200 से अधिक बुखार के मरीज विभिन्न अस्पतालों में भर्ती

50 फीसद बच्चे बुखार की समस्या के आ रहे अस्पताल

250 बुखार की मरीज रोज आ रहे सिविल अस्पताल

50 फीसद मरीज बलरामपुर की ओपीडी में बुखार के

20 फीसद बुखार के मरीज बढ़े तीन से चार दिन में

- संक्रामक रोगों को रोकने के लिए दावे तो किए हजार, लेकिन सब फेल

- जिन एरिया में बीमारियां फैली हैं, वहां आज भी गंदगी के अंबार

LUCKNOW: दावे हजार फिर भी राजधानी बीमार। जी हां, कुछ ऐसा ही इन दिनों राजधानी में देखने को मिल रहा है। यहां के फैजुल्लागंज, खदरा आदि कई इलाकों में फीवर और डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इन इलाकों में यह समस्या हर साल बारिश के मौसम में आती है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ। हालांकि स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की ओर से इन बीमारियों को रोकने के लिए कई योजनाएं बनाई गई और बड़े-बड़े दावे भी किए गए, लेकिन ये सभी दावे समय से साथ जमींदोज हो गए। विभागीय लापरवाही का आलम यह है कि आज भी इन एरिया के कई क्षेत्रों में न सिर्फ गंदगी का अंबार है, बल्कि कई अधिकारियों के दौरों के बाद भी फॉगिंग तक नहीं कराई गई है। पेश है अनुज टंडन की ग्राउंड रिपोर्ट

शिकायतों पर नहीं देते ध्यान

सामाजिक कार्यकर्ता ममता त्रिपाठी ने बताया कि फैजुल्लागंज के श्याम विहार, कृष्ण लोक, मिल्लत नगर, हरिओम नगर आदि कई क्षेत्रों में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। इस गंदगी के कारण ही मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां हर साल यहां के लोगों को अपना शिकार बनानी हैं। लोग स्थानीय पार्षद से लेकर निगम के अधिकारियों तक से शिकायत करते हैं लेकिन कहीं काई सुनवाई नहीं होती है। एरिया में फॉगिंग और दवा के छिड़काव तभी होता है, जब कोई अधिकारी निरीक्षण के लिए आता है।

अधिकारी आते हैं और चले जाते हैं

खदरा में रहने वाले कई लोगों ने बताया कि हर दूसरे-तीसरे घर में कोई न कोई बीमार है। यहां गंदगी और जलभराव के कारण बीमारियां हर साल फैलती हैं। जब यहां फैली बीमारी चर्चा का विषय बन जाती है तो अधिकारी आते हैं और बड़े-बड़े दावे करके चले जाते हैं। नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीम भी बस एरिया घूमकर निकल जाती है, लेकिन होता कुछ नहीं है।

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दावे और सच्चाई

बीते माह बालू अड्डा में कालरा फैलने के बाद सीएमओ ने राजधानी के उन एरिया की मैपिंग कराने के आदेश दिए थे, जहां संचारी रोग फैलते हैं। इसके साथ ही जहां ज्यादा मरीज मिलें, वहां कंटेनमेंट जोन बनाए जाने की बात की गई थी। अभी तक ये काम शुरू नहीं हो सका है। हालांकि सीएमओ डॉ। मनोज अग्रवाल का कहना है कि राजधानी में 40 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। कैंप लगाकर लोगों की जांच और दवा देने का काम भी किया जा रहा है।

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इन अस्पतालों में बुखार के मरीज अधिक

- बलरामपुर अस्पताल

- सिविल अस्पताल

- लोहिया संस्थान

- रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल

- भाऊराव देवरस अस्पताल

बुखार आने पर जांच कराएं

संचारी रोग नियंत्रण के नोडल इंचार्ज व डिप्टी सीएमओ डॉ। केपी त्रिपाठी ने बताया कि लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है। लोग खुले में बिक रहे खान-पान से दूरी बनाएं। मास्क लगाकर घर से निकलें और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें। अगर बुखार आए तो तुरंत नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच कराएं और डॉक्टर की सलाह पर ही दवाएं लें।

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ऐसे करें बचाव

- सर्दी, जुकाम व बुखार की जांच कराएं

- मरीज तौलिया व साबुन अलग रखें

- एयर कंडीशन का कम इस्तेमाल करें

- ठंडा पानी से परहेज करें

- घर का ताजा व हल्का भोजन लें

- तरल पदार्थ का अधिक सेवन करें

- उल्टी या डायरिया होने पर नमक-चीनी का घोल या ओआरएस लें

कोट

इस इलाके में कैंप के साथ आरआरटी टीमों की संख्या बढ़ाई गई है। पूरी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। विभाग के अधिकारी लगातार इलाकों का दौरा कर रहे हैं।

डॉ। मनोज अग्रवाल, सीएमओ

बोले लोग

केशव नगर में डीएम अभिषेक प्रकाश के दौरे के बावजूद पूरे इलाके में फॉगिंग नहीं कराई गई है। इस कॉलोनी में दर्जनों बच्चे बीमार हैं। विभाग की ओर से कुछ नहीं किया जा रहा है।

मीना पांडेय

अधिकारियों के आने पर कर्मचारी खानापूर्ति करके चले जाते हैं और समस्या जैसी है वैसी ही बनी रहती है। अधिकारियों को ऐसे कर्मियों पर सख्ती करनी चाहिए।

हेमलता सिंह

इलाके में जन समस्याओं का अंबार है। कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जब बीमारी फैलती है, तब अधिकारी चक्कर काटकर चले जाते हैं।

सूरज कश्यप

इलाके में सैकड़ों लोग बीमार हैं। हर बार डेंगू और बुखार इस इलाके में फैलता है। इसके बाद भी बारिश के मौसम में इस एरिया में फॉगिंग से लेकर दवा छिड़काव तक नहीं किया जाता है।

राम विलास शर्मा

Posted By: Inextlive