बढ़े सुविधा तो मिले दिल के मरीजों को आराम
- राजधानी के कई अस्पतालों में एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी और सर्जरी की सुविधा नहीं
LUCKNOW: हाल के वर्षो में राजधानी की मेडिकल सुविधाओं में इजाफा तो हुआ है लेकिन बढ़ती आबादी के आगे ये कम ही दिखाई देती हैं। हार्ट के मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों में कार्डियोलॉजी तो है लेकिन अन्य जरूरी इलाज जैसे एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की सुविधा नहीं है। ऐसे में केजीएमयू और लोहिया संस्थान पर ऐसे मरीजों का दबाव बढ़ जाता है। बलरामपुर में सिर्फ कार्डियोलॉजी बलरामपुर अस्पताल में डेली बढ़ी संख्या में हार्ट पेशेंट आते हैं। जिन्हें यहां कार्डियोलॉजी की सुविधा तो मिलती है लेकिन एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी जैसी सुविधाएं नहीं मिलती। जिससे बहुत से मरीजों को दूसरे अस्पताल रेफर किया जाता है। यहां डेली 10 से 15 ऐसे मरीज आते हैं जिन्हें एंजियोग्राफी या एंजियोप्लास्टी की जरूरत होती है। सिविल में बंद है उपचारसिविल अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग है, जहां 8-9 डॉक्टर ओपीडी में अपने क्रम पर मरीजों को देखते हैं। यहां रोज 400 के करीब हार्ट पेशेंट आते हैं, जिनमें 10 से 12 मरीजों को एंजियोग्राफी या एंजियोप्लास्टी के लिए दूसरे हॉस्पिटल रेफर किया जाता है। डॉ। राजेश श्रीवास्तव पहले यहां एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी करते थे लेकिन पिछले छह माह से जरूरी उपकरण बेकार हो जाने से ये ट्रीटमेंट बंद है। पहले यहां हर माह 6-8 पेशेंट की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी होती थी। इसके साथ लोकबंधु में तो कार्डियोलॉजी की सुविधा ही नहीं है।
केजीएमयू पर अतिरिक्त भार केजीएमयू की कार्डियोलॉजी में मरीजों की सर्वाधिक भीड़ होती है। यहां डेली 800 से एक हजार हार्ट पेशेंट आते हैं। वहीं डेली 10 से 15 पेशेंट की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी होती है। यहां हार्ट सर्जरी की भी सुविधा है, जिसकी लंबी वेटिंग चलती है। पीजीआई और लोहिया में है सुविधा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल होने से पीजीआई और लोहिया संस्थान में हार्ट पेशेंट की काफी भीड़ रहती है। पीजीआई में हार्ट सर्जरी के लिए लंबी वेटिंग चल रही है। वहीं लोहिया संस्थान भी कुछ ऐसा ही हाल है। यहां डेली 400 से अधिक हार्ट पेशेंट आते हैं। बाक्स कहां कितने हार्ट पेशेंट रोज अस्पताल मरीज बलरामपुर 15 सिविल 400 केजीएमयू 1000लोहिया संस्थान 400
कोट नये उपकरणों के लिए शासन को लिखा गया है जैसे ही उपकरण मिल जाएंगे सुविधा दोबारा शुरू की दी जाएगी। डॉ। डीएस नेगी, निदेशक सिविल हॉस्पिटल एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। हम बेहतर मेडिकल सुविधाएं देने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। डॉ। एसएम त्रिपाठी, प्रवक्ता, बलरामपुर हॉस्पिटल