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- डॉक्टर्स की सलाह, बेवजह नहीं कराना चाहिए एंटीबॉडी टेस्ट

द्यह्वष्द्मठ्ठश्र2@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

रुष्टयहृह्रङ्ख: स्वास्थ्य विभाग लगातार निर्देश जारी कर रहा है कि कोविड जांच तय मानक के अनुसार ही की जाए। इसके बाद भी कई बड़ी निजी पैथोलॉजी एंटीबॉडी जांच भी कर रही हैं और इसके लिए 1200 से 1650 रुपए तक ले रही हैं। जबकि डॉक्टर्स का कहना है कि बिना वजह एंटीबॉडी टेस्ट कराने से बचना चाहिए।

नहीं है कोई फायदा

आईसीएमआर के निदेशक डॉ। रजनीकांत ने बताया कि कोरोना के नाम पर एंटीबॉडी की जांच तार्किक नहीं है, इसके लिए गाइडलाइन भी जारी नहीं की गई है। आईसीएमआर ने आरटीपीसीआर, रैपिड एंटीजन और ट्रूनेट विधि की ही मंजूरी दी है। वहीं केजीएमयू की ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन डिपार्टमेंट की एचओडी डॉ। तूलिका चंद्रा ने बताया कि एंटीजन टेस्ट करना ठीक नहीं है, इसका कोई फायदा नहीं है क्योंकि यह केवल प्लाज्मा डोनेट करने वालों के लिए है।

कर रहे एंटीबॉडी टेस्ट

निजी लैब में आरटीपीसीआर के लिए 1600 रुपए और रैपिड एंटीजन के लिए दो हजार रुपए रेट निर्धारित है। वहीं राजधानी में कई बड़ी निजी पैथोलॉजी एंटीबॉडी जांच के लिए औसतन 1500 रुपए ले रही हैं। यह जांच ब्लड सैंपल से होती है और घर से सैंपल लाने के नाम पर 200 से 300 रुपए अलग से चार्ज किए जा रहे हैं।

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बिना वजह न कराएं जांच

लोहिया संस्थान के ट्रांसफ्यूजन डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। सुब्रत चंद्र ने बताया कि यह टेस्ट सिर्फ उन्हें ही कराना चाहिए जो पॉजिटिव मरीज के बेहद करीबी संपर्क में रहे हों। बाकी लोगों के लिए यह जांच कराना बेकार है।

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कोरोना के डर के कारण लोग यह टेस्ट करा रहे हैं, जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं है। यह सिर्फ प्लाज्मा डोनेट करने वालों के लिए है।

डॉ। तूलिका चंद्रा, एचओडी, ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन डिपार्टमेंट, केजीएमयू

Posted By: Inextlive