Lucknow News: बिगड़ी लाइफस्टाइल की वजह से युवाओं की किडनी समय से पहले ही खराब हो रही है। खासतौर पर उनकी जो जिम जाकर बॉडी बनाने के लिए कुछ भी खा लेते हैं। एक्सपर्ट्स की माने तो पेन किलर एंटी बायोटिक आल्टरनेटिव मेडिसिन और प्रोटीन का अधिक सेवन PAAP इसके बड़े कारण हैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। बिगड़ी लाइफस्टाइल की वजह से युवाओं की किडनी समय से पहले ही खराब हो रही है। खासतौर पर उनकी, जो जिम जाकर बॉडी बनाने के लिए कुछ भी खा लेते हैं। एक्सपर्ट्स की माने तो पेन किलर, एंटी बायोटिक, आल्टरनेटिव मेडिसिन और प्रोटीन का अधिक सेवन (PAAP) इसके बड़े कारण हैं। राजधानी के पीजीआई, केजीएमयू समेत मेदांता आदि संस्थानों में बड़ी संख्या में युवा किडनी से जुड़ीं समस्याएं लेकर आ रहे हैं। इनमें जिम जाकर बॉडी बनाने की चाहत रखने वाले युवाओं की भी बड़ी संख्या है। ऐसे में, युवाओं को बिना डॉक्टरी परामर्श के किसी दवा का सेवन नहीं करना चाहिए।एसजीपीजीआईपेन किलर और एंटी बायोटिक खा रहे


संजय गांधी पीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग के हेड प्रो। नारायण प्रसाद के मुताबिक, युवाओं में किडनी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। ओपीडी में रोजाना 350-450 तक मरीज आते हैं। इसमें बड़ी संख्या युवा मरीजों की है, जो 50-60 पर्सेंट तक पहुंच जाती है। युवाओं की किडनी में गड़बड़ी की बड़ी वजह मन मुताबिक पेन किलर और एंटी बायोटिक दवाएं खाना है, जो फार्मेसी पर ओवर द काउंटर मिल जाती है। जिसकी वजह से किडनी इंजरी का खतरा बढ़ जाता है और डायलिसिस या फिर ट्रांसप्लांट तक की नौबत आ सकती है।

हर हर्बल दवा सेहत के लिए ठीक नहींप्रो। प्रसाद के मुताबिक, आजकल आल्टरनेटिव मेडिसिन यानि आयुर्वेद, यूनानी, हर्बल आदि दवाओं का चलन काफी बढ़ गया है। इनके ऐड भी बताते हैं कि ये पूरी तरह नेचुरल और सेफ होते हैं। पर होता इसका उलटा है। दवाएं मार्केट में आने से पहले कई ट्रायल से होकर गुजरती है, पर ये दवाएं रॉ फार्म में मार्केट में आती हैं, जो प्योर फार्म में नहीं आती है। क्योंकि ऐसी दवाएं सभी में अलग-अलग तरह से इस्तेमाल के लिए होती हैं। हर्बल के चक्कर में युवा ऐसी दवा खा लेते हैं, जिसे किडनी सही से फिल्टर नहीं कर पाती है। जब किडनी 50 पर्सेंट तक डैमेज हो जाती है, तब नुकसान का पता चलता है। बार-बार समस्या होने से यह दिक्कत गंभीर हो जाती है।प्रोटीन का अधिक सेवन ठीक नहीं

आजकल जिम जाकर बॉडी बनाने का चलन है, जिसके कारण युवा कई सप्लीमेंट्स खाते हैं। ये प्रोडक्ट्स हर्बल, टेस्टेड और सेफ कहकर बेचे जाते हैं, जो सच नहीं होता। प्रो। प्रसाद के मुताबिक, युवा आजकल एग वाइट, पनीर, दही आदि नहीं लेते हैं। इसकी जगह वेह-प्रोटीन या अन्य सप्लीमेंट्स का अधिक यूज करते हैं, जो एलर्जन का काम करते हैं। इसे लगातार खाने से किडनी हायपर फिल्टरेशन करनी लगती है और उसको नुकसान पहुंचता है। अगर एक बार किडनी को इसकी वजह से नुकसान हो जाए तो उसे रिवर्स नहीं किया जा सकता। इस तरह के हर माह 3-4 युवा आते हैं।मेदांता मेडिसिटीडॉक्टर से सलाह लेकर खाएंमेदांता मेडिसिटी के नेफ्रोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के डायरेक्टर डॉ। राज कुमार शर्मा बताते हैं कि उनके यहां ओपीडी में रोजाना 120-150 मरीज आते हैं, जिसमें 5-10 पर्सेंट ऐसे युवा आते हैं, जो जिम जाते हैं और उन्हें किडनी से संबंधित समस्या हो गई है। ये युवा 20-25 वर्ष की उम्र के बीच वाले होते हैं। ये लोग बॉडी बनाने के लिए शिलाजीत, वेह-प्रोटीन और अन्य सप्लीमेंट लेते हैं, जिनको दवा देकर इस नुकसान को स्लो करने का काम किया जाता है। वहीं, हर माह 1-2 मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए रेफर किया जाता है। अधिकतर मरीज शुरुआती स्टेज के आते हैं, इसलिए युवाओं को बहकावे में आकर गलत चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।केजीएमयूकम उम्र में किडनी हो रही खराब
केजीएमयू के नेफ्रोलॉजी विभाग के हेड प्रो। विश्वजीत के मुताबिक, किडनी की समस्या जो 50 की उम्र के बाद दिखती थी अब 18-20 उम्र में ही देखने को मिल रही है। इसकी बड़ी वजह गलत खानपान और मनमर्जी की दवाएं खाना है। ओपीडी में रोज आने वाले कुल 250-300 मरीजों में से 15-20 पर्सेंट युवा इसी समस्या के कारण आते हैं। वहीं, हर्बल दवाओं के सेवन का चलन भी बढ़ा है। पर इसका अंधाधुंध सेवन उनकी किडनी को खराब कर रहा है। लोगों को समझना चाहिए कि हर हर्बल चीज सेहत के लिए अच्छी नहीं होती है। ऐसे में, बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा किसी के कहने या सोशल मीडिया पर देखकर नहीं खानी चाहिए।इन जांचों से करें पहचानकिडनी पर कितना असर हुआ है इसके लिए दो साधारण जांच कराकर पता लगाया जा सकता है। पहला यूरिन टेस्ट और दूसरा सीरम क्रिटनिन टेस्ट होता है।युवाओं में पेन किलर व एंटी बायोटिक खाने का चलन बढ़ गया है। जो उनकी किडनी को नुकसान पहुंचा रहा है। इससे बचना चाहिए। - प्रो। नारायण प्रसाद, एसजीपीजीआईहर्बल दवाओं के अधिक सेवन से किडनी पर असर पड़ता है। खुद से इसे लेने से बचना चाहिए। डॉक्टर से परामर्श लेकर ही खाएं। - प्रो। विश्वजीत सिंह, केजीएमयू
जिम जाने वाले युवा नेचुरल की जगह सप्लीमेंट्स का प्रयोग ज्यादा करते हैं, जिससे उनकी किडनी पर बुरा असर पड़ता है। ओपीडी में रोज ऐसे 10-15 पर्सेंट तक मरीज आते हैं। - डॉ। राज कुमार शर्मा, मेदांता मेडिसिटी

Posted By: Inextlive