शहर की हर गली में आवारा कुत्तों का आतंक
नंबर गेम
110 शहर में कुल वार्ड 5-6 कुत्ते हर गली में 700 रु। कुत्ते के ऑपरेशन पर खर्च - पॉश कॉलोनियों से लेकर मलिन बस्तियों तक में है प्रॉब्लम - जिम्मेदारों की ओर से नहीं उठाया जाता है कोई ठोस कदम LUCKNOW शहर की शायद ही ऐसी कोई गली हो, जहां आवारा कुत्ते नजर न आते हों। जिससे जनता को खासी प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है। हैरानी की बात यह है कि जिम्मेदार इस समस्या को दूर करने के लिए ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। गुजरते वक्त के साथ आवारा कुत्तों की समस्या और भी बढ़ रही है। बच्चों को बनाते निशानावैसे तो आवारा कुत्ते हर किसी को अपना निशाना बनाते हैं लेकिन उनका सॉफ्ट टारगेट बच्चे होते हैं। कई बार देखने में आता है कि जैसे ही बच्चे घर से बाहर खेलने या स्कूल जाने के लिए निकलते हैं, आवारा कुत्ते उन्हें काट लेते हैं।
नहीं हो रही कार्रवाईनिगम के जिम्मेदार डिपार्टमेंट की ओर से भले ही दावा किया जा रहा हो कि हर माह कुत्ते पकड़े जाते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। शहर के पुराने इलाकों में तो स्थिति बेहद खराब है। इनकी वजह से लोगों को खासी प्रॉब्लम हो रही है।
ऐसा नहीं है कि कार्रवाई नहीं होती है। आवारा कुत्तों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाया जाता है। अगर किसी इलाके में प्रॉब्ल्म है तो निश्चित रूप से कदम उठाए जाएंगे। उदयराज सिंह, नगर आयुक्त