संजय ने बाराबंकी जेल में बंद सलेमपुर पतौरा निवासी ज्ञान सिंह यादव को रिहा कराया। इसके बाद उसे सुपारी देकर महेंद्र की हत्या करने की योजना बनाई। इसके लिए उसने भपटामऊ निवासी दिनेश सिंह ठाकुर को भी तैयार किया और उसकी आईडी पर सिम ले लिया ताकि वह पकड़ में न आ सके। संजय ने दुबग्गा निवासी शनि कश्यप को भी सुपारी देकर साजिश में शामिल कर लिया।


लखनऊ (ब्यूरो)। ठाकुरगंज के भूहर पुल के नीचे 25 जुलाई की रात कपड़ा कारोबारी महेंद्र मौर्या (28) की गोली मारकर हुई हत्या का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। रविवार को पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। उनके पास से एक कार व बाइक बरामद की गई है, जिसे वारदात में इस्तेमाल किया गया था। पुलिस मुख्य आरोपी समेत चार लोगों की तलाश कर रही है। पुलिस के मुताबिक, वारदात एकतरफा प्यार में अंजाम दी गई थी। हत्या में शामिल मुख्य आरोपी, मृतक की पत्नी से एकतरफा प्यार करता था। उसने कई बार धमकी भी दी थी।एक्सप्रेसवे पर बहस भी हुई थी


कपड़ा कारोबारी महेंद्र की हत्या उसकी पत्नी शालिनी के फुफेरे मामा संजय मौर्या ने कराई थी। संजय फुफेरी भांजी से प्रेम करता था। वह उससे शादी करना चाहता था, लेकिन सामाजिक दबाव में नहीं कर पाया। छह माह पूर्व शालिनी की शादी महेंद्र से हो गई, जिसके बाद से वह परेशान था। वह किसी न किसी बहाने शालिनी से मिलने की कोशिश करता था। संजय की हरकतों से महेंद्र को शक हो गया था। कुछ दिन पहले महेंद्र ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर संजय को समझाया था। इस दौरान दोनों में बहस हो गई थी। संजय ने महेंद्र की हत्या की योजना बना डाली। पुलिस ने हत्याकांड में शामिल दो आरोपित मलिहाबाद निवासी सतीश गौतम और काकोरी निवासी मुकेश रावत को गिरफ्तार किया है।अपनी शादी से खुश नहीं था संजयएडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा के मुताबिक, मुख्य आरोपित संजय, शूटर ज्ञान यादव, शनि और दिनेश सिंह अभी फरार हैं। चारों की तलाश की जा रही है। शालिनी से भी पूछताछ की गई है। अन्य आरोपियों के पकड़े जाने के बाद पूरा मामला उजागर होगा। संजय हर हाल में शालिनी को अपने साथ रखना चाहता था। वह अपनी शादी से भी खुश नहीं था। महेंद्र की चेतावनी के बाद संजय ने अपने मित्र सतीश गौतम और मुकेश रावत को रेकी के लिए लगाया। दोनों ने महेंद्र के दुकान आने-जाने का समय पता किया और संजय को जानकारी दी।जेल से रिहा कराकर दी सुपारीसंजय ने बाराबंकी जेल में बंद सलेमपुर पतौरा निवासी ज्ञान सिंह यादव को रिहा कराया। इसके बाद उसे सुपारी देकर महेंद्र की हत्या करने की योजना बनाई। इसके लिए उसने भपटामऊ निवासी दिनेश सिंह ठाकुर को भी तैयार किया और उसकी आईडी पर सिम ले लिया ताकि वह पकड़ में न आ सके। संजय ने दुबग्गा निवासी शनि कश्यप को भी सुपारी देकर साजिश में शामिल कर लिया।

गाड़ी लगाकर की थी घेराबंदीएसीपी चौक आईपी सिंह ने बताया कि 25 जुलाई की रात संजय अपने साथी ज्ञान सिंह यादव और शनि के साथ भूहर ओवर ब्रिज के नीचे पहुंचा। प्लान के मुताबिक, मुकेश और दिनेश दुकान से महेंद्र का पीछा कर रहे थे। महेंद्र के निकलने पर मुकेश ने फोन कर संजय को जानकारी दे दी। ओवर ब्रिज के नीचे मोड़ पर सड़क खराब होने के कारण महेंद्र ने गाड़ी धीमी की। इसी दौरान सतीश ने अपनी गाड़ी महेंद्र की गाड़ी के आगे लगा दी ताकि वह भाग न पाए। महेंद्र ने गाड़ी रोकी तो पीछे से शनि ने कार खड़ी कर दी। इसके बाद संजय और ज्ञान यादव ने दोनों तरफ से महेंद्र पर फायङ्क्षरग शुरू कर दी। हमले में महेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई थी। संजय ने गिरफ्तार किए गए आरोपित सतीश को उसकी गाड़ी का लोन चुकाने का लालच देकर साजिश में शामिल किया था। वहीं, मुकेश के पास 70 हजार की लकड़ी थी, जिसे उसने डेढ़ लाख में खरीदने की बात कही थी।छह माह के भीतर करूंगा हत्या

मुख्य आरोपी संजय के पास एक महिला की कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें भी हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपित के पकड़े जाने के बाद कई बातें उजागर होंगी। संजय ने अपने साथियों से कहा था कि महेंद्र की शादी के छह माह के भीतर उसकी हत्या करनी है। यही वजह थी कि उसने 25 जुलाई को ही हत्या की योजना बनाई थी। महेंद्र की शादी 25 जनवरी को शालिनी से हुई थी। पुलिस इस घटना में शामिल अन्य लोगों की भूमिका का पता लगा रही है।

Posted By: Inextlive