Lucknow: लखनऊ यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध डिग्री कॉलेज अपने टीचर्स की जानकारी न तो अपनी वेबसाइट पर ही दे रहे हैं और न ही यूनिवर्सिटी को इसकी कोई सूचना दे रहे हैं. इसका फायदा उठाकर टीचर्स दूसरे जगह पढ़ा रहे हैं. जो यूजीसी के नियमों के खिलाफ है. सब कुछ जानने के बाद भी यूनिवर्सिटी इस विषय पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. इस विषय पर यूजीसी कई बार यूनिवर्सिटी व सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों को नोटिस जारी कर चुका है.

दस परसेंट कॉलेज ने ही दी जानकारी

लखनऊ यूनिवर्सिटी से इस समय 119 डिग्री कॉलेज सम्बद्ध है। इसमें से केवल दस परसेंट ऐसे कॉलेज हैं, जो अपनी वेबसाइट को पूरी तरह से अपडेट करते हैं। बाकि कॉलेज इस ओर कोई ध्यान नहीं देते हैं। इसका असर यह है कि ज्यादातर कॉलेजों में मानक के अनुरूप टीचर्स ही नहीं हैं। जिसे छुपाने के लिए कॉलेज यह काम करते हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण टीचर्स पर होने वाले खर्च को छुपाना है। जिसे कॉलेज मैनेजमेंट छुपाता है।

मानक के अनुसार नहीं हैं टीचर्स

यूजीसी का नियम है कि यूनिवर्सिटी और उसे सम्बद्ध डिग्री कॉलेज अपने सभी प्रोफेसर और टीचर्स की शैक्षिक योग्यता को ऑनलाइन करे। मौजूदा समय में सभी सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों की शिक्षा की गुणवत्ता काफी खराब है। इसका सबसे बड़ा कारण है इन कॉलेजों में टीचर्स की चयन मानक के अनुसार नहीं है। कॉलेज मैनेजमेंट इन टीचर्स को कम सैलरी पर नियुक्त कर लेते है। कॉलेज मैनेजमेंट यह भी नहीं देखते हैं कि उस टीचर्स की शैक्षिक योग्यता क्या है। इसी को छुपाने के लिए वह टीचर्स की जानकारी न तो वेबसाइट पर देते हैं और न ही यूनिवर्सिटी को.

हर साल सार्वजनिक करनी होती है जानकारी

एफिलेटेड कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन लखनऊ यूनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष प्रो। मौलीन्दु मिश्रा बताते हैं कि यूजीसी ने सभी कॉलेजों को नए सेशन के शुरू होने के साथ ही अपने टीचर्स की जानकारी को सार्वजनिक करनी होती है। इसके बाद भी एलयू के सम्बद्ध डिग्री कॉलेज इस नियम को नहीं फॉलो करते है। इसका सबसे बड़ा कारण है इन कॉलेजों में पढ़ाने वाले टीचर्स एक साथ दो या उसे अधिक कॉलेजों में पढ़ाते है। पिछले कई सालों से यूनिवर्सिटी को भी इन कॉलेजों की ओर से टीचर्स की सूचना नहीं दी गई है।

क्या कहते हैं अधिकारी

कॉलेजों कोई कई बार सूचना सार्वजनिक करने के लिए कहा गया है। इसके बाद भी वह सूचना नहीं देते हैं। यूनिवर्सिटी जल्द ही इस मामले पर कोई ठोस कार्रवाई करेगी.

- प्रोएनके पांडेय,

प्रवक्ता, एलयू

Posted By: Inextlive