अब ई कार टैक्सी से कीजिए सुहाना सफर
- शहर में चार्जिग प्वाइंट बनते ही मिलेगी ई कार टैक्सी दौड़ाने की परमीशन
- अन्य टैक्सी सेवा से किराया भी होगा काफी कम, परिवहन विभाग ने किया - एसी कार की कीमत लगभग 9.50 लाख रुपए - एक बार चार्ज करने पर सौ किमी का सफर - छह घंटे में हो जाती है पूरी तरह चार्ज - दोनों दरवाजों पर पैनिक बटन, जीपीएस सिस्टम - किराया अन्य कार टैक्सी से होगा लगभग आधा sanjeev.pandey@inext.co.in LUCKNOW :राजधानी में ई कार टैक्सी का संचालन की तैयारियां की जा रही है। इसके लिए परिवहन विभाग ने एक ई कार टैक्सी का परीक्षण किया जिसमें वह पूरी तरह से खरी उतरी। शहर में अभी चार्जिग प्वाइंट की सुविधा नहीं है। यह सुविधा मिलते ही संचालन की अनुमति दे दी जाएगी। इससे जहां शहर केपॉल्यूशन लेवल में कमी आएगी, साथ ही इसका किराया भी कम होगा।
किया गया परीक्षणपरिवहन विभाग में शुक्रवार को विभिन्न गाडि़यों को प्रदेश की सड़कों पर दौड़ाने की अनुमति के लिए यहां लाया गया। इन सात गाडि़यों में यहां के अधिकारियों टैक्सी सेवा के लिए लाई गई ई-कार टैक्सी ने सबसे अधिक आकर्षित किया। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस एसी कार की कीमत लगभग 9.50 लाख रुपए है। इस कार चालक समेत चार लोगों के बैठने की सुविधा है। कार के दोनों दरवाजों पर पैनिक बटन, जीपीएस सिस्टम भी है। बैटरी से चलने वाले यह कार एक बार चार्ज होने पर करीब सौ किमी का सफर आसानी से तय कर सकती है।
अन्य प्रदेशों में हो चुकी है शुरुआतकार की फिटनेस और परमीशन के लिए आए अधिकारियों ने बताया कि इन कारों का संचालन हैदराबाद, बंग्लौर, इंदौर समेत कई जगह शुरू हो चुका है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इन गाडि़यों में आवाज बहुत कम है और प्रदूषण भी नहीं होता। फ्यूल से चलने वाले वाहनों पर खर्च अधिक होने के कारण चालक यात्रियों से अधिक किराया भी वसूलते हैं। लेकिन इसके शुरू होने से यहां चल रही अन्य कार टैक्सी की सेवा में इसका किराया आधा होगा। अन्य कार टैक्सी में जहां यात्रियों से 22 रुपए प्रति किमी से 25 रुपए प्रति किमी तक किराया वसूला जा रहा है। वहीं इनमें 10 रुपए प्रति किमी तक किराया वसूले जाने से खर्च निकल आएगा। ऐसे में दस किमी का सफर इस वाहन से करने पर लगभग 100 रुपए ही खर्च आएगा। वहीं अन्य वाहनों में यह खर्च दो सौ से ऊपर पहुंच जाता है। इसमें लगने वाली बैट्री पांच से छह घंटे में पूरी तरह से चार्ज हो जाती है। इतनी खूबियों को बावजूद परिवहन विभाग के अधिकारियों ने फिलहाल इस वाहन को चलने की मंजूरी नहीं दी है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि यहां पर चार्जिग प्वाइंट स्टैबलिश करने के लिए एनटीपीसी को पत्र लिखा गया है। उसकी स्थापना होते ही इन वाहनों को चलने की परमीशन मिल जाएगी।
मेरे अलावा दो अन्य लोग उस कमेटी में शामिल हैं जो नई गाडि़यों को रोड पर चलने की परमीशन देते हैं। ई-कार पूरी तरह से फिट है। लेकिन यहां पर उसके चार्जिग प्वाइंट ना होने के कारण फिलहाल उसके संचालन को छूट नहीं दी गई है। चार्जिग प्वाइंट की व्यवस्था होने के साथ ही इनके संचालन की छूट दी जाएगी। ऐसे वाहनों को ऑल इंडिया परमिट पर भी विचार किया जाएगा। - कमल जोशी, एआरटीओ प्राविधिक, परिवहन विभाग, उत्तर प्रदेश