- एडमिशन से पहले कैंडीडेट्स को देने होंगे पांच प्रपोजल

- इसके बाद ही मिलेगा स्टूडेंट्स को इंटरव्यू का मौका

- प्रपोजल के आधार पर ही होगा सभी कैंडीडेट्स का इंटरव्यू

LUCKNOW: लखनऊ यूनिवर्सिटी में पीएचडी एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम देने के बाद इंटरव्यू की प्रक्रिया कैंडीडेट्स के लिए सिरदर्द बन गई है। पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम पास कर चुके कैंडीडेट्स को इंटरव्यू के लिए डिपार्टमेंट्स से डेट निर्धारित की जानी है। वहीं सभी कैंडीडेट्स को डिपार्टमेंट से यह कहकर लौटाया जा रहा है कि इंटरव्यू से पहले कम से कम पांच रिसर्च प्रपोजल बनाकर जमा करें। इसी के बाद कैंडीडेट्स के इंटरव्यू की डेट जारी होगी। ऐसे में इंटरव्यू की डेट के लिए भटक रहे स्टूडेंट्स के लिए पांच-पांच रिसर्च प्रपोजल बनाना मुश्किल हो गया है। जबकि लखनऊ यूनिवर्सिटी की ओर से बनाएं गए पीएचडी के नए ऑर्डिनेंस में रिसर्च प्रपोजल देने की बात कही गई है, उनकी कोई संख्या निर्धारित की गई है। ऐसे में डिपार्टमेंट्स की ओर से जबरदस्ती सभी स्टूडेंट्स को पांच-पांच प्रपोजल जमा करने का दबाव बनाया जा रहा हैं। ऐसे में कैंडीडेट्स डिपार्टमेंट्स के चक्कर काटने का मजबूर हैं। लेकिन यूनिवर्सिटी में सुनवाई करने वाला कोई नहीं हैं।

प्रपोजल के साथ प्रजेंटेशन

एलयू के पीएचडी एडमिशन ऑर्डिनेंस के तहत सभी कैंडीडेंट्स को एक रिसर्च प्रपोजल करीब साढ़े चार सौ से छह सौ शब्दों में बनाकर अपने डिपार्टमेंट में जमा करना होगा। साथ ही कैंडीडेट्स को प्रपोजल के आधार पर ही एक पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन भी बना कर देनी की बात कही गई है। ताकि इंटरव्यू के समय पता चल सके की कैंडीडेट्स किस टॉपिक या फिल्ड में रिसर्च वर्क करना चाहता है। इसी के प्रपोजल और प्रजेंटेशन के आधार पर इंटरव्यू भी होगा। पर अब जब कैंडीडेट्स अपना इंटरव्यू के लिए प्रपोजल जमा करने के लिए डिपार्टमेंट्स जा रहे है। उनको एक नहीं बल्कि पांच रिसर्च प्रपोजल वह भी चार सौ से छह सौ वर्ड में लिखकर और उन्हीं प्रपोजल पर प्रजेंटेशन भी देने का दबाब बनाया जा रहा हैं।

पांच दिसंबर तक प्रपोजल

सभी डिपार्टमेंट्स की ओर से कैंडीडेट्स को अपने रिसर्च प्रपोजल और प्रजेंटेशन जमा करने की लास्ट डेट पांच दिसंबर निर्धारित की गई है। ऐसे में कैंडीडेट्स यूनिवर्सिटी के चक्कर काट रहे है उनको रिसर्च प्रपोजल की संख्या कम करने की छुट प्रदान कर दी जाएं। एडमिशन कोऑर्डिनेटर प्रो। राज कुमार सिंह का कहना है कि हमे पीएचडी एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम आयोजित कराकर रिजल्ट जारी कर दिया है। अब सभी डिपार्टमेंट्स हेड को एक कमेटी बनाकर कैंडीडेट्स का इंटरव्यू आयोजित करना है। इसके लिए डिपार्टमेंट अपने स्तर से इंटरव्यू के लिए कोई भी डेट निर्धारित कर सकते है।

कोट

ऑर्डिनेंस में कितने रिसर्च प्रपोजल देने की इसकी कोई बात नहीं कही गई है। उसमें केवल कैंडीडेंट्स से एक रिसर्च प्रपोजल करीब साढ़े चार सौ से छह सौ वर्ड व उसी पर प्रजेंटेशन देने की बात कहीं गई है। अगर डिपार्टमेंट पांच-पांच प्रपोजल मांग रहे है तो यह गलत है। ऐसा कहीं भी ऑर्डिनेंस जिक्र नहीं हैं।

-प्रो। राज कुमार सिंह, एडमिशन कोऑर्डिनेटर

Posted By: Inextlive