तो अप्रिय घटनाओं को रोका जा सकता है। यदि जल जाएं तो सबसे पहले जले हुए हिस्से को बहते पानी से साफ करें और तत्काल नजदीकी अस्पताल जाएं। जले हुए भाग को ठंडे पानी या बर्फ से नहीं धोएं। जले हुए हिस्से पर टूथपेस्ट या हल्दी भी न लगाएं। पटाखे जलाने से जो धुआं निकलता है, वह आंख, नाक, गले, फेफड़े आदि के लिए खतरनाक होता है। ऐसे में मास्क लगाकर ही पटाखे जलाएं।सेनेटाइजर को रखें दूर आतिशबाजी से पहले पटाखों और अपने हाथ को सेनेटाइज करने से बचें। आतिशबाजी से पूर्व केवल साबुन से ही हाथ धोएं। सेनेटाइजर एक ज्वलनशील पदार्थ है और यह काफी तेजी से आग पकड़ता है। पटाखे जलाते समय इसे अपने से काफी दूर रखना चाहिए।


ग्रीन पटाखे ही खरीदें

कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश सरकार ने कुछ जिलों में हरित पटाखों की बिक्री के निर्देश दिए हैं। इसमें सल्फर और नाइट्रोजन की मात्रा कम होती है और 50 फीसद तक कम धुआं निकलता है। इनकी आवाज और रोशनी भी पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम होती है। इस बार दीपावली में इन पटाखों का ही प्रयोग करें।

इन बातों का रखें ध्यान- वैध दुकान से ही पटाखे खरीदें - बच्चों को निगरानी में रखें- आतिशबाजी स्थल पर पानी और फस्ट एड बाक्स रखें- एक समय में एक व्यक्ति पटाखा जलाए- पटाखा खुली जगहों पर ही जलाएं- जीरो पावर वाला चश्मा लगाकर आतिशबाजी करें

Posted By: Inextlive