Lucknow News: मध्यांचल डिस्कॉम के अंतर्गत उपभोक्ताओं के घरों में लगने वाले बिजली मीटर को लेकर एक बड़े खेल का खुलासा हुआ है। उपभोक्ता परिषद के मुताबिक डिस्कॉम के अंतर्गत करीब 94 लाख उपभोक्ताओं के घरों में ऐसे मीटर लगाने की तैयारी की जा रही है जिनके अंदर चाइनीज कंपोनेंट्स लगे हुए हैैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। मध्यांचल डिस्कॉम के अंतर्गत उपभोक्ताओं के घरों में लगने वाले बिजली मीटर को लेकर एक बड़े खेल का खुलासा हुआ है। उपभोक्ता परिषद के मुताबिक, डिस्कॉम के अंतर्गत करीब 94 लाख उपभोक्ताओं के घरों में ऐसे मीटर लगाने की तैयारी की जा रही है, जिनके अंदर चाइनीज कंपोनेंट्स लगे हुए हैैं, जबकि चाइनीज मीटर पर वर्ष 2020 में ही रोक लग चुकी है। ऐसे में, उपभोक्ता परिषद की ओर से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की गई है।बिजली कंपनियां मेहरबान


बिजली कंपनियां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाले निजी घरानों पर खासी मेहरबान हैं। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की ओर से गारंटीड टेक्निकल पर्टिकुलर यानी जीटीपी में खुलासा हुआ कि स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी मीटर के अंदर महत्वपूर्ण पैरामीटर जैसे माइक्रोप्रोसेसर, डिस्प्ले माड्यूल, ऑप्टिकल पोर्ट पावर सप्लाई, बैटरी, पीसीबी, आरटीसी समेत ज्यादातर कंपोनेंट में मेक और ओरिजन चाइनीज बता रहा है और उसे अनुमोदित भी किया गया है। इसका मतलब यह है कि आने वाले समय में जो स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगेगा, उसके अंदर के कंपोनेंट चाइनीज होंगे, जो पूरी तरह गलत है।चाइनीज मीटर पर रोक

भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2020 में चाइनीज मीटर लगाने पर रोक लगा दी थी। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर उत्तर प्रदेश में काफी ऊंची दरों पर खरीदे जा रहे हैं। इसके बावजूद उसमें लगने वाले प्रमुख कंपोनेंट को चीनी कंपनियों से खरीदे जाने की अनुमति अपने आप में गंभीर मामला है। जल्द ही पूरे मामले पर उपभोक्ता परिषद पावर कार्पोरेशन प्रबंधन से बात करेगा और इस प्रकार की कार्रवाई पर अविलंब विराम लगाने की मांग करेगा। सभी बिजली कंपनियों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की जीटीपी को अनुमोदित करने के लिए होड़ मची है। उपभोक्ताओं के परिसर पर लगने वाला स्मार्ट प्रीपेड मीटर उच्च गुणवत्ता का होना चाहिए, इस पर बिजली कंपनियों को बहुत ही पारदर्शी तरीके से काम करना होगा।उपभोक्ता होंगे परेशानअगर उपभोक्ताओं के घरों में इस तरह के मीटर लगा दिए जाते हैैं तो उनको आने वाले वक्त में समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। दरअसल, जो पहले चाइनीज मीटर लगे थे, उनमें गलत रीडिंग समेत कई इश्यू सामने आ गए थे। इसकी वजह से उन पर रोक लगाई गई थी। अगर उपभोक्ताओं के घरों में ऐसे मीटर लगा दिए गए, जिनमें चाइनीज कंपोनेंट लगे हुए हैैं, तो यह समस्या फिर खड़ी हो सकती है।

Posted By: Inextlive