अगर कोई किसी के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराता है तो उसके खिलाफ पुलिस की तरफ से भारतीय दंड संहिता की धारा 193 व 197 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है। यह मुकदमा पुलिस खुद या कोर्ट के आदेश पर दर्ज कर सकती है। इसमें सात साल कैद व जुर्माना की सजा का प्रावधान है।


लखनऊ (ब्यूरो)। सरोजनीनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले एक युवक पर पड़ोसी युवती छेड़छाड़, मारपीट और कपड़े फाड़ने का आरोप लगाती है। मामले में पुलिस ने भी जांच किए बिना उसपर विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया, लेकिन हकीकत तब सामने आई, जब पुलिस की जांच पूरी हुई। दरअसल, जो युवक आरोपी था वह ब्लड कैंसर की तीसरी स्टेज से जूझ रहा था और उसकी एक दिन पहले ही मेदांता हॉस्पिटल में कीमोथैरेपी हुई थी, जांच में सामने आया कि रंजिशन शिकायत दर्ज कराई गई थी। यह तो सिर्फ एक उदाहरण है, ऐसे ही फर्जी केस लखनऊ पुलिस के लिए इन दिनों एक बड़ी चुनौती बन गए हैं। पेश है अमित गुप्ता की रिपोर्ट729 केसों में लगी एफआर


एक तरफ योगी सरकार महिला अपराध को लेकर सख्ती बरत रही है। पुलिस भी ऐसे लोगों पर लगातार शिकंजा कस रही है, लेकिन दूसरी तरफ इस सख्ती का नाजायज फायदा भी उठाया जा रहा है। जमीनी विवाद, आपसी रंजिश समेत अन्य कई कारणों से कई फर्जीवाड़े भी सामने आ रहे हैं। महिलाओं और बच्चियों का सहारा लेकर कई फर्जी केस दर्ज कराए जा रहे हैं। यह हम नहीं, बल्कि पुलिस के आंकड़े बता रहे हैं। बीते 16 माह में राजधानी के अलग-अलग थानों में दर्ज 3,290 एफआईआर में से पुलिस ने 729 केसों की जांच में कोई साक्ष्य ही नहीं मिले। पुलिस ने इन्हें फर्जी केस मानकर इन सभी केसों की फाइनल रिपोर्ट (एफआर) लगा दी। इनमें एसिड अटैक, पॉक्सो, छेड़छाड़, दहेज उत्पीड़न, बहला कुसलाकर ले जाना, दुष्कर्म, दहेज हत्या आदि कई संगीन धाराओं के मामले शामिल हैं।सबसे ज्यादा बहला फुसलाकर भगाने के केसपुलिस आंकड़ों के मुताबिक, किशोरियों और महिलाओं के साथ होने वाले अपराध में आईपीसी 363 व 366 (बहला फुसलाकर भागना ले जाने) की धाराओं में कुल 504 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें 342 ऐसे केस पाए गए जो पूरी तरह से झूठे थे। इसके अलावा दहेज प्रथा के 1455 केसों में 221 मुकदमों में फर्जीवाड़ा मिला, जबकि दुष्कर्म, छेड़छाड़, पॉक्सो समेत अन्य महिलाओं के प्रति होने वाले आपराधिक मामले शामिल हैं।इस तरह केसों में पाया गया फर्जीवाड़ा-मामूली विवाद पर दहेज प्रथा में नाम लिखवा देना-शादी का झांसा देकर रेप करने का मामला-पुरानी रंजिश के चलते छेड़छाड़ का आरोप लगाना-सहमति से किशोरी और किशोरियों का भाग जानायह भी जानिए

अगर आपके ऊपर झूठी एफआईआर दर्ज कराई गई है तो भारतीय दंड संहिता धारा 482 के तहत आप अपने खिलाफ दर्ज हुई झूठी एफआईआर को चैलेंज कर सकते हैं। इसके लिए आपको कोर्ट में प्राथनापत्र दायर करना होगा। इसके साथ आप अपनी बेगुनाही का सबूत दे सकते हैं।7 साल की सजाअगर कोई किसी के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराता है तो उसके खिलाफ पुलिस की तरफ से भारतीय दंड संहिता की धारा 193 व 197 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है। यह मुकदमा पुलिस खुद या कोर्ट के आदेश पर दर्ज कर सकती है। इसमें सात साल कैद व जुर्माना की सजा का प्रावधान है।अपराध टोटल केस एफआरबहला फुसलाकर भगाना 504 342

दहेज प्रथा 1455 221छेड़छाड़ 413 70दुष्कर्म 338 63
पॉक्सो एक्ट 507 29 दहेज हत्या 66 03एसिड अटैक 07 01कुल 3290 729 किशोरियों और महिलाओं के साथ होने वाले अपराध को सुलझाना पुलिस की प्रायोरिटी रहती है। पर कई ऐसे केस भी आ जाते हैं, जिनमें सच्चाई बिल्कुल अलग होती है। ऐेसे मामले पुलिस के लिए चुनौती बन जाते हैं। हाल ही में कई केसों में एफआर लगाई गई है।-श्रवण कुमार सिंह, डीसीपी, क्राइम अंगेस्ट वूमेन एंड सिक्योरिटी

Posted By: Inextlive