टीईटी परीक्षा पास करने के बाद भी लाखों कैंडीडेट्स का टीचर बनने का सपना लगता है अधूरा रह जाएगा. रिजल्ट आने के बाद उसमें कई बार करेक्शन हुये. इसी की आड़ में शिक्षा माफियाओं ने कुछ कैंडीडेट्स को पास कराने का ठेका ले लिया ने और शुरू हो गया लाखों रुपये की हेराफेरी का खेल. इस खेल में फंस गए हैं माध्यमिक शिक्षा निदेशक संंजय मोहन. उन्हें पहले गिरफ्तार किया गया फिर सस्पेंड


Lucknow: टीचर्स एलिजिबिलटी टेस्ट (टीईटी) में हुई हेराफेरी में अब अधिकारियों के हाथ झुलसने शुरु हो गए हैं। टीईटी में पास कराने का ठेका उठाने वाले कई दलालों और कुछ टीचर्स की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बुधवार को इस मामले में निदेशक माध्यमिक शिक्षा संजय मोहन को उनके आवास से अरेस्ट कर लिया है.
पुलिस का कहना है कि टीईटी के दलालों और डायरेक्टर संजय मोहन के बीच कैंडीडेट्स को पास कराने के लिए सीधी डील हुई थी। इस काम के लिए एक कैंडीडेट्स से लाखों रुपए लिए गए थे। शासन ने संजय मोहन की गिरफ्तारी के बाद उनको सस्पेंड कर दिया है और माध्यमिक निदेशक का कार्यभार बेसिक शिक्षा निदेशक डीसी कन्नौजिया को सौंप दिया है.
पुलिस ने की थी रिकार्डिंग
पुलिस ने 31 दिसंबर को रमाबाई नगर से पांच लड़कों को अरेस्ट कर इनके पास से करीब 87 लाख रुपए बरामद किए थे। पूछताछ में इन लोगों ने पुलिस को बताया था कि यह पैसा टीईटी में पास कराने के लिए कैंडीडेट्स से लिया गया है। इसके बाद पुलिस ने सर्विलांस का जाल बिछाना शुरू कर दिया और एक महीने के अंदर ही करीब 12 लोगों को अरेस्ट किया.
सूत्रों के अनुसार सर्विलांस के जरिए पुलिस ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन का फोन भी टैप किया। इसमें उन्होंने एक दलाल से करीब 5 लाख रुपए की डिमांड की थी। इसके बाद पुलिस ने इनको कई बार पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन वह नहीं आए। इसके बाद पुलिस ने इनके खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी कर दिया और बुधवार को पुलिस ने निशातगंज स्थित उनके आवास से अरेस्ट कर लिया.
जो फेल था वह पास हो गया
परीक्षा होने के बाद से ही टीईटी विवादों के घेरे में आ गई थी। प्रश्नपत्रों में इतनी खामियां थी कि इसको लेकर कई कैंडीडेट हाईकोर्ट चले गए थे। जहां कोर्ट ने इन गलतियों को सुधारने का आदेश दिया था। बस इसी बीच दलालों और अधिकारियों ने माध्यमिक शिक्षा परिषद में अपना जाल फैला लिया। मार्कशीट में करेक्शन के दौरान ही कैंडीडेट्स से पैसे वसूलने शुरु कर दिए.
नतीजा यह हुआ कि जो कैंडीडेट फेल थे, वह करेक्शन के बाद पास हो गए। इसके बदले उनसे करीब 2 से 2.5 लाख रुपए लिए गए.
खुद नहीं पता कितनी बार गलती सुधारी
टीईटी के रिजल्ट आने के बाद कई सवालों में गलतियां पाई गई थी। इसके बाद कैंडीडेट्स ने इसको सही करने के लिए एप्लीकेशन देना शुरु की। कुछ सही हुई तो कुछ को सही कराने के लिए कैंडीडेट्स को कोर्ट जाना पड़ा। इसके बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद ने गलतियां सुधार कर फिर से रिजल्ट जारी किया, लेकिन उसमें कई गलतियां सामने आईं जिसको फिर से सुधारना पड़ा.
आखिर में टीईटी में गलतियों की ऐसी झड़ी लगी कि माध्यमिक शिक्षा परिषद को नहीं पता कि कितनी बार गलती को सुधारा गया है। इसके बाद भी बहुत सी गलतियां अभी तक नहीं सुधारी जा सकी हैं। सूत्रों की मानें तो कहीं यह गलतियां जान बूझ के तो नहीं की गई थीं, क्योंकि इन्हीं गलतियों को सुधारने के दौरान ही सारे खेल को अंजाम दिया गया है.
कई चेहरे होगें बेनकाब
टीईटी में हुई हेराफेरी में अभी लखनऊ से लेकर इलाहाबाद तक कई और चेहरे बेनकाब होंगे। अभी तक सिर्फ इस मामले में माध्यमिक शिक्षा निदेशक का ही नाम सामने आया है। मगर अभी इसमें कई और चेहरे सामने आने बाकी हैं। इसमें शिक्षा भवन से लेकर डायरेक्टर आफिस तक में काम करने वाले कई अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल हैं। जिन्होंने सिर्फ कैरियर की भूमिका अदा की है। इसके साथ ही इलाहाबाद स्थित परिषद के आफिस में काम करने वाले कई कर्मचारी शामिल हो सकते हैं.
नियुक्ति में भी फंसे है निदेशक
माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन सिर्फ टीईटी में ही नहीं बल्कि इंटर कॉलेज में अनियमित तरीके से की गई नियुक्ति के मामले में भी फंसे हुए हैं। टीईटी अनिवार्य होने के बाद भी इन्होंने कई कॉलेजों में टीचर्स की नियुक्ति कर डाली है। इसके साथ ही स्कूलों में कर्मचारियों की नियुक्ति भी की गई है। सूत्रों की माने तो अब तक करीब ऐसी 60 नियुक्तियां आचार संहिता लगने से पहले की गई हैं। जिसमें 7 से 10 लाख रुपए तक लिया गया है.
अब तक क्या-क्या हुआ
13 नवम्बर को टीईटी का एग्जाम हुआ। इसमें 11 लाख 53 हजार कैंडीडेट्स शामिल हुए। 26 नवम्बर को टीईटी का रिजल्ट डिक्लेयर हुआ। जिसमें 2 लाख 70 हजार कैंडीडेट्स ने क्वालीफाई किया। टीईटी एग्जाम के पहले पेपर में 5 सवालों में गलतियां निकली थी जबकि दूसरे पेपर में 8 सवाल गलत पाए गए थे। इसके बाद हंगामा शुरु हो गया। इसी मामले में पुलिस ने 31 दिसंबर को 87 लाख रुपए के साथ तीन लोगों को अरेस्ट किया। फिर इसके बाद पुलिस ने 6 व 11 जनवरी और 7 फरवरी तक करीब 12 लोगों को अरेस्ट कर लिया। इसके बाद 8 फरवरी को पुलिस ने डायरेक्टर माध्यमिक शिक्षा परिषद संजय मोहन को गिरफ्तार कर लिया.

Posted By: Inextlive