लखनऊ यूनिवर्सिटी के 64वें दीक्षांत समारोह का आयोजन 26 नवंबर को होने जा रहा हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को एलयू प्रशासन ने टॉप तीन मेडल चांसलर चक्रवर्ती और वाइस चांसलर गोल्ड मेडल के लिए योग्य कैंडीडेंट्स के चुनाव के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया आयोजित की। जिसके बाद चांसलर मेडल लॉ डिपार्टमेंट की एलएलबी फाइव इयर आनर्स फाइनल इयर की छात्रा स्वाती सिंह को मिला। वहीं चक्रवर्ती मेडल एलएलबी फाइव इयर आनर्स फाइनल के स्टूडेंट्स देवधर दुबे को मिला। वहीं वाइस चांसलर गोल्ड मेडल फॉर बेस्ट एनसीसी कैडेड का मेडल मीतेंद्र श्रीवास्तव को दिया जाएगा। एलयू के एग्जाम कंट्रोलर प्रो। एएम सक्सेना ने बताया कि तीनों ही मेडल के लिए 64 स्टूडेंट्स ने आवेदन किया है। चांसलर मेडल के लिए सबसे अधिक 37 स्टूडेंट्स ने आवेदन किया है जबकि चक्रवर्ती मेडल के लिए 19 स्टूडेंट्स और वाइस चांसलर गोल्ड मेडल फॉर बेस्ट एनसीसी कैडेट्स मेडल के लिए 8 स्टूडेंट्स ने आवेदन किया था।

लखनऊ (ब्यूरो)। एलयू के दीक्षांत समारोह इस बार सादगी से मनाया जाएगा। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में किसी राष्ट्रीय स्तर के नेता को नहीं बुलाया गया है। गत वर्ष की भांति प्रदेश की राज्यपाल और यूनिवर्सिटी की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ही गत वर्ष की भांति मुख्य अतिथि हो सकती है। और उपमुख्यमंत्री प्रो। दिनेश शर्मा विशिष्ट अतिथि हो सकते हैं। गुरुवार को हुई कार्यपरिषद की बैठक में वीसी प्रो। आलोक कुमार राय की दीक्षांत समारोह प्रस्तावों पर मुहर लगा दी। साथ ही समारोह में दिए जाने वाले 15 मेडल के लिए टॉपर्स के नामों पर भी अपनी सहमति प्रदान कर दी है।


चार नेशनल अवार्ड जीतकर बढ़ा चुकी है एलयू का गौरव
मैने एलयू के लॉ फैकेल्टी से अपना ऑनर्स की पढ़ाई पूरी की है। अपने पूरे स्टडी के दौरान मैने एलयू के इमेज और इसके नाम को देश व विदेश में कैसे रौशन किया जाएं, इसी पर फोकस रखा था। पढ़ाई के दौरान ही मैने एनसीसी-एनएसएस ज्वाइन किया था। इसके अलावा मैने अपने डिपार्टमेंट में मूट कोर्ट आर्गनाइज्ड कराने वाली कमेटी में भी रही हूं। इस दौरान कैम्पस में 35 से ज्यादा नेशनल व इंटरनेशनल इवेंट कराएं है। साथ ही खुद ही 70 से ज्यादा इवेंट में हिस्सा लिया है। जिसमें मुझे 4 नेशनल अवार्ड भी मिलें है। इसके साथ ही कैम्पस में अपने डिपार्टमेंट के पास खाली पड़े खंडहर को साफ कर वहां पर एक रोज गार्डन बनाया है। जिसमें 300 से अधिक इंग्लिश रोज लगे हैं। वहीं 500 पेड़ भी पूरे कैम्पस में लगाए है। उनकी आज तक खुद ही देखभाल करती हूं। इसके साथ ही हर डिपार्टमेंट में डिस्बीन रखने से लेकर साफ-सफाई तक काम किए है। मेरे पिता सुधीर सिंह इंडियन एयर फोर्स से रिडायर्ड, मां सरिता सिंह अपना बिजनेस करती है।
स्वाती सिंह, चांसलर गोल्ड मेडल

वेबसाइट और यूट्यूब के माध्यम से लोगों को दे रहे है लॉ की जानकारी
चक्रवर्ती मेडल के लिए चयन होना, मेरे लिए एक सपने के पूरा होने के समान हैं। इंटरव्यू को लेकर काफी तैयारी किया था पर जजों के सवाल और मेरे द्वारा किए गए सामाजिक कार्य ने मुझे सफलता दिला दी। मैने पढ़ाई के साथ-साथ कल्चरल एवं स्पोट््र्स कमेटी में शामिल होकर कई कार्यक्रम आयोजित कराए। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी व इसके आसपास के एरिया में जाकर ट्रांसजेंडर, वूमेन इम्पॉवरमेंट सहित विभिन्न मुद्दों पर लोगों को जागरुक किया है। झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों पर सर्वे कराकर गरीब लोगों की प्रॉब्लम को दूर किया साथ ही उनके लिए बने लॉ के बारे में उनको जानकारियां तक मुहैया कराता आ रहा हूूं। लोगों को निश्शुल्क विधिक सलाह देने के लिए यू-ट््यूब चैनल व वेबसाइट शुरू की, उस पर लॉ की शैक्षिक सामग्री भी उपलब्ध कराई। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र वालेंटियर प्रोग्राम से जुड़ा हुआ हूं। आगे चलकर मुझे सिविल की तैयारी करना हैं। मेरे पिता देवेंद्र धर दूबे वकील हैं, मां प्रतिमा दूबे गृहिणी हैं।
- देव धर दूबे, डा चक्रवर्ती गोल्ड मेडल


भविष्य का लक्ष्य आइएएस बनना
12वीं करने के बाद एलयू में बीए में प्रवेश लिया। अभी पांचवें सेमेस्टर की पढ़ाई चल रही है। पापा देशबंधु श्रीवास्तव आर्मी में हवलदार पद से सेवानिवृत्त हैं। मम्मी संगीता श्रीवास्तव गृहिणी हैं। एनसीसी में सीनियर अंडर आफिसर हूं। आगे आइएएस की तैयारी करनी है। मैं पढ़ाई के साथ एनसीसी के एक भारत श्रेष्ठ भारत कैंप में लखनऊ ग्रुप में भी शामिल रहा। इस कैंप ने उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया था। इस दौरान मैने यूपी के अर्थव्यवस्था पर पूरा प्रेजेंटेशन दिया था।
मीतेंद्र श्रीवास्तव, वाइस चांसलर गोल्ड मेडल बेस्ट एनसीसी कैडेट

Posted By: Inextlive