लखनऊ यूनिवर्सिटी के 101वें स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत गणेश वंदना से हुइ। इसके बाद मालवीय सभागार संस्कृत गीत सरस सुबोधा विश्व मनोज्ञा ललिता विद्या रमणीया अमृतवाणी संस्कृत भाषा नैव क्लिष्टा न च कठिना... से गूंज उठा. वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की कड़ी में एमबीए की छात्राओं ने बॉलीवुड गीतों पर डांस और पैरोडी प्रस्तुत की. वहीं कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में यूनिवर्सिटी पहुंचे एलयू के पूर्व छात्र और पूर्व राजनयिक दिनकर प्रकाश श्रीवास्तव को सम्मानित किया गया।लखनऊ ब्यूरो दिनकर प्रकाश श्रीवास्तव को समारोह के अध्यक्ष और यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. आलोक कुमार राय एल्युमिनाई एसोसिशन की अध्यक्ष प्रो. निशि पांडेय और सांस्कृतिकी निदेशक प्रो. राकेश चन्द्रा ने सम्मानित किया. मुख्य अतिथि दिनकर ने बतौर भारतीय राजदूत ईरान मिडल ईस्ट यूएसए यूरोपियन यूनियन पाकिस्तान आदि देशों में अपनी सेवाएं दी है।


लखनऊ (ब्यूरो)। दिनकर श्रीवास्तव ने अपनी किताब फॉरगॉटेन कश्मीर द अदर साइड ऑफ द लाइन ऑफ कंट्रोल पर बात की। उनके बताया कि किताब इस बारे में है कि कैसे कश्मीर की आजादी की बात करके, अपने हिस्से के कश्मीर को पाकिस्तान ने खुद ही भुला दिया और वहां के लोगों को धोखा दिया। दादाजी ने महिला कॉलेज की रखी थी नींव


दिनकर प्रकाश श्रीवास्तव ने विद्यार्थी जीवन की याद करते हुए कहा कि मैं कुछ भी भूला नहीं हू। आज भी लखनऊ यूनिवर्सिटी वैसी ही है, जैसे मेरे समय में थी। सत्र 1975.76 में लखनऊ यूनिवर्सिटी के राजनीति शास्त्र विभाग में एमए का छात्र था। उन्होंने बताया कि उनके दादाजी, विशम्भर नाथ श्रीवास्तव 40 के दशक में देश विभाजन से पहले लखनऊ यूनिवर्सिटी के लॉ विभाग के डीन थे और वह पाकिस्तान बनने से पहले लखनऊ के मेयर भी रहे और यहां महिला डिग्री कॉलेज की नींव रखी। वह 21 साल तक इस कॉलेज के संस्थापक अध्यक्ष रहे। बाद में उनके पिता दयानन्द श्रीवास्तव भी कॉलेज की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रहे।

रूहानी के सुर लोगों के रूह में उतरे


लखनऊ यूनिवर्सिटी की छात्राओं द्वारा बनाया गया बैंड रूहानी ने मंच पर पहली बार प्रस्तुती दी। बैंड के गीत श्मस्त मलंग, ओ रे पिया और ये रातें ये मौसम नदी का किनारा, जैसे कई गानों पर युवाओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। तबले पर कृतिका, ड्रम पर अंशिका, सिंथेसाइजर पर वैभवी, गिटार पर इशिका खन्ना व आकांक्षा सिंह, मैंडोलिन पर इशिका नारायण, हारमोनियम पर सीमांती थी।

Posted By: Inextlive