- सजने लगी सेवईयों और कपड़ों की दुकानें

LUCKNOW: बाजारों में इस समय ईद की तैयारियों के चलते काफी रौनक देखने को मिल रही खासतौर से पुराने लखनऊ में। रमजान माह में पंद्रह रोजे पूरे होने के साथ ही लोग ईद की तैयारी में लग गये हैं। एक तरफ लोग इबादत में लोग मशगूल है तो वहीं दूसरी तरफ बजारों में नई डिजाइनर कपड़ों की दुकानें सजने लगी हैं।

सेवाईयों की सजने लगी दुकानें

ईद पर बनाई जाने वाली सिवाईयों की दुकानें लगने लगी हैं। जहां पर लोग ईद के लिए अभी से खरीदारी करने लगे हैं। मौलवीगंज में सिवई का बड़ा कारोबार होता है। पंद्रह रमजान से पहले ही सिवई की डिमांड आने लगती है और दुकानें लगने लगती है। सादी सिवई के अलावा भुनी हुई सिवई भी बाजार में उपलब्ध है। अमीनाबाद, नजीराबाद, नक्खास समेत लगभग सभी जगहों पर दुकानें लगने लगी है।

सवाल: किसी शख्स ने अपने माल की जकात निकाली लेकिन उसने किसी हकदार को नही दिया, और वह रकम साल भर तक रखी रही तो क्या उस रकम पर भी जकात है।

जवाब: वह सोने के आभूषण जो महिलाएं पहनने के लिए प्रयोग करती है उस पर जकात अनिवार्य नहीं है।

सवाल: शबे कद्र कौन सी रातों को कहा गया है।

जवाब: रमजान की तीन राते 19,21,23, की महत्तवपूर्ण है। जिसे शबे कद्र कहा गया है।

सवाल: क्या कजऱ् (लोन) लिए हुए पैसे पर खुम्स अनिवार्य है।

जवाब: जो पैसे मनुष्य के कब्जे में है और उसे खर्च करने पर कोई आपत्ति नही है तो उस पर खुम्स अनिवार्य होगा।

दीनी मसअला जानने के लिए सुबह 10 से 12 बजे तक 9415580936- 9839097407, 9335280700 इन नंबरों पर फोन कर सकते हैं।

लोगों से बात चीत

रमजान का पाक महीना बहुत ही इबादत वाला होता है इस पाक महीने में मैं पूरे महीने जॉब से ऑफ लेकर बस इबादत करता हूं। इस पाक महीनें में जितनी भी इबादत कर सको कर लो क्योकि इसके इतने सवाब और किसी महीने में नहीं मिलता।

- मोहम्मद तनवीर

रोजे का मतलब ये नहीं कि एसी में लेटे रहना सोते रहना, आराम करना और शाम को रोजा खोल लेना। रोजा रखकर रुटीन का काम करना। इस महीने में मैं कभी कोई रोजा नहीं छोड़ता और अपने काम के साथ पूरी इबादत करता हू।

- मोहम्मद वकील

रमजान का महीना हमें अपने गुनाहों की माफी मांगने के लिए मिला है। इस महीनें में इबादत के साथ गरीबों और जरुरत मंदों का भी ख्याल रखना चाहिए। सदका फितरा जरूर अदा करना चाहिए। इस रमजान के महीने में जितना भी खर्च करो उसका हिसाब किताब नहीं होता है।

- मोहम्मद जिया

सात साल की उम्र में रखा रोजा

इतनी जबरदस्त गर्मी जिसमें एक कंटे भी बिना पानी पिये रह जाये तो इंसान की हलक सूखने लगती है। ऐसे में रोजदारों को तो दिक्कत हो रही है मगर मात्र आठ साल के ऐविश पूरे रोजे रखकर अल्लाह की इबादत कर रहे है। नई बस्ती सदर के रहने वाले ऐविश ने पिछली बार पहला रोजा रखा था मगर इस बार वो पूरे रोजे रख रहे है और साथ ही तरावीह की नमाज भी पढ़ते है। ऐविश ने कहा कि शुरू में रोजा रखने पर प्यास की शिद्दत महसूस हुई मगर बस दिल से था कि इस बार पूरे रोजे रखेगें तो हिम्मत की और अभी तक अल्लाह के रहमों करम से पूरे चल रहे है। उन्होंने कहा कि अब तो मौसम भी अच्छा हो गया इसलिए कोई दिक्कत नही होती है।

सुन्नी धर्म गुरु से सवाल-जवाब

इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के तहत दारुल निजामिया फरंगी महल में रोजेदारों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने दिया।

सवाल: क्या एक मस्जिद में तरावीह की दूसरी जमाअत हो सकती है।

जवाब: जिस मस्जिद में एक बार तरावीह की जमाअत हो चुकी हो तो दूसरी बार इसी रात में वहा तरावीह की जमाअत सही नही, लेकिन अकेले अकेले पढ़ना सही है।

सवाल: सदका फित्र किस किस की तरफ से देना वाजिब है।

जवाब: सदका फितर अपनी और अपनी नाबालिग औलाद की तरफ से देना वाजिब है।

सवाल: अगर किसी वजह से किसी शख्स ने रमजान के रोजे नही रखे, तो क्या उस पर भी सदका फित्र वाजिब है।

जवाब: इस पर भी सदका फित्र वाजिब है।

जवाब: जकात पर जकात नही है। इस रकम को जकात में अदा करें।

सवाल: तिलावत के बीच में आयत सजदा पढ़ने के बाद फौरन सजदा करना जरूरी है या बाद में भी कर सकते हैं।

जवाब: इसी वक्त करना बेहतर है लेकिन बाद में भी कर सकते हैं।

अपने सवालों के जवाबों के लिए 9415023970, 9415102947, 9335929670 पर फोन कर सकते हैं।

शिया धर्मगुरु से सवाल-जवाब

आयतुल्लाह अल उजमा सैयद सादिक हुसैनी शीराजी से जारी हेल्प लाइन पर पूछे गए सवालों के जवाब मौलाना सैयद सैफ अब्बास नकवी ने दिए।

सवाल: क्या रोजे के कफ्फारे मे साठ गरीबों को खाना खिलाने के बदले नगद पैसे दे दें तो सही होगा।

जवाब: खाने के बदले मे पैसा देना सही ना होगा बल्कि खाना खिलाना अनिवार्य है।

सवाल: क्या जकात (सदका) नकद रुपये पर है।

जवाब: शिया धर्म मे जकात चीजों पर है। और वह नौ चीजें है सोना, चंादी, भेड़ बकरी, ऊंट, गाय बैल , गेंहू, जौ किशमिश, खजूर वगैरा, नगद पैसों पर अनिवार्य नहीं होता है।

सवाल: क्या पहनने वाले अभूषणों पर जकात अनिवार्य होगा।

Posted By: Inextlive