शहर की हवा फिर हुई जहरीली, पूरे देश में हम कानपुर के साथ तीसरे नंबर पर
- बुधवार के मुकाबले गुरुवार को फिर बढ़ा एक्यूआई का स्तर
- मुरादाबाद नंबर एक पर, तालचेर के बाद लखनऊ-कानपुर संयुक्त तीसरे नंबर परLUCKNOW: शहर की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है। बुधवार को एक्यूआई स्तर में गिरावट आने के बाद जरुर उम्मीद जगी थी कि गुरुवार को स्थिति में और सुधार होगा, लेकिन हुआ इसके उल्टा। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से जो आंकड़े जारी किए गए, उसमें लखनऊ की हवा और अधिक जहरीली हो गई। यहां का एक्यूआई स्तर 366 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया, जो बुधवार के मुकाबले 27 अंक अधिक है। पूरे देश की बात की जाए तो लखनऊ के साथ कानपुर संयुक्त रूप से तीसरे नंबर पर है। कानपुर का भी एक्यूआई स्तर 366 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया है। लिस्ट में पहले नंबर पर मुरादाबाद है, यहां का एक्यूआई स्तर 435 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा जबकि दूसरे नंबर पर तालचेर 413 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा।
देश के शहरों की लिस्ट शहर एक्यूआई स्तर मुरादाबाद 435तालचेर 413
कानपुर 366 लखनऊ 366 बागपत 352 मुजफ्फरपुर 341 पटना 338 नोएडा 328 गाजियाबाद 325 पानीपत 321 ग्रेटर नोएडा 318 पलवल 310दिल्ली 309
गुरुवार सुबह से लेकर दोपहर तक आसमान में धुंध तो छाई रही, लेकिन बीच में धूप खिलने से उम्मीद थी कि शाम को एक्यूआई स्तर में गिरावट दर्ज की जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एक्यूआई स्तर में अधिक बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। तालकटोरा में स्थिति खतरनाक पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से जारी किए आंकड़ों की बात की जाए तो शहर में तालकटोरा की हवा अधिक जहरीली है। यहां एक्यूआई स्तर 417 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया है। दूसरे नंबर पर गोमतीनगर है। यहां का एक्यूआई स्तर 380 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा। तीसरे नंबर पर लालबाग ने जगह बनाई है, यहां का एक्यूआई स्तर 333 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा। वहीं चौथे नंबर पर अलीगंज रहा, यहां एक्यूआई स्तर 329 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया। शहर के इलाकों का हाल (7 नवंबर) एरिया एक्यूआई अलीगंज 329 गोमतीनगर 380 लालबाग 333 ताल कटोरा 417 (एक्यूआई स्तर माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर में है) देना होगा ध्यान जिस तरह से एक्यूआई स्तर में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है, उससे साफ है कि आने वाले दिनों में स्थिति और खतरनाक हो सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो तेज हवाएं चलने पर ही स्थिति सुधर सकती है। पिछले दो दिन से हवा नहीं चल रही है, जिसकी वजह से एक्यूआई स्तर डाउन नहीं हो रहा है।सोनीपत 301
(एक्यूआई के आंकड़े माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर में) सुधर रही दिल्ली की हवा अभी तक पॉल्यूशन के मामले में सबसे आगे चल रहे राजधानी दिल्ली की हवा में खासा सुधार आया है। गुरुवार को एक्यूआई स्तर 309 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया। इसी तरह नोएडा का एक्यूआई स्तर 328 और गाजियाबाद का एक्यूआई स्तर 325 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा। उक्त सभी शहरों के एक्यूआई स्तर में खासा सुधार देखने को मिल रहा है, लेकिन लखनऊ की बात की जाए तो स्थिति बेहद चिंताजनक है। लखनऊ की पिछले 12 दिन की स्थिति डेट एक्यूआई 26 अक्टूबर 155 27 अक्टूबर 186 28 अक्टूबर 305 29 अक्टूबर 314 30 अक्टूबर 326 31 अक्टूबर 352 1 नवंबर 382 2 नवंबर 422 3 नवंबर 400 4 नवंबर 4355 नवंबर 416
6 नवंबर 339 7 नवंबर 366 (एक्यूआई के आंकड़े माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर में) पानी का छिड़काव जारी नगर निगम की ओर से लगातार पेड़ों में पानी का छिड़काव कराया जा रहा है, इसके बावजूद पॉल्यूशन के लेवल में कोई खास सुधार होता नहीं दिख रहा है। इससे साफ है कि कहीं न कहीं रोड्स पर व्हीकल लोड बढ़ा है, जिसके कारण एक्यूआई स्तर डाउन नहीं हो रहा है। सैटरडे और संडे को व्हीकल लोड कम होने के कारण एक्यूआई स्तर में खासी गिरावट दर्ज किए जाने की संभावना है। कानपुर के साथ बराबरी अभी तक पॉल्यूशन के मामले में कानपुर हमसे आगे चल रहा था, लेकिन गुरुवार को हम संयुक्त रूप से साथ आ गए हैं। इससे साफ है कि कानपुर और लखनऊ दोनों ही शहरों में पॉल्यूशन की रोकथाम को लेकर किए जा रहे उपाय नाकाफी हैं। उधर, पॉल्यूशन का ग्राफ बढ़ने से जनता को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द पॉल्यूशन की रोकथाम के लिए सार्थक कदम उठाए जाएं। इससे राहत मिल सके। धूप खिली फिर भी असर नहीं